Saturday, June 16, 2018

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में हार का बदला लेते हुए केएस लूथरा ने जीमखाना क्लब के चुनाव में गुरनाम सिंह को जो पटखनी दी है, उसके चलते गुरनाम सिंह खेमे के सामने बीएन चौधरी, पराग गर्ग और जगदीश अग्रवाल में से उम्मीदवार चुनने की चुनौती गंभीर हो गई है

लखनऊ । विशाल सिन्हा जिस तरह से बीएन चौधरी की उम्मीदवारी की बात करते करते पराग गर्ग की उम्मीदवारी की बात करने लगे हैं, और जगदीश अग्रवाल भी जिस तरह से विशाल सिन्हा के समर्थन का नाम लेकर अपनी उम्मीदवारी की चर्चा चला रहे हैं, उससे लोगों को लगने लगा है कि विशाल सिन्हा ने अगले लायन वर्ष में उम्मीदवारी के नाम पर अपनी जेब भरने का अच्छा इंतजाम कर लिया है । उल्लेखनीय है कि गुरनाम सिंह खेमे की तरफ से हालाँकि अभी तक बीएन चौधरी का नाम ही 'क्लियर' है, और गुरनाम सिंह तरह तरह की कोशिशों के जरिये उनकी उम्मीदवारी के लिए सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं । बीएन चौधरी की उम्मीदवारी पर सहमति बनाने के प्रयासों के बीच विशाल सिन्हा ने लेकिन पराग गर्ग की उम्मीदवारी की बात चलाई हुई है । इसी 'बात' का नतीजा है कि जो पराग गर्ग कुछ समय पहले तक गुरनाम सिंह की बड़ी खिलाफत और आलोचना किया करते थे, आज उन्हीं गुरनाम सिंह के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं । समझा जा रहा है कि पराग गर्ग के इस हृदय परिवर्तन के पीछे मुख्य कारण विशाल सिन्हा का उन्हें उम्मीदवारी के बाबत दिया गया आश्वासन ही है । विशाल सिन्हा के नजदीकियों का ही कहना है कि विशाल सिन्हा ने पराग गर्ग को समझाया है कि गुरनाम सिंह भले ही बीएन चौधरी की उम्मीदवारी के पक्ष में सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सहमति बनेगी नहीं और चुनाव लड़ने के लिए बीएन चौधरी तैयार होंगे नहीं; इसलिए उनके खेमे में उम्मीदवार की बैकेंसी खाली ही समझिये - जिसे भरने का मौका पराग गर्ग को ही मिलेगा । यानि अभी पराग गर्ग गुरनाम सिंह खेमे के अतिरिक्त खिलाड़ी हैं, जिन्हें मुख्य खिलाड़ी के 'आउट' होने पर ही खेलने का मौका मिलेगा । पराग गर्ग ने लगता है कि इस 'स्थिति' को स्वीकार कर लिया है ।
पराग गर्ग के लिए लेकिन इससे भी बड़ी समस्या जगदीश अग्रवाल की सक्रियता है । जगदीश अग्रवाल का दावा है कि गुरनाम सिंह खेमे की तरफ से उन्हें उम्मीदवार बनाने का भरोसा दिया गया है । उनकी तरफ से दावा किया गया है कि इसीलिए उन्हें प्रदीप अग्रवाल के काफी विरोध के बावजूद अगले लायन वर्ष में रीजन चेयरमैन का पद दिया गया है । उल्लेखनीय है कि प्रदीप अग्रवाल, जगदीश अग्रवाल के क्लब के ही वरिष्ठ सदस्य हैं और गुरनाम सिंह के बड़े खास हैं । प्रदीप अग्रवाल और जगदीश अग्रवाल की बिलकुल भी नहीं बनती है और दोनों ही एक दूसरे पर हावी होने की कोशिश करते देखे जाते रहे हैं । इसी नाते से प्रदीप अग्रवाल ने एड़ीचोटी का जोर लगाया हुआ था कि जगदीश अग्रवाल को एके सिंह की टीम में कोई महत्त्वपूर्ण पद न मिले; उन्हें जब पता चला कि जगदीश अग्रवाल को एके सिंह की टीम में रीजन चेयरमैन बनाया जा रहा है, तो उन्होंने गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा के आगे बड़ा रोना-धोना मचाया - लेकिन उनकी नहीं सुनी गई और जगदीश अग्रवाल को रीजन चेयरमैन बनाया गया । जगदीश अग्रवाल की तरफ से सुनने को मिला है कि गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा ने प्रदीप अग्रवाल की बात इसीलिए नहीं सुनी है, क्योंकि उन्हें जगदीश अग्रवाल को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए उम्मीदवार बनाना है, और उन्हें लगता है कि रीजन चेयरमैन का पद उनकी उम्मीदवारी में मदद करेगा । जगदीश अग्रवाल की सक्रियता और उनकी तरफ से सुनी जा रही बातों ने पराग गर्ग की उम्मीदवारी को संदेहास्पद बना दिया है ।
विशाल सिन्हा के नजदीकियों का कहना/बताना है कि विशाल सिन्हा तो पराग गर्ग को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं, लेकिन उनके खेमे के ही कुछेक पूर्व गवर्नर्स पराग गर्ग की उम्मीदवारी के समर्थन में नहीं हैं । केएस लूथरा खेमे की तरफ से बीएम श्रीवास्तव की उम्मीदवारी घोषित हो जाने के चलते गुरनाम सिंह खेमा उम्मीदवार को लेकर अपने खेमे में फूट को अफॉर्ड नहीं कर सकता है; समझा जाता है कि इसीलिए गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा ने जगदीश अग्रवाल को भी सक्रिय होने के लिए कहा है । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के इस वर्ष हुए चुनाव में गुरनाम सिंह खेमा मामूली अंतर से जीता तो है, लेकिन जीत का अंतर इतना मामूली रहा है कि अगले वर्ष भी जीत हासिल होने का उसे भरोसा नहीं है । लखनऊ के जीमखाना क्लब के चुनाव में गुरनाम सिंह को जो खासी बुरी हार का सामना करना पड़ा है, उसने भी गुरनाम सिंह खेमे के नेताओं की हवा टाइट करने का काम किया है । दरअसल गुरनाम सिंह के प्रेसीडेंट पद के उम्मीदवार हो जाने के चलते जीमखाना क्लब का इस बार का चुनाव लायन राजनीति की खेमेबाजी का शिकार हो गया; गुरनाम सिंह और उनकी टीम को जितवाने के लिए गुरनाम सिंह खेमे के लोग लगे, तो उन्हें हरवाने के लिए केएस लूथरा और उनके समर्थकों ने कमर कसी । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव की हार का बदला लेते हुए केएस लूथरा ने जीमखाना क्लब के चुनाव में गुरनाम सिंह की ऐसी घेराबंदी की कि गुरनाम सिंह खुद तो चारों खाने चित्त हुए ही, उनकी टीम के बाकी दस उम्मीदवारों को भी हार का सामना करना पड़ा ।
जीमखाना क्लब के चुनाव में गुरनाम सिंह और उनकी टीम को मिली करारी पराजय के चलते सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव के संदर्भ में केएस लूथरा के उम्मीदवार के रूप में बीएम श्रीवास्तव के 'भाव' जहाँ बढ़े नजर आ रहे हैं, वहाँ गुरनाम सिंह खेमा बीएन चौधरी, पराग गर्ग और जगदीश अग्रवाल की उम्मीदवारी में 'वजन' देखने/टटोलने के काम में ही उलझा हुआ है । इस उलझन में भी लेकिन विशाल सिन्हा की 'निकल पड़ी' है, क्योंकि उन्हें तो तीन तीन संभावित उम्मीदवारों से पैसे ऐंठने का मौका मिल गया है ।