Wednesday, August 15, 2018

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीके हंस की लूट-खसोट के प्रति हरियाणा के नेताओं की नाराजगी के चलते ओंकार सिंह रेनु को मिले मौके ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव को दिलचस्प बनाया और आरके शाह के लिए मुसीबत खड़ी की

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीके हंस ने पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजिंदर बंसल से मिली फटकार के लिए आरके शाह को जिम्मेदार ठहरा कर ओंकार सिंह रेनु को जो 'हौंसला' दिया है, उससे डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में एक नया समीकरण बनता दिख रहा है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट पदाधिकारियों के गोवा में हुए अधिष्ठापन समारोह के लिए वीके हंस ने जिस तरह से कई लोगों से स्पॉन्सरशिप के नाम पर पैसे उगाहे, उसे लेकर राजिंदर बंसल ने उन्हें जोरदार तरीके से फटकारा । राजिंदर बंसल का कहना रहा कि इस तरह की हरकतों से लायनिज्म का, डिस्ट्रिक्ट का और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर रहे लोगों का नाम खराब होता है, इसलिए इस तरह की हरकतों से बचा जाना चाहिए । वीके हंस की पैसा उगाहु हरकत पर कई लोगों की नाराजगी रही, और सभी का कहना रहा कि वीके हंस ने गोवा का जो पैकेज दिया/लिया, वह वैसे ही खासा महँगा था - वीके हंस को उसके बाद भी लोगों से स्पॉन्सरशिप के नाम पर पैसे लेने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी ? लोगों ने खुलकर आरोप लगाए कि वीके हंस ने अधिष्ठापन समारोह को अपनी जेब भरने के कार्यक्रम में बदल दिया, और महँगे पैकेज के बावजूद स्पॉन्सरशिप के नाम पर जमकर पैसे बसूले । वीके हंस की हरकत के चलते लोगों के बीच पैदा हुई नाराजगी को पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजिंदर बंसल ने 'आवाज' दी और इस मामले में वीके हंस को फटकार लगाई । अधिष्ठापन समारोह में गैरहाजिर होकर भी राजिंदर बंसल ने वीके हंस के प्रति अपनी नाराजगी को जाहिर किया । वीके हंस ने राजिंदर बंसल से मिली फटकार के लिए आरके शाह को जिम्मेदार ठहराया है । वीके हंस का कहना है कि आरके शाह ने ही राजिंदर बंसल से उनकी शिकायत की और उनके कान भरे । 
आरके शाह को सबक सिखाने के लिए ही वीके हंस ने अधिष्ठापन समारोह में ओंकार सिंह रेनु को ज्यादा तवज्जो दी । ओंकार सिंह रेनु को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । हालाँकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की तरफ से इस वर्ष आरके शाह को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुने जाने का भरोसा दिया गया है । ओंकार सिंह रेनु की सक्रियता भरी तैयारी के पीछे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राकेश त्रेहन को देखा/पहचाना जा रहा है । उनके नजदीकियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि आरके शाह अवश्य ही ऐसी हरकतें करेंगे, जिनसे पूर्व गवर्नर्स नाराज होंगे और तब ओंकार सिंह रेनु के लिए मौका बन जायेगा । राकेश त्रेहन और ओंकार सिंह रेनु के लिए खुशकिस्मती की बात यह रही कि डिस्ट्रिक्ट के पहले ही आयोजन में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीके हंस, राजिंदर बंसल से मिली फटकार के चलते आरके शाह से नाराज हो गए । आरके शाह के लिए मुसीबत की बात यह रही कि उन्होंने स्पॉन्सरशिप के नाम पर वीके हंस को मुँहमाँगा पैसा भी दिया, और उनसे नाराजगी के चलते वीके हंस ने अधिष्ठापन समारोह में कोई तवज्जो भी नहीं दी । राजिंदर बंसल के साथ-साथ केएल खट्टर और चंद्रशेखर मेहता ने भी अधिष्ठापन समारोह का जो बहिष्कार किया, और अपने लोगों से भी बहिष्कार करवाया - उसे राकेश त्रेहन और ओंकार सिंह रेनु ने अपनी 'रणनीति' के लिए उत्साहजनक माना/पाया है । उन्हें लगता है कि हरियाणा के नेता लोग डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीके हंस को यदि इसी तरह से अपमानित करते रहेंगे, तो वीके हंस भी प्रतिक्रिया में जबाव देंगे और इससे डिस्ट्रिक्ट के चुनावी राजनीति के समीकरण नए सिरे से बनेंगे - जिसमें उन्हें सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के लिए अपनी राजनीति करने का मौका मिल सकेगा ।
अधिष्ठापन समारोह में वरिष्ठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डीके अग्रवाल और उनके साथी अजय बुद्धराज जिस तरह से वीके हंस को हर मुद्दे पर समर्थन देते हुए उनके 'नजदीक' बने रहने की कोशिश करते देखे गए, उससे भी लग रहा है कि वीके हंस के बहाने से डिस्ट्रिक्ट के चुनावी राजनीतिक समीकरण में एक नया ध्रुवीकरण होगा - जो सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव की दशा और दिशा तय करेगा । डिस्ट्रिक्ट में कुछेक नेताओं को लगता है कि ओंकार सिंह रेनु चुनाव लड़ने का साहस नहीं दिखा सकेंगे, और इसलिए आरके शाह के 'चयन' को कोई खतरा नहीं है; हालाँकि यह मानने/समझने और कहने वालों की भी कमी नहीं है कि चुनाव लड़ना तो आरके शाह के भी बस की नहीं है, चुनाव लड़ने का दिखावा करके पिछले वर्ष उन्होंने पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को समझौते के लिए मजबूर तो कर दिया था, लेकिन यदि सचमुच चुनाव की नौबत आती - तो वह मैदान छोड़ जाते । इसीलिए लोगों को लगता है कि आरके शाह और ओंकार सिंह रेनु में से जो भी ज्यादा देर तक उम्मीदवार बने रहने का दिखावा कर लेगा, वह बाजी मार लेगा । ओंकार सिंह रेनु की सक्रियता और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीके हंस का 'समर्थन' जुटा लेने से आरके शाह की उम्मीदवारी की सफलता पर कोई प्रतिकूल असर पड़ेगा या नहीं, यह तो बाद में पता चलेगा - अभी लेकिन उसके चलते आरके शाह के लिए मुसीबत जरूर खड़ी हो गई है ।