Thursday, June 21, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद से बर्खास्त सतीश सिंघल के अवॉर्ड फंक्शन पर रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के पदाधिकारियों की नजर होने की सूचना के चलते दीपक गुप्ता और आलोक गुप्ता ने तो अपने आपको फंक्शन से दूर कर लिया है, लेकिन मुकेश अरनेजा अभी असमंजस में हैं

गाजियाबाद । पैसों की बेईमानी करने के आरोप में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद से बर्खास्त सतीश सिंघल द्वारा फर्जी तरीके से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अवॉर्ड फंक्शन किए जाने का संज्ञान लेते हुए फंक्शन पर निगाह रखने की रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय की कार्रवाई ने पूर्व गवर्नर मुकेश अरनेजा तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी दीपक गुप्ता व अतुल गुप्ता के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है । सतीश सिंघल की तरफ से दावा किया गया है कि यह तीनों उनके अवॉर्ड फंक्शन में शामिल होंगे । रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय की 'सख्ती' के चलते दीपक गुप्ता और आलोक गुप्ता ने तो कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर अपने पाँव पीछे खींच लिए हैं, जबकि मुकेश अरनेजा कभी हाँ तो कभी न के झमेले में फँसे हैं । मुकेश अरनेजा कभी तो कहते हैं कि उस दिन वह एक पारिवारिक कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण अवॉर्ड फंक्शन में नहीं आ सकेंगे, अन्यथा वह जरूर शामिल होते; तो कभी दावा करते हैं कि वह अवॉर्ड फंक्शन में अवश्य ही शामिल होंगे और इसके लिए रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय द्वारा दी जाने वाली किसी भी सजा को भुगतने के लिए तैयार हैं । मुकेश अरनेजा तेवर दिखाते हुए कहते/बताते हैं कि रोटरी इंटरनेशनल उनका क्या कर लेगा, ज्यादा से ज्यादा दो-तीन वर्षों के लिए इंटरनेशनल असाईनमेंट देने पर रोक लगा देगा; ऐसे भी इंटरनेशनल असाईनमेंट उन्हें कौन से मिल रहे हैं, बड़े पदाधिकारियों की खुशामद कर-करा कर कभी कहीं किसी डिस्ट्रिक्ट में रिप्रेजेंटेटिव बनने का जुगाड़ वह कर लेते हैं, वह नहीं कर पायेंगे तो क्या हो गया ? साथ ही साथ मुकेश अरनेजा लेकिन डर भी जाते हैं कि बर्खास्त सतीश सिंघल के अवॉर्ड फंक्शन में जाने के कारण कहीं दीपक गुप्ता के गवर्नर-काल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के उनके पद पर संकट न आ जाये, इसलिए वह पारिवारिक कार्यक्रम का वास्ता देकर अवॉर्ड फंक्शन से दूर रहने की बात भी करते हैं ।
रोटरी इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित साऊथ एशिया ऑफिस के पदाधिकारियों को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद से बर्खास्त किए गए सतीश सिंघल द्वारा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अवॉर्ड फंक्शन किए जाने की सूचना मिली तो उन्होंने यह देखने/जानने की 'व्यवस्था' की कि उनके फंक्शन को रोटरी इंटरनेशनल के कौन कौन पदाधिकारी समर्थन दे रहे हैं ? खास बात यह रही कि पदाधिकारियों ने फंक्शन के खिलाफ कार्रवाई करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वह कोई पुलिस नहीं हैं कि रोटरी के नाम पर हो रही ठगी को रोकने के लिए अपने स्तर पर कार्रवाई करें; उनका कहना है कि रोटरी के नाम पर होने वाली ठगी से बचने के लिए रोटेरियंस को खुद ही बचने के प्रयत्न करने होंगे; रोट्रेरियंस यदि ठगी का शिकार होने के लिए और मूर्ख बनने के लिए तैयार हैं, तो वह क्या कर सकते हैं ? लेकिन यह 'देखना' उन्होंने अपनी जिम्मेदारी माना कि रोटरी इंटरनेशनल का कोई पदाधिकारी तो रोटरी के नाम पर होने वाली ठगी में सहायक नहीं बन रहा है । रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के पदाधिकारियों का कहना है कि सतीश सिंघल चूँकि अब रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारी नहीं रह गए हैं, इसलिए वह क्या करते हैं इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है; लेकिन दूसरे पदाधिकारी क्या कर रहे हैं, यह उन्हें जरूर देखना है । रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के पदाधिकारी मुकेश अरनेजा, दीपक गुप्ता व आलोक गुप्ता को सतीश सिंघल के समर्थकों व सहयोगियों के रूप में देखते हैं; ऐसा वह सतीश सिंघल की बातों के आधार पर ही 'देखते' हैं, सतीश सिंघल खुद कई बार कह चुके हैं कि अपने हर काम में उन्हें इन तीनों का सहयोग मिलता रहा है और मिलता रहेगा । रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के पदाधिकारियों की नजर इसीलिए इन तीनों पर है ।
रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के पदाधिकारियों की नजर में होने की सूचना पा कर दीपक गुप्ता और आलोक गुप्ता ने तो अपने आपको सतीश सिंघल के अवॉर्ड फंक्शन से दूर कर लिया है । दीपक गुप्ता शहर से बाहर और दूर होने के कारण स्वतः बच गए और उन्हें कोई बहाने नहीं खोजने पड़े; आलोक गुप्ता ने लेकिन कुछ कुछ कारण बता कर 'व्यवस्था' कर ली है कि वह फंक्शन में और सतीश सिंघल के सहयोगी के रूप में न दिखें; मुकेश अरनेजा, जैसा कि पहले बताया जा चुका है, लेकिन अभी दोहरा रवैया अपनाए हुए हैं और ऐसा कोई उपाय देख रहे हैं जिससे लोगों को भी लगे कि उन्होंने सतीश सिंघल का साथ नहीं छोड़ा है, और रोटरी इंटरनेशनल की 'नजर' में आने से भी वह बच जाएँ । सतीश सिंघल और उनके साथियों को अवॉर्ड फंक्शन के प्रति रोटेरियंस के उपेक्षाभरे रवैये को भी झेलना पड़ रहा है । अवॉर्ड फंक्शन के निमंत्रण पत्र में जिन लोगों के नाम छपे हैं, उनमें ही कईयों का कहना है कि सतीश सिंघल ने मनमाने तरीके से उनके नाम छाप लिए हैं, और उनका इस अवॉर्ड फंक्शन से कोई लेनादेना नहीं है । दरअसल अवॉर्ड के आकांक्षी रोटेरियंस को भी लग रहा है कि रोटरी के नाम पर बेईमानी करने के आरोप में रोटरी इंटरनेशनल द्वारा बर्खास्त किये गए सतीश सिंघल के अवॉर्ड फंक्शन से जुड़ने में और या उनके हाथों से अवॉर्ड लेने में उपलब्धि और गर्व की बात भला क्या होगी, और इसीलिए अवॉर्ड को लेकर उनमें कोई उत्साह नहीं है । इसीलिए रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए निर्धारित की गई 20 जून की तारिख तक गिने-चुने लोगों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिसके कारण फंक्शन से जुड़े लोगों को 21 जून को लोगों को मैसेज भेजना पड़ा है कि जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, वह रजिस्ट्रेशन करवा लें । सतीश सिंघल के लिए मुसीबत और फजीहत की बात यह हो रही है कि उनके समर्थक व शुभचिंतक के रूप में देखे जाने वाले कई वरिष्ठ रोटेरियंस ने अपने आपको उनके अवॉर्ड फंक्शन से दूर रखा हुआ है, और वह यह मान/कह रहे हैं कि इस फंक्शन से सतीश सिंघल ने अपनी बदनामी और फजीहत को और बढ़ा लिया है ।