नई दिल्ली । अजीत जालान की एक चतुराई ने डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर विनय भाटिया और डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल के लिए एक साथ फजीहत
वाली स्थिति बना दी है, और लोगों को कहने का मौका मिला है कि लगता है कि
इन दोनों ने डिस्ट्रिक्ट की चाबी अजीत जालान को दे दी है । मामला इस वर्ष होने वाले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव की अधिसूचना
से जुड़ा है । रोटरी इंटरनेशनल के नियमानुसार, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद
के चुनाव को लेकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को 30 जुलाई तक क्लब्स के
प्रेसीडेंट्स को अधिसूचना भेज देनी होती है । 30 जुलाई तक डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर विनय भाटिया पता नहीं कहाँ सोते रह गए और उक्त अधिसूचना समय से
नहीं भेजी जा सकी । डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल ने भी इस बात पर ध्यान
नहीं दिया कि रोटरी इंटरनेशनल के नियम का पालन होना चाहिए - हो सकता है कि
उन्होंने ध्यान दिया भी हो और विनय भाटिया को आगाह भी किया हो, लेकिन विनय
भाटिया ने उनकी बात को तवज्जो देने में दिलचस्पी न ली हो । बहरहाल, जो
भी हुआ हो - रोटरी इंटरनेशनल के एक नियम की ऐसीतैसी तो हो गई । इस मामले
में लेकिन अभी जैसे और तमाशा होना बाकी था, जिसकी पटकथा अजीत जालान ने लिखी
। अजीत जालान ने तीन अगस्त को लोगों को मेल भेजी, जिसमें उन्होंने बताया
कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया ने 30 जुलाई को जो अधिसूचना जारी की थी,
उसे वह भेज रहे हैं । अजीत जालान की इस मेल ने लोगों को भड़काने का काम
किया । लोगों के बीच सवाल उठा कि अजीत जालान झूठ क्यों बोल रहे हैं कि
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया ने 30 जुलाई को अधिसूचना जारी की थी; यदि
सचमुच की थी तो कहाँ की थी - और यदि की थी तो प्रेसीडेंट्स को समय से भेजी
क्यों नहीं; और अभी भी यह अधिसूचना डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की तरफ से नहीं,
बल्कि अजीत जालान की तरफ से लोगों को क्यों मिल रही है ? अजीत जालान की इस हरकत पर लोग एक
दूसरे से पूछ रहे हैं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया आखिर व्यस्त कहाँ
हैं, जो उन्हें रोटरी इंटरनेशनल द्वारा तय किये गए कामों को करने के लिए
समय नहीं मिल पा रहा है ।
इन्हीं चर्चाओं के बीच लोगों को
कहने का मौका मिल रहा है कि डिस्ट्रिक्ट में जब नाकारा किस्म के लोग
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुने जायेंगे, तो ऐसे ही तमाशे देखने को मिलेंगे । विनय
भाटिया को निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी जैसा ही बताने वाले
लोगों को एक बार फिर मुँह खोलने का मौका मिल गया है । उनका कहना है कि
गनीमत बस इतनी ही है कि रवि चौधरी की तरह विनय भाटिया बद्तमीज नहीं हैं,
अन्यथा नाकारापन में वह रवि चौधरी के ही 'छोटे भाई' हैं । इस मामले में
कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का मानना/कहना है कि बात इतनी बड़ी थी
नहीं, लेकिन अजीत जालान की स्वार्थी हरकत ने बात का बतंगड़ बनवा दिया ।
उनका कहना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव से जुड़ी अधिसूचना
यदि समय से नहीं जा सकी, तो यह कोई बड़ा इश्यू नहीं था; डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
विनय भाटिया तीन-चार दिन के बाद भी वह अधिसूचना भेज देते तो शायद ही कोई
सवाल उठाता; लेकिन अजीत जालान ने जिस तरह से झूठ बोल कर तथा अपनी फोटो-शोटो
लगा कर डिस्ट्रिक्ट का 'चौधरी' बनते हुए लोगों को मेल भेजी, उससे बबाल
हो गया । अजीत जालान अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बनने
की तैयारी कर रहे हैं; लोगों को लगता है कि उसी 'तैयारी' के तहत उन्होंने
रोटरी इंटरनेशनल द्वारा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के लिए तय किया गया काम खुद
कर डाला । अजीत जालान डिस्ट्रिक्ट कोर ग्रुप में डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी
हैं; डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी के रूप में यह उनकी भी जिम्मेदारी है कि
डिस्ट्रिक्ट के कामकाज में रोटरी इंटरनेशनल के नियमों का पालन हो, और इस
नाते 30 जुलाई तक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव से संबंधित
अधिसूचना प्रेसीडेंट्स को भेज दी जानी चाहिए थी । अपनी जिम्मेदारी निभाने
की बजाये झूठ बोल कर और खुद को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की तरह 'दिखाने' की अजीत
जालान की हरकत ने उनके साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया और डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल की भी फजीहत करा
दी है ।
क्लब्स के पदाधिकारियों के बीच यह आरोपपूर्ण चर्चा
तो पहले से ही है कि विनय भाटिया के नाकारापन का पूरा फायदा पप्पूजीत सिंह
सरना और अजीत जालान उठा रहे हैं, और यह दोनों ऐसा जताते हैं जैसे कि असली गवर्नर तो यह हैं और विनय भाटिया तो इनकी कठपुतली हैं । क्लब्स के पदाधिकारियों को तरह तरह की बातों के लिए यह लोग हड़काते/धमकाते रहते हैं और उन्हें 'ऐसा करने' और 'वैसा न करने' के लगातार निर्देश देते रहते हैं । डिस्ट्रिक्ट की इस दशा-दिशा पर लोगों को लेकिन हैरानी और शिकायत डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल से है । दरअसल
विनय भाटिया के नाकारापन से परिचित रहे लोगों को उम्मीद थी कि विनोद बंसल
के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर होने के कारण स्थितियाँ सँभली रहेंगी और डिस्ट्रिक्ट
में तमाशा नहीं दिखाई देगा । लेकिन विनोद बंसल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर
होने के बावजूद हालात जहाँ के तहाँ ही बने हुए हैं । कोढ़ में खाज वाली बात
यह है कि विनय भाटिया, पप्पूजीत सिंह सरना और अजीत जालान को विनोद बंसल के
'आदमियों' के रूप में ही देखा/पहचाना जाता है । अजीत जालान की अगले रोटरी
वर्ष में उम्मीदवार बनने की 'तैयारी' के पीछे विनोद बंसल की प्रेरणा को ही
प्रमुख कारण के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । इससे लोगों को लग रहा है कि पप्पूजीत सिंह सरना व अजीत जालान की 'सुपर गवर्नर' की तरह व्यवहार करने की हरकत को या तो विनोद बंसल से ही शह मिल रही है, और या विनोद बंसल इनके सामने असहाय पड़ रहे हैं । इससे लोगों को लग रहा है कि विनय भाटिया के गवर्नर-काल में तमाशे देखने को मिलते रहेंगे ।