Wednesday, June 6, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में पूर्व प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन के मुख्य आतिथ्य में होने जा रही डिस्ट्रिक्ट असेम्बली से ठीक पहले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट प्रवीन गोयल पर अपने कार्यकाल के बजट प्रस्तावों पर लगे गंभीर आरोपों की फेहरिस्त को टीके रूबी का समर्थन मिलने से मामला गंभीर हुआ

चंडीगढ़ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट प्रवीन गोयल अपने गवर्नर-काल के बजट प्रस्तावों को लेकर गंभीर आरोपों में घिर गए हैं, और डिस्ट्रिक्ट के अलग अलग 'क्षेत्रों' से उन पर मनमाने तरीके से पैसे इकट्ठे करने तथा हिसाब-किताब में 'धोखाधड़ी' के मौके बनाने के आरोप लगने लगे हैं । डिस्ट्रिक्ट ऑफिस के नाम पर रोटरी भवन के लिए खर्च लेने, जीएसटी के नाम पर पैसा लेने, वेबसाइट के नाम पर बढ़ा-चढ़ा कर पैसे लेने, डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी के लिए जुटाए विज्ञापनों के पैसों को छिपाने, आकस्मिक खर्चों तथा डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की सब्सिडी के नाम पर मोटी रकम लेने के बाबत प्रवीन गोयल पर गंभीर आरोप लगे हैं । सबसे मजेदार किस्सा प्रवीन गोयल ने निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को देने वाले पिन व गिफ्ट्स के मामले में किया है । इसके लिए प्रत्येक रोटेरियन से उन्होंने पंद्रह रुपए लेने का प्रस्ताव रखा है, जबकि निवर्तमान होने वाले मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने उन्हें स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि उन्हें कोई पिन और गिफ्ट्स न दिए जाएँ, उनका स्वागत वह एक गुलाब का फूल देकर ही कर दें । आरोप है कि प्रवीन गोयल ने इसी तरह के बेतुके खर्चे दिखा कर अपने गवर्नर-काल के लिए बढ़ा-चढ़ा कर बजट बनाया है । डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी के एक पूर्व सदस्य एमपी गुप्ता ने प्रवीन गोयल के बजट प्रस्तावों पर जब गंभीर आपत्ति जताई, तो प्रवीन गोयल ने उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया; जिसमें एमपी गुप्ता और प्रवीन गोयल के अलावा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर जेपीएस सिबिया और फाइनेंस कमेटी के सदस्य शाजु पीटर भी शामिल हुए । एमपी गुप्ता की कई आपत्तियों व सुझावों के प्रति प्रवीन गोयल तथा उनके दोनों साथियों ने सहमति भी व्यक्त की और बजट प्रस्ताव में संशोधन करने के लिए हामी भी भरी, लेकिन डिस्ट्रिक्ट के कई लोगों को विश्वास है नहीं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट प्रवीन गोयल और उनके संगी-साथी अगले रोटरी वर्ष के प्रस्तावित बजट खर्चे में वास्तव में कोई कमी करेंगे भी ।
उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को अपने कामकाज को व्यवस्थित रूप से करने के लिए रोटरी इंटरनेशनल से करीब 12 लाख रुपये मिलते हैं; अधिकतर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अपने घर या ऑफिस से काम करते हैं और उसी में रोटरी इंटरनेशनल से मिली रकम को एडजस्ट कर लेते हैं - लेकिन प्रवीन गोयल का पेट रोटरी इंटरनेशनल से मिले पैसों से नहीं भर रहा है, और डिस्ट्रिक्ट ऑफिस के नाम पर रोटरी भवन की व्यवस्था के लिए उन्होंने बजट में करीब दो लाख रुपये लेने का जुगाड़ कर लिया है । रोटरी भवन का रोटरी और या डिस्ट्रिक्ट के कामकाज से वास्तव में कोई लेनादेना नहीं है, यह सिर्फ तीन लोगों मधुकर मल्होत्रा, शाजु पीटर व बीएल रामसिसरिया के गपशप के लिए बैठने का ठिकाना भर है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने कई मौकों पर शिकायत की कि डिस्ट्रिक्ट के विभिन्न प्रोजेक्ट्स से जुड़े जो रिकॉर्ड्स रोटरी भवन में मौजूद होने के दावे किये जाते रहे हैं, वह उन्हें रोटरी भवन में कभी नहीं मिले/दिखे । ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि प्रवीन गोयल को जब रोटरी भवन से कामकाज करना नहीं है, और यदि करना भी है तो उसके लिए उन्हें रोटरी इंटरनेशनल से पैसे मिलेंगे - तब फिर वह डिस्ट्रिक्ट के लोगों पर करीब दो लाख रुपये का बोझ क्यों डाल रहे हैं ? कुछेक लोगों का तो सीधे सीधे पूछना है कि यह पैसा आखिर किसकी जेब में जायेगा ? डिस्ट्रिक्ट की वेबसाइट के लिए 32 हजार रुपये का खर्चा दिखाया गया है, जबकि बाजार में 12 हजार रुपये में वेबसाइट बन जा रही है । जीएसटी के नाम पर करीब पौने चार लाख का खर्चा तो दिखा दिया गया है, पर इस बात को छिपा लिया गया है कि इसका तो इनपुट मिलेगा और आमदनी में इसका कोई जिक्र नहीं किया । आकस्मिक खर्चे के नाम पर प्रत्येक सदस्य से वसूली जाने वाली रकम दस रुपये से बढ़ा कर 45 रुपये तो कर दी गई, लेकिन यह नहीं बताया कि ऐसे कौन से आकस्मिक मौके हैं जिनके लिए उन्हें एकदम से 350 प्रतिशत की वृद्धि करनी पड़ रही है ।
इस मामले को गंभीर बनाने का काम किया डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी के हस्तक्षेप ने । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट प्रवीन गोयल के बजट प्रस्तावों की डिस्ट्रिक्ट के विभिन्न कोनों से आलोचना शुरू हुई, तो टीके रूबी ने भी मामले में हस्तक्षेप किया और प्रवीन गोयल को सुझाव देते हुए पत्र लिखा कि उन्हें डिस्ट्रिक्ट के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में बजट प्रस्तावों पर विचार-विमर्श के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए । टीके रूबी ने अपने पत्र में निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्हें दिए जाने वाले पिन व गिफ्ट्स पर, आकस्मिक खर्चे पर, डिस्ट्रिक्ट कार्यालय के खर्चे पर तथा डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की सब्सिडी पर भी अपनी आपत्ति दर्ज की है तथा इन्हें गैर जरूरी व रोटेरियंस पर अतिरिक्त बोझ डालने के रूप में रेखांकित किया है । टीके रूबी के लिखे पत्र ने प्रवीन गोयल के लिए मामले को खासा गंभीर बना दिया है । दरअसल टीके रूबी के हस्तक्षेप ने प्रवीन गोयल पर बजट प्रस्तावों की आड़ में अनाप-शनाप तरीके से वसूली बढ़ा देने की तैयारी को सवालों के घेरे में ला कर विश्वसनीय बना दिया है । आम रोटेरियन कहते रहते और आरोप लगाते रहते, तो प्रवीन गोयल आराम से उनकी अनसुनी कर सकते थे; लेकिन अब जब मामले में मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में टीके रूबी खुद कूद पड़े हैं, तो प्रवीन गोयल के लिए मामला खासा गंभीर हो गया है । हालाँकि अधिकतर लोगों का मानना और कहना है कि टीके रूबी के हस्तक्षेप के बाद भी प्रवीन गोयल पर कोई असर पड़ेगा, और वह अनाप-शनाप रूप में की जाने वाली वसूली से पीछे हटेंगे - इसकी उम्मीद न के बराबर ही है । प्रवीन गोयल को जानने वाले लोगों का हालाँकि कहना है कि प्रवीन गोयल तो सीधे/शरीफ व्यक्ति हैं और रोटरी के नाम पर वह कोई बेईमानी करने के बारे में नहीं सोच सकते हैं, इसीलिए उनके बजट प्रस्तावों की तीखी आलोचना करने वाले डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी के पूर्व सदस्य एमपी गुप्ता से बात करने और मामले को समझने के लिए भी वह तैयार हुए - लेकिन वह जिस तरह के लोगों से घिरे हुए हैं उनकी जुबान ने रोटरी के पैसे का मजा चखा हुआ है, और वही लोग प्रवीन गोयल से उल्टा-पुल्टा काम करवा रहे हैं । ऐसा मानने और कहने वाले लोगों के लिए हालाँकि यह समझना मुश्किल हो रहा है कि डिस्ट्रिक्ट में बेईमानी के लिए बदनाम हो चुके नेताओं के हाथों प्रवीन गोयल आखिर मजबूर क्यों बने हुए हैं ?