अंबाला । पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर यशपाल दास उत्तराखंड व हिमाचल के बाढ़/बारिश पीड़ितों की बजाये केरल के बाढ़/बारिश पीड़ितों के लिए पैसे इकट्ठे करने के मामले में अपने डिस्ट्रिक्ट के लोगों के निशाने पर आ गए हैं, और लूट-खसोट के आरोपों में एक बार फिर से घिर गए हैं । उल्लेखनीय है कि देश के कई राज्य इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं; केरल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही होने की खबरें आ रही हैं । आमतौर पर इस तरह की विपदा के शिकार लोगों की मदद के लिए सामाजिक संस्थाएँ आगे आती हैं । इस तरह के मौकों पर रोटरी भी अक्सर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाती है, और इसके लिए वरिष्ठ पदाधिकारी पहल करते हैं और रोटेरियंस को मदद करने के लिए प्रेरित करने का काम करते हैं । लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल को डिस्ट्रिक्ट की भौगोलिक सीमा में पड़ने वाले उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश के बाढ़/बारिश पीड़ितों की मदद के लिए कोई पहल करते हुए नहीं देखा गया; डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ पूर्व गवर्नर्स भी उत्तराखंड व हिमाचल के बाढ़/बारिश पीड़ितों की तरफ से आँखें मूँदे रहे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल और पूर्व गवर्नर्स के इस रवैये को लेकर डिस्ट्रिक्ट के रोटेरियंस के बीच रोष तो था, लेकिन वह मुखर रूप में प्रकट नहीं हो रहा था । लेकिन केरल के बाढ़/बारिश पीड़ितों की मदद की अपील करके यशपाल दास और उनकी अपील को आगे बढ़ा कर प्रवीन गोयल ने लोगों के 'जले' पर जैसे नमक रगड़ने का काम किया । डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ सदस्यों ने सीधे सीधे आरोप लगाए कि अपने 'घर' के लोगों की मुसीबतों की सुध लेने की बजाये दूसरों की मदद करने के नाम पर कुछेक लोग अपनी जेब भरने की तैयारी कर रहे हैं ।
इस मामले में यशपाल दास ने ज्यादा 'स्मार्ट' बनने/दिखने की कोशिश की, जिसके चलते वह लोगों के आरोपों के निशाने पर आ गए । यशपाल दास ने यह जो सक्रियता दिखाई, वह दरअसल डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को संबोधित इंटरनेशनल डायरेक्टर बासकर चॉकलिंगम की अपील आने के बाद दिखाई । मजे की बात यह रही कि बासकर चॉकलिंगम ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को मदद की जो अपील संबोधित की, डिस्ट्रिक्ट 3080 के गवर्नर प्रवीन गोयल ने उसका संज्ञान नहीं लिया - उन्होंने संज्ञान तब लिया जब यशपाल दास ने उन्हें 'जगाया' । लोगों ने सवाल उठाये कि यशपाल दास किस हैसियत से केरल के बाढ़/बारिश पीड़ितों के लिए पैसा इकट्ठा कर रहे हैं ? दरअसल यशपाल दास पर उत्तराखंड डिजास्टर रिलीफ फंड तथा रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3080 सर्विस ट्रस्ट के एकाउंट्स में हेराफेरी करने के गंभीर आरोप रहे हैं, जिन्हें लेकर रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड तक में शिकायत हुई है । उन्हीं आरोपों का हवाला देते हुए यशपाल दास को यह कहते हुए घेरा गया कि उनके जैसे लोग प्राकृतिक आपदा को अपने लिए पैसा इकट्ठा करने के मौके के रूप में देखते हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल की यह कहते हुए आलोचना की गई कि उन्होंने केरल में बाढ़/बारिश पीड़ितों की मदद के लिए सक्रिय हुए वहाँ के डिस्ट्रिक्ट्स - डिस्ट्रिक्ट 3201 तथा डिस्ट्रिक्ट 3202 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से भी कोई सीख और प्रेरणा नहीं ली, और उत्तराखंड व हिमाचल के बाढ़/बारिश पीड़ितों के लिए कुछ करने को लेकर सक्रिय नहीं हुए । लोगों का कहना है कि प्रवीन गोयल को खुद से उत्तराखंड व हिमाचल के बाढ़/बारिश पीड़ितों की सुध लेना चाहिए थी, लेकिन उन्होंने खुद तो सुध नहीं ही ली - डिस्ट्रिक्ट 3201 तथा डिस्ट्रिक्ट 3202 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के कर्तव्य और जिम्मेदारियों का सबक नहीं सीखा । प्रवीन गोयल ने सिर्फ यह किया कि यशपाल दास ने उनसे केरल के बाढ़/बारिश पीड़ितों की मदद करने की अपील को दोहराने के लिए कहा, जिसे उन्होंने दोहरा दिया ।
यशपाल दास की केरल के बाढ़/बारिश पीड़ितों के लिए दी जाने वाली मदद के पैसे रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3080 सर्विस ट्रस्ट के एकाउंट में जमा करवाने की अपील ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को और गुस्सा दिलाया है । दरअसल इस ट्रस्ट के एकाउंट पर यशपाल दास और डिस्ट्रिक्ट के तमाम फंड्स व प्रोजेक्ट के 'मास्टरमाइंड' पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ राजा साबू कुंडली मारे बैठे हैं । ट्रस्ट के नियमानुसार, ट्रस्ट का चेयरमैन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होता है, और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट सेक्रेटरी तथा निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ट्रेजरर होता है - लेकिन राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स इस ट्रस्ट के एकाउंट पर कब्जा जमाये बैठे हैं, और ट्रस्ट के वाजिब पदाधिकारियों को उनका हक देने को तैयार नहीं हैं । पिछले रोटरी वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने इस मामले में रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड तक गुहार लगाई, लेकिन राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स बेशर्मी धारण करते हुए ट्रस्ट के एकाउंट पर कुंडली मारे बैठे हुए हैं । लोगों का कहना है कि पिछले वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने ट्रस्ट का चेयरमैन पद का अधिकार पाने का प्रयास तो किया था, इस वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल से तो उस तरह का प्रयास किए जाने की उम्मीद करना/रखना ही बेकार है । ऐसे ही संदर्भों के साथ, लोगों को शक है और उनका आरोप है कि केरल के बाढ़/बारिश पीड़ितों के नाम पर पैसा इकट्ठा करने के पीछे असल उद्देश्य अपनी जेब भरना है । डिस्ट्रिक्ट के लोगों के लिए यह समझना भी मुश्किल हो रहा है कि राजा साबू और यशपाल दास तथा उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स अपने यहाँ के पीड़ितों की मदद करने की बजाये दूसरे दूसरे देशों और प्रदेशों के पीड़ितों की मदद करने में दिलचस्पी क्यों लेते हैं ? जिन लोगों ने इस बात को समझने की कोशिश की है, उन्हें लगता है कि राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स पीड़ितों की मदद के नाम पर अपनी ब्रॉन्डिंग करने, मौज-मजा करने, राजनीति करने, बिजनेस करने तथा अपनी जेब भरने का उद्देश्य पूरा करते हैं ।