Thursday, August 9, 2018

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद को लेकर वीके हंस तथा बिरिंदर सोहल की उम्मीदवारी पर लीडरशिप खेमे की असमंजसता का फायदा उठाने के लिए तेजपाल खिल्लन ने लीडरशिप के लोगों के साथ नजदीकी बनाना शुरू की

नई दिल्ली । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 के दो गवर्नर्स - डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के वीके हंस और डिस्ट्रिक्ट 321 एफ के बिरिंदर सोहल ने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने के लिए अपनी अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कोशिशें तो शुरू कर दी हैं, लेकिन दोनों को ही अपने अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रवैये से अपनी कोशिशें धूल में मिलती हुई भी दिख रही हैं । मल्टीपल की चुनावी राजनीति के जानकारों का कहना है कि वीके हंस को अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजीव अग्रवाल की अतिरिक्त महत्वाकांक्षा का तथा बिरिंदर सोहल को अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गोपाल कृष्ण शर्मा की खेमेबाजी की राजनीति का शिकार होना पड़ सकता है । डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के लोगों का भी मानना और कहना है कि राजीव अग्रवाल ने लायनिज्म में जिस तरह की सक्रियता बनाई है और जिस 'स्तर' पर अपने आपको पहुँचाया है, उसे देखते हुए लगता है कि वह लायनिज्म में लंबी पारी खेलना चाहते हैं, और इसके लिए  मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनना चाहेंगे - और अपना मौका वीके हंस के चक्कर में नहीं गँवाना चाहेंगे । लोगों को यह भी लगता है कि हालाँकि इसके लिए राजीव अग्रवाल को वीके हंस को लंगड़ी लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि बहुत संभव है कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की वीके हंस की हसरत खुद ही दम तोड़ दे । दरअसल वीके हंस को कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है; हर किसी का मानना और कहना यही है कि वीके हंस में लीडरशिप की कोई सी भी खूबी नहीं है, और यही बहुत है कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन गए । वीके हंस को हालाँकि उम्मीद है कि लीडरशिप मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए उन्हें समर्थन दिलवाएगी और वही राजीव अग्रवाल को भी उनका समर्थन करने के लिए राजी करेगी ।
मजे की बात है कि लीडरशिप के समर्थन के भरोसे ही बिरिंदर सोहल मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की तैयारी कर रहे हैं । उनका दावा है कि पारस अग्रवाल की उम्मीदवारी के लिए उन्होंने लीडरशिप को समर्थन ही इस आश्वासन के बाद दिया था कि अगली बार लीडरशिप उन्हें चेयरमैन बनवाएगी । बिरिंदर सोहल को विश्वास है कि लीडरशिप अपने आश्वासन को पूरा करेगी । लीडरशिप को बचने का कोई बहाना न मिले, इसके लिए बिरिंदर सोहल ने अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गोपाल कृष्ण शर्मा को अपने साथ करने/रखने के प्रयत्न किए हुए हैं । उनके डिस्ट्रिक्ट के नेताओं का कहना लेकिन यह है कि बिरिंदर सोहल और गोपाल कृष्ण शर्मा के बीच खेमेबाजी की जो विभाजक रेखा है, उसे मिटा पाना बिरिंदर सोहल के बस की बात नहीं है । इस मामले में बिरिंदर सोहल के सबसे बड़े समर्थक एचजेएस खेड़ा ही उनके सबसे बड़े 'दुश्मन' साबित हो रहे हैं । दरअसल गोपाल कृष्ण शर्मा की एचजेएस खेड़ा से बिलकुल भी नहीं पटती है; इसका कारण सिर्फ इतना है कि गोपाल कृष्ण शर्मा को एचजेएस खेड़ा की मनमानियाँ और चौधरीपना दिखाने वाला रवैया कतई बर्दाश्त नहीं है । इसके चलते दोनों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है । बिरिंदर सोहल के समर्थकों व शुभचिंतकों को ही लगता है कि बिरिंदर सोहल और गोपाल कृष्ण शर्मा के बीच खेमेबाजी की जो दीवार है, उसे ढहाने की बिरिंदर सोहल कोशिश भी करें - तो एचजेएस खेड़ा और गोपाल कृष्ण शर्मा के बीच की लगातार चलती रहने वाली तनातनी बिरिंदर सोहल की मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की कोशिशों की तैयारी को तबाह करने का ही काम करेगी । 
मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के लिए कुछेक लोगों को तेजपाल खिल्लन की उम्मीदवारी आने का भी इंतजार है । उन्हें लगता है कि तेजपाल खिल्लन ने हाल के दिनों में डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के अपने साथियों से दूरी बनाने और 'दिखाने' तथा लीडरशिप के लोगों के साथ नजदीकी बनाने की कोशिश करते हुए जो रंग बदला है, उसमें मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन बनने की उनकी ख्वाहिश ही छिपी है । तेजपाल खिल्लन ने कई मौकों पर कहा है कि उनका लीडरशिप के साथ कोई झगड़ा न था और न है, वह तो डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के झगड़े का बेकार में ही शिकार बन गए । तेजपाल खिल्लन की इस तरह की बातों और उनकी कोशिशों को देख कर लोगों ने यही माना और समझा है कि तेजपाल खिल्लन अब लीडरशिप के लोगों के साथ दोस्ती करना चाहते हैं, ताकि उनके धंधे पर और खराब असर न पड़े । तेजपाल खिल्लन के नजदीकियों का ही कहना/बताना है कि धंधा बचाने के साथ-साथ तेजपाल खिल्लन मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन की कुर्सी पर भी निगाह लगाए हुए हैं । हालाँकि अधिकतर लोगों का मानना और कहना है कि लीडरशिप के लोगों के साथ तेजपाल खिल्लन यदि संबंध सुधार भी लें, तो भी मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के मामले में उनकी दाल नहीं ही गलेगी । इसका कारण यही है कि लीडरशिप के लोग अभी तेजपाल खिल्लन पर भरोसा नहीं करना चाहेंगे । तेजपाल खिल्लन के नजदीकियों का कहना है कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद को लेकर लीडरशिप खेमे में जो असमंजसता है, उसका फायदा तेजपाल खिल्लन उठा सकते हैं । अधिकतर लोगों को लेकिन यह बात भी हजम नहीं हो रही है । उनका कहना है कि पहली बात तो यह है कि तेजपाल खिल्लन के पास अपने फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के अलावा और किसी का समर्थन नहीं है, और दूसरी बात यह कि लीडरशिप किसी भी हाल में मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन का पद उनके पास नहीं जाने देगी । मजे की बात यह है कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद को लेकर तेजपाल खिल्लन अभी खुद कुछ नहीं कह रहे हैं; अभी वह अपने लोगों से अपने नाम की चर्चा चलवा रहे हैं और देख/समझ रहे हैं कि चेयरमैन पद को लेकर वह आखिर क्या चाल चलें - और या पीछे ही रहें ?