नई दिल्ली । बेस्ट प्रेसीडेंट के
अवॉर्ड को लेकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी के बदले बदले से रवैये को
लेकर रोटरी क्लब साऊथ सेंट्रल के प्रेसीडेंट मुकेश अग्रवाल और रोटरी क्लब दिल्ली रीजेंसी के प्रेसीडेंट राजेंद्र सिंघल बुरी तरह नाराज नजर आ रहे हैं, और खुद को ठगा हुआ पा रहे हैं । यह
दोनों दरअसल बेस्ट प्रेसीडेंट के अवॉर्ड के आकांक्षी हैं; दोनों के
नजदीकियों का दावा है कि रवि चौधरी ने दोनों को ही बेस्ट प्रेसीडेंट का
अवॉर्ड देने का झाँसा दिया हुआ था, और इसके बदले में दोनों को ही जम कर
'लूटा' । रवि चौधरी के कहने पर दोनों ने ही रोटरी पर और डिस्ट्रिक्ट के
विभिन्न कार्यक्रमों पर तो पैसा खर्च किया ही, रवि चौधरी पर निजी रूप से भी
पैसा लुटाया और अपने पैसे से रवि चौधरी को मौज-मजा करवाया । इसके चलते
दोनों मान रहे थे कि बेस्ट प्रेसीडेंट का अवॉर्ड उन्हें ही मिलेगा । समस्या
की बात लेकिन यह हुई कि अवॉर्ड तो एक ही है, एक अवॉर्ड दो लोगों को कैसे
दिया जाये ? रवि चौधरी की तिकड़मी बुद्धि ने लेकिन इसका उपाय भी खोज लिया ।
उन्होंने दोनों को ही बेस्ट प्रेसीडेंट का अवॉर्ड देने का विचार बनाया ।
मुकेश अग्रवाल के नजदीकियों के अनुसार, मुकेश अग्रवाल ने लेकिन इस विचार के
प्रति अपनी नाराजगी और असहमति जाहिर कर दी है । मुकेश अग्रवाल की तरफ से
रवि चौधरी को साफ बता दिया गया है कि बेस्ट प्रेसीडेंट का अवॉर्ड उन्हें
देने की बात रवि चौधरी ने खुद कई बार उनसे कही है, लिहाजा अब यदि वह अपनी
ही बात से पलटना चाहते हैं - तो ठीक है, मैं क्या कर सकता हूँ । रवि चौधरी
हालाँकि उन्हें इस बात के लिए राजी करने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं कि वह
बेस्ट प्रेसीडेंट का अवॉर्ड राजेंद्र सिंघल के साथ शेयर करने के लिए राजी
हो जाएँ, और दोनों लोग छह छह महीने ट्रॉफी अपने पास रखें । मुकेश अग्रवाल के नजदीकियों के अनुसार, मुकेश अग्रवाल लेकिन अभी
तक तो इसके लिए राजी नहीं हुए हैं ।
रवि चौधरी ने एक
फार्मूला यह भी निकाला कि एक को वह बेस्ट प्रेसीडेंट का तथा दूसरे को बेस्ट
क्लब का अवॉर्ड दे दें । किंतु इससे भी बात बनती हुई नहीं दिखी है । बेस्ट
क्लब के अवॉर्ड में प्रेसीडेंट के लिए गर्व करने वाली बात भला क्या होती
है ? मुकेश अग्रवाल और राजेंद्र सिंघल की तरफ से रवि चौधरी को साफ बता दिया
गया है कि बेस्ट प्रेसीडेंट का अवॉर्ड नहीं, तो फिर जो कुछ भी मिलेगा -
उसका उनके लिए कोई मतलब नहीं है । इन दोनों ने ही रोटरी व डिस्ट्रिक्ट के
साथ-साथ रवि चौधरी की भी जिस तरह से 'सेवा' की है, उसके कारण रवि चौधरी इन
दोनों को ही खुश करना/रखना चाहते हैं - ताकि वह आगे भी इनसे अपनी 'सेवा'
करवा सकें । रोटरी और डिस्ट्रिक्ट का काम करने के मामले में रोटरी क्लब
फरीदाबाद ईस्ट के प्रेसीडेंट तरुण गुप्ता का भी अच्छा रिकॉर्ड रहा है,
लेकिन जो बात उन्हें बेस्ट प्रेसीडेंट के अवॉर्ड की दौड़ से उन्हें बाहर
करती है, वह यह कि उन्होंने रोटरी और डिस्ट्रिक्ट के लिए तो बहुत कुछ किया,
लेकिन रवि चौधरी के लिए निजी रूप से कुछ नहीं किया । तरुण गुप्ता कुछ समय हालाँकि इस गलतफहमी में रहे कि उनके क्लब के वरिष्ठ सदस्य केसी लखानी ने रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी का चुनाव जितवाने में चूँकि
महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसलिए रवि चौधरी बेस्ट प्रेसीडेंट के अवॉर्ड
का फैसला करते समय इस बात का अवश्य ही लिहाज करेंगे; रवि चौधरी ने लेकिन
जब कुछेक लोगों के बीच साफ-साफ कह दिया कि बेस्ट प्रेसीडेंट के अवॉर्ड में
किसी लखानी-फखानी की नहीं सुनी जाएगी, तब तरुण गुप्ता ने बेस्ट प्रेसीडेंट
के अवॉर्ड की दौड़ से अपने आपको बाहर ही कर लिया । बेस्ट प्रेसीडेंट के
अवॉर्ड की दौड़ में रोटरी क्लब दिल्ली के प्रेसीडेंट कपिल दत्ता को भी देखा/पहचाना जाता रहा है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी सुरेश भसीन के क्लब का होना उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गया है; डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लगता है कि रवि चौधरी किसी भी हाल में सुरेश भसीन के क्लब के प्रेसीडेंट को तो बेस्ट प्रेसीडेंट के अवॉर्ड के लिए नहीं ही चुनेंगे । इसलिए लोगों के बीच प्रेसीडेंट के रूप में उनके काम की तारीफ भले ही होती हो, लेकिन बेस्ट प्रेसीडेंट अवॉर्ड की दौड़ से लोग उन्हें बाहर ही मानते हैं ।
कुछ ही समय पहले तक
रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ ईस्ट की प्रेसीडेंट सारिका यादव को बेस्ट
प्रेसीडेंट अवॉर्ड के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जाता था । डिस्ट्रिक्ट
विन्स सेमीनार में पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर तथा विन्स इंडिया के
प्रेसीडेंट सुशील गुप्ता को भाषण के लिए समय न देकर सारिका यादव के एक निजी
अवसर को सेलीब्रेट करने के लिए केक काटने/कटवाने को प्राथमिकता देकर रवि
चौधरी ने पूरे डिस्ट्रिक्ट को साफ संदेश दे दिया था कि उनके लिए एक तरफ
सारी रोटरी है और दूसरी तरफ सारिका यादव हैं । रवि चौधरी ने 'दिखा' दिया था
कि सारिका यादव के लिए वह रोटरी के विन्स जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम की
और रोटरी के सुशील गुप्ता जैसे बड़े नेता की भी ऐसीतैसी कर सकते हैं । ऐसे
में हर कोई मान रहा था कि बेस्ट प्रेसीडेंट का अवॉर्ड तो सारिका यादव के
लिए ही पक्का है । लेकिन यह कई दिन पहले की बात है । सारिका यादव से रवि
चौधरी जो लाभ ले सकते थे, वह ले चुके हैं; और रवि चौधरी को अब मुकेश
अग्रवाल और राजेंद्र सिंघल ज्यादा उपयोगी दिखने/लगने लगे हैं । रवि चौधरी
जिन लोगों के साथ मिल कर अवॉर्ड तय करने के काम में जुटे हैं, उनका कहना है
कि बेस्ट प्रेसीडेंट अवॉर्ड को लेकर रवि चौधरी के लिए मुकेश अग्रवाल और
राजेंद्र सिंघल के बीच फैसला करना मुश्किल बना हुआ है । मुश्किल की बात
उनके लिए यह हो रही है कि बेस्ट प्रेसीडेंट का अवॉर्ड वह संयुक्त रूप से
दोनों को देते हैं, तो दोनों ही नाराज होते हैं; और यदि किसी एक को देते
हैं तो दूसरा नाराज होता है । दोनों में से किसे खुश रखना उनके लिए
फायदेमंद होगा, रवि चौधरी के लिए इस समय यह सवाल बड़ा महत्त्वपूर्ण बना हुआ
है ।