शामली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक जैन पर इंटरसिटी जैसे रोटरी इंटरनेशनल के एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम को पिकनिक का जरिया बना देने और उसके नाम पर भारी लूट-खसोट मचाने का गंभीर आरोप लगाया गया है । इसके चलते विडंबनापूर्ण स्थिति यह बनी है कि डिस्ट्रिक्ट की छवि सुधारने के नाम पर हो रहे इंटरसिटी कार्यक्रम ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक जैन के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट की पहचान को और कलंकित करने का ही काम किया है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट की छवि सुधारने के आह्वान के साथ डिस्ट्रिक्ट की दूसरी इंटरसिटी 22 से 25 नवंबर के बीच दुबई में आयोजित करने की घोषणा की गई है, जिसके लिए प्रति व्यक्ति 45 हजार रुपए का खर्च निर्धारित किया गया है । इस खर्च निर्धारण के चलते इंटरसिटी कार्यक्रम को 'लूट के कार्यक्रम' के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । जानकारों का कहना/पूछना है कि दुबई जाने वाले लोगों को इस समय जब प्रतिष्ठित ट्रेवल एजेंसियों की तरफ से प्रति व्यक्ति करीब 30 हजार रुपए के हिसाब में अच्छा पैकेज मिल रहा है, तब दीपक जैन 45 हजार रुपए क्यों बसूल रहे हैं ? डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों को कहते हुए सुना गया है कि दीपक जैन ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'बनने' में जो पैसा लगाया है, वह लगता है कि इस इंटरसिटी के आयोजन से ही बसूल लेंगे और इस तरह अपने आप को एक कुशल व्यावसायी साबित करेंगे । ऐसा करते हुए दीपक जैन ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने की इच्छा रखने वाले लोगों को एक 'रास्ता' भी दिखा दिया है, जिसके तहत पहले तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का चुनाव जीतने वास्ते वोटों को खरीदने के लिए पैसे लुटाओ और गवर्नर बन जाने के बाद तरह तरह से लुटाए गए पैसों की बसूली कर लो । कुछेक लोगों का हालाँकि यह भी कहना है कि इस लूट में अकेले दीपक जैन का ही हिस्सा नहीं है, बल्कि उनके कुछेक नजदीकियों का भी हिस्सा है और लूट की यह योजना दीपक जैन और उनके कुछेक नजदीकियों ने मिलकर बनाई है ।
दीपक जैन के कुछेक शुभचिंतकों का कहना लेकिन यह भी है कि दुबई के लिए प्रचलित कीमत से डेढ़ गुनी कीमत बसूलने के लिए दीपक जैन दरअसल इसलिए मजबूर हुए हैं, क्योंकि उन्हें कई आम और खास लोगों को मुफ्त में दुबई ले चलने का दबाव झेलना पड़ रहा है । दीपक जैन के नजदीकियों का भी कहना है कि कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तथा उनके खास लोग दीपक जैन पर इस बात के लिए दबाव बना रहे हैं कि दीपक जैन उन्हें मुफ्त में दुबई ले चलें । कुछेक लोग तो अपने साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों को भी मुफ्त में दुबई ले जाने/चलने का जुगाड़ बैठाने में लगे हैं । दीपक जैन के लिए कुछेक लोगों को तो मुफ्त में ले जाने से बचना मुश्किल ही है, इसलिए उन पर होने वाले खर्च को वह दूसरे लोगों से ही बसूल करेंगे - और इसी कारण से वह दुबई पैकेज डेढ़ गुना करने/रखने के लिए मजबूर हुए हैं । दीपक जैन के लिए बदकिस्मती की बात यह हुई है कि इस तरह की मजबूरीभरी सफाइयों के बाद भी वह लूट मचाने के आरोपों से बच नहीं पा रहे हैं । लोगों का कहना है कि उन्हें दृढ़ता से ऐलान करना चाहिए कि दुबई जाने वाले हर आम और खास को अपना खर्चा स्वयं उठाना होगा, और वह चाहे पूर्व गवर्नर हो या उनका खास हो - मुफ्त में दुबई जाने का मौका नहीं मिलेगा । लोगों का कहना है कि दीपक जैन यदि ऐसा नहीं कह/कर पाते हैं, तो उन्हें उन लोगों के नाम सार्वजनिक करने चाहिए, जो दबाव बना कर मुफ्त में दुबई जाना चाह रहे हैं - अन्यथा यही समझा जायेगा कि कुछेक लोगों के मुफ्त में दुबई जाने की कोशिशों का बहाना बना कर दीपक जैन ने अपनी जेब गर्म करने की तैयारी कर ली है ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक जैन को इस आरोप का भी सामना करना पड़ रहा है कि लूट की अपनी योजना में उन्होंने रोटरी के एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम के रूप में डिजाईन किए गए इंटरसिटी को मजाक बना दिया है ।उल्लेखनीय है कि इंटरसिटी कार्यक्रम के डिजाईन में प्रारूप यह बनाया गया है कि किसी एक विषय पर रोटेरियंस को जागरूक बनाया जाए और उन्हें उस विषय से संबंधित क्षेत्र में काम करने के लिए प्रेरित किया जाए । दीपक जैन ने लेकिन इंटरसिटी को मौज-मजा के एक पिकनिक कार्यक्रम में बदल दिया है - और मजे की बात यह है कि रोटरी इंटरनेशनल के एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम का मजाक बनाते हुए वह यह उम्मीद भी कर रहे हैं कि इससे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनकी और डिस्ट्रिक्ट की छवि सुधरेगी । लोगों का कहना है कि रोटरी की भावना और उसके आदर्शों से अपरिचित रहे दीपक जैन जैसे लोग जब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनेंगे, तब ऐसे ही तमाशे देखने को मिलेँगे । डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ रोटेरियंस का कहना है कि दीपक जैन इंटरसिटी कार्यक्रम यहीं - डिस्ट्रिक्ट की भौगिलिक सीमा में कहीं करते; और दुबई के लिए घोषित रूप से पिकनिक का कार्यक्रम बनाते, तो रोटरी की गरिमा से खिलवाड़ करने के आरोप से तो कम से कम बच जाते । उन्हें लगता है कि दीपक जैन ने होशियारी दिखाते हुए एक ही कार्यक्रम के जरिये 'रोटरी' और 'लूट' - दोनों करने की जो योजना बनाई, उसके कारण वह दोहरे आरोप में फँस गए हैं ।