Saturday, June 2, 2018

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 के चेयरमैन के चुनाव में पहले तो पारस अग्रवाल ने तेजपाल खिल्लन को पटखनी दी, और फिर रवि मेहरा ने उनसे दूरी बनाई - तो तेजपाल खिल्लन हैदराबाद में पूरी तरह अलग थलग पड़ गए

नई दिल्ली । हैदराबाद में आयोजित हुई ऑल इंडिया स्कूलिंग से लौटे तेजपाल खिल्लन ने डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के कुछेक लोगों से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट रवि मेहरा की शिकायत की है कि रवि मेहरा ने हैदराबाद में उन्हें कोई तवज्जो नहीं दी, जिसके चलते वह लोगों के बीच अलग-थलग पड़ गए । दरअसल हैदराबाद में जुटे जमघट में तेजपाल खिल्लन पहुँचे तो इस उम्मीद में थे कि वहाँ वह अपनी 'राजनीति' और अपने समर्थन का जलवा दिखायेंगे, लेकिन वहाँ उन्हें अपने लोगों ने ही तवज्जो नहीं दी - और पहले ही दिन माहौल भाँप कर तेजपाल खिल्लन ने भी अपने आप को पीछे कर लिया । तेजपाल खिल्लन हैदराबाद के आयोजन में हालाँकि शामिल तो हुए थे डिस्ट्रिक्ट 321 ए वन के गवर्नर इलेक्ट के रूप में, लेकिन वह वहाँ 'पहुँचे' थे मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 की काउंसिल के एडवाइजर की ठसक के साथ । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में यह पद उनके लिए ही 'बनाया' गया था और उन्हें ही मल्टीपल काउंसिल के 'सुपर चेयरमैन' के रूप में देखा/पहचाना जाता रहा है । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट में एक खेमे को तेजपाल खिल्लन खेमे के नाम से जाना/पहचाना जाता है । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के चुनाव में पारस अग्रवाल को लीडरशिप का उम्मीदवार बताते हुए तेजपाल खिल्लन अपने उम्मीदवार को लाने तथा जितवाने की तैयारी कर रहे थे । जाहिर है कि मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में उनकी एक बड़ी उपस्थिति और भूमिका रही है । इस पृष्ठभूमि में तेजपाल खिल्लन हैदराबाद में यदि एक बड़ी भूमिका निभाने और या 'दिखाने' की सोच कर पहुँचे थे, तो यह बहुत स्वाभाविक ही है । लेकिन हैदराबाद में मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 के विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के पदाधिकारी जिस तरह तेजपाल खिल्लन से दूर दूर रहे, उससे तेजपाल खिल्लन का हैदराबाद में अपना जलवा 'दिखाने' का सारा प्रोग्राम चौपट ही हो गया ।
तेजपाल खिल्लन ने इसका ठीकरा रवि मेहरा के सिर फोड़ा । तेजपाल खिल्लन का कहना है कि रवि मेहरा ने हैदराबाद में उनके साथ परायों जैसा व्यवहार किया, जिसके चलते वहाँ उनके लिए अलग-थलग पड़ने जैसा माहौल बना । हैदराबाद में रवि मेहरा का व्यवहार तेजपाल खिल्लन के लिए भी चकित करने वाला रहा । दरअसल तेजपाल खिल्लन को डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू में पिछले एक-डेढ़ वर्ष में खास तवज्जो मिलती रही है, जिस कारण वह अपने आप को डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू का भी 'मालिक' समझने लगे हैं । इसी नाते उन्हें उम्मीद थी कि अगले लायन वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने जा रहे रवि मेहरा भी उन्हें वैसी ही तवज्जो देंगे, जैसी तवज्जो उन्हें विनय गर्ग व इंद्रजीत सिंह से मिलती रही है । रवि मेहरा भी चूँकि उसी खेमे के सदस्य हैं, जिस खेमे में विनय गर्ग और इंद्रजीत सिंह हैं - इसलिए रवि मेहरा से तवज्जो पाने की तेजपाल खिल्लन की उम्मीद जायज ही मानी/समझी जाएगी । लेकिन रवि मेहरा ने उनकी उम्मीद पर पानी फेर दिया । तेजपाल खिल्लन का पानी हालाँकि डिस्ट्रिक्ट 321 सी टू के गवर्नर पारस अग्रवाल पहले ही निकाल चुके थे । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में काउंसिल चेयरमैन पद की उम्मीदवारी के लिए पारस अग्रवाल ने जिस तरह अपने समर्थकों की मदद से मल्टीपल के दस डिस्ट्रिक्ट्स में से आठ डिस्ट्रिक्ट्स का अपने लिए समर्थन जुटा लिया, उससे मल्टीपल की चुनावी राजनीति में तेजपाल खिल्लन के लिए करने को कुछ बचा ही नहीं था ।
मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में तेजपाल खिल्लन का जो कबाड़ा हुआ, दरअसल उसी ने हैदराबाद में उनके लिए हालात मुश्किल बना दिए । तेजपाल खिल्लन को यह आशंका तो थी कि हैदराबाद में अपने ही मल्टीपल के डिस्ट्रिक्ट्स के पदाधिकरियों के बीच उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं मिलेगी - लेकिन उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि वहाँ उनकी खासी बुरी गत बनेगी । उन्हें उम्मीद थी कि डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के गवर्नर इलेक्ट रवि मेहरा का संग-साथ उन्हें मिलेगा, तो फिर वह अपने लिए मौका और माहौल किसी तरह बना ही लेंगे और अपने आप को अलग-थलग नहीं पड़ने देंगे । लेकिन रवि मेहरा भी दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के पदाधिकारियों की तरह उनसे दूर दूर ही रहे और जिसके चलते तेजपाल खिल्लन हैदराबाद में पूरी तरह अकेले पड़ गए । तेजपाल खिल्लन के लिए मुसीबत की बात यह रही कि रवि मेहरा के रूप में उनके अपने समझे जाने वाले लोगों ने भी उनसे किनारा कर लिया है । दिल्ली लौट कर तेजपाल खिल्लन ने रवि मेहरा के रवैये की शिकायत उनके डिस्ट्रिक्ट के कुछेक बड़े नेताओं से की है । लेकिन इस मामले में वह बड़े नेता भी अपने आपको असहाय पा रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट रवि मेहरा ने अगले वर्ष के अपने गवर्नर-काल में पदाधिकारी बनने/बनाये जाने वाले लोगों से ली जाने वाली रकम में जो इजाफा किया है, उनके डिस्ट्रिक्ट और उनके खेमे के बड़े नेता उससे ही परेशान हैं । डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू में मजे की बात यह हुई है कि गुरचरण सिंह भोला और रमन गुप्ता ने तो अपने अपने कार्यकाल में क्रमशः पाँच हजार और ढाई हजार रुपए लेने की घोषणा की हुई है, लेकिन रवि मेहरा इक्कीस इक्कीस हजार रुपए तक ले रहे हैं । इससे डिस्ट्रिक्ट के लोगों में नाराजगी है, और वह बड़े नेताओं से शिकायत कर रहे हैं - लेकिन बड़े नेताओं को यह समझ ही नहीं आ रहा है कि वह करें तो क्या करें । सत्ता खेमे के नेता रवि मेहरा के पदों के बदले ज्यादा बढ़ा कर पैसे लिए जाने के मामले से ही परेशान थे, और अब तेजपाल खिल्लन की शिकायत ने उन्हें रवि मेहरा की तरफ से और भी सशंकित कर दिया है ।