लखनऊ । नेगेटिव वोट के चलते फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर न चुने जा सके जगदीश अग्रवाल के लिए विडंबना यह बनी है कि जिन विशाल सिन्हा को उनकी 'दुर्गति' के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जगदीश अग्रवाल ने उन्हीं विशाल सिन्हा को अपनी स्थिति सुधारने की जिम्मेदारी सौंप दी है । विशाल सिन्हा ने मौके का फायदा उठाते हुए जगदीश अग्रवाल को बरगलाना शुरू कर दिया है, जिसे देख कर डिस्ट्रिक्ट में लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि जगदीश अग्रवाल एक बार फिर विशाल सिन्हा से ठगे जायेंगे - और पायेंगे कुछ नहीं । विशाल सिन्हा ने पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की तरफ से लायंस इंटरनेशनल के पदाधिकारियों को संबोधित एक ज्ञापन भिजवाये जाने की तैयारी करने का एक नया तमाशा शुरू किया है, जिसमें जगदीश अग्रवाल को फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'बनाने' का अनुरोध किया जायेगा । विशाल सिन्हा ने जगदीश अग्रवाल को आश्वस्त किया है कि पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की तरफ से जैसे ही यह ज्ञापन लायंस इंटरनेशनल कार्यालय पहुँचेगा, कार्यालय के पदाधिकारी तुरंत से जगदीश अग्रवाल को फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर घोषित कर देंगे । विशाल सिन्हा ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वरिष्ठ पूर्व गवर्नर गुरनाम सिंह, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मनोज रुहेला तथा अन्य दो-चार पूर्व गवर्नर्स से उक्त ज्ञापन पर वह हस्ताक्षर करवा देंगे । विशाल सिन्हा के झाँसे में आकर बेचारे जगदीश अग्रवाल ने पूर्व गवर्नर्स से मिलना/जुलना शुरू कर दिया है, ताकि इंटरनेशनल कार्यालय भेजे जाने वाले ज्ञापन पर उनके हस्ताक्षर लिए जा सकें । कई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने लेकिन इस बात को 'मुंगेरीलाल के हसीन सपने' के रूप में देखा/समझा है । उनका कहना है कि पूर्व गवर्नर्स के कहने से फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनाने का लायंस इंटरनेशनल में कोई प्रावधान नहीं है; और ऐसा बता/समझा कर विशाल सिन्हा वास्तव में जगदीश अग्रवाल को ठगने की ही तैयारी कर रहे हैं ।
मजे की बात यह है कि जगदीश अग्रवाल ने अपनी चुनावी पराजय को लेकर लायंस इंटरनेशनल में पिटीशन भी डाला हुआ है, और चुनावी प्रक्रिया पर आरोप लगाते हुए चुनाव में बेईमानी होने की शिकायत की हुई है । उस पिटीशन के पीछे भी विशाल सिन्हा की सलाह को ही देखा/पहचाना जा रहा है । पूर्व गवर्नर्स का कहना है कि जगदीश अग्रवाल ने जब पिटीशन डाली हुई है, तब उन्हें लायंस इंटरनेशनल के फैसले का इंतजार करना चाहिए - और उस फैसले का सम्मान करने के लिए तैयार रहना चाहिए । पूर्व गवर्नर्स का कहना है कि उन्हें हैरानी है कि पिटीशन करने के बाद - फैसले का इंतजार करने की बजाये, जगदीश अग्रवाल ने पूर्व गवर्नर्स की तरफ से ज्ञापन भिजवाने का यह तमाशा क्यों शुरू कर दिया है ? जगदीश अग्रवाल की तरफ से ही लोगों को पता चला है कि पिटीशन और इस नए तमाशे के पीछे विशाल सिन्हा ही हैं । दरअसल विशाल सिन्हा को पता है कि जगदीश अग्रवाल की पिटीशन में कोई दम नहीं है, और उसे रिजेक्ट ही होना है - इसलिए पिटीशन पर होने वाले फैसले का इंतजार करने की बजाये विशाल सिन्हा ने जगदीश अग्रवाल को पूर्व गवर्नर्स से मिलने और उन्हें ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी करने के काम में लगा दिया है । इसके चलते, जगदीश अग्रवाल को उन पूर्व गवर्नर्स से भी मिलना पड़ रहा है, जो उनकी उम्मीदवारी के समर्थक नहीं थे - और इस कारण सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में जगदीश अग्रवाल ने उनसे मिलना तो दूर, उनसे बात करना भी जरूरी नहीं समझा था । ऐसे में, अब जरूरत पड़ने पर जगदीश अग्रवाल के मिलने से वह पूर्व गवर्नर्स फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर जगदीश अग्रवाल को बहाल करने की मांग वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे - इसमें संदेह है । इसलिए यह तमाशा भी फ्लॉप होना निश्चित ही है ।
जगदीश अग्रवाल को फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद पर बहाल करने की मांग वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से कई पूर्व गवर्नर्स इसलिए भी बचना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि उनके हस्ताक्षर कर देने के बाद जगदीश अग्रवाल और विशाल सिन्हा डिस्ट्रिक्ट में प्रचारित करेंगे कि उन्होंने पैसे लेकर हस्ताक्षर किए हैं । दरअसल जगदीश अग्रवाल और विशाल सिन्हा ने इसी तरह की हरकत से डिस्ट्रिक्ट में आम और खास लोगों को अपने खिलाफ कर लिया है, जिसके नतीजे में जगदीश अग्रवाल के खिलाफ नेगेटिव वोटिंग हुई और जगदीश अग्रवाल फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं बन सके । लोगों के आरोप तो यहाँ तक हैं कि विशाल सिन्हा ने कई लोगों के नाम पर जगदीश अग्रवाल से पैसे ले लिए, और लोगों को सिर्फ बदनामी मिली । इसलिए ही, जगदीश अग्रवाल के नजदीकियों ने जगदीश अग्रवाल को बार-बार विशाल सिन्हा से सावधान रहने के लिए चेताया है - लेकिन जगदीश अग्रवाल की बदकिस्मती ऐसी है कि वह बेचारे विशाल सिन्हा के साथ ही जा फँसे हैं । विशाल सिन्हा ने जगदीश अग्रवाल को 'दिखाने' के लिए इन दिनों गुरनाम सिंह और मनोज रुहेला के चक्कर लगाने पर जोर दिया हुआ है, जिसके जरिये वह इन दोनों को जगदीश अग्रवाल के पक्ष में राजी कर लेने का भरोसा जगदीश अग्रवाल और उनके नजदीकियों को देने की कोशिश कर रहे हैं । दूसरों को लेकिन लग रहा है कि गुरनाम सिंह और मनोज रुहेला के चक्कर लगाने के जरिये विशाल सिन्हा वास्तव में जगदीश अग्रवाल का नहीं, बल्कि अपना 'काम' बनाने के जुगाड़ में लगे हुए हैं - जिसके चलते जगदीश अग्रवाल का ठगा जाना निश्चित ही है ।
मजे की बात यह है कि जगदीश अग्रवाल ने अपनी चुनावी पराजय को लेकर लायंस इंटरनेशनल में पिटीशन भी डाला हुआ है, और चुनावी प्रक्रिया पर आरोप लगाते हुए चुनाव में बेईमानी होने की शिकायत की हुई है । उस पिटीशन के पीछे भी विशाल सिन्हा की सलाह को ही देखा/पहचाना जा रहा है । पूर्व गवर्नर्स का कहना है कि जगदीश अग्रवाल ने जब पिटीशन डाली हुई है, तब उन्हें लायंस इंटरनेशनल के फैसले का इंतजार करना चाहिए - और उस फैसले का सम्मान करने के लिए तैयार रहना चाहिए । पूर्व गवर्नर्स का कहना है कि उन्हें हैरानी है कि पिटीशन करने के बाद - फैसले का इंतजार करने की बजाये, जगदीश अग्रवाल ने पूर्व गवर्नर्स की तरफ से ज्ञापन भिजवाने का यह तमाशा क्यों शुरू कर दिया है ? जगदीश अग्रवाल की तरफ से ही लोगों को पता चला है कि पिटीशन और इस नए तमाशे के पीछे विशाल सिन्हा ही हैं । दरअसल विशाल सिन्हा को पता है कि जगदीश अग्रवाल की पिटीशन में कोई दम नहीं है, और उसे रिजेक्ट ही होना है - इसलिए पिटीशन पर होने वाले फैसले का इंतजार करने की बजाये विशाल सिन्हा ने जगदीश अग्रवाल को पूर्व गवर्नर्स से मिलने और उन्हें ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी करने के काम में लगा दिया है । इसके चलते, जगदीश अग्रवाल को उन पूर्व गवर्नर्स से भी मिलना पड़ रहा है, जो उनकी उम्मीदवारी के समर्थक नहीं थे - और इस कारण सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में जगदीश अग्रवाल ने उनसे मिलना तो दूर, उनसे बात करना भी जरूरी नहीं समझा था । ऐसे में, अब जरूरत पड़ने पर जगदीश अग्रवाल के मिलने से वह पूर्व गवर्नर्स फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर जगदीश अग्रवाल को बहाल करने की मांग वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे - इसमें संदेह है । इसलिए यह तमाशा भी फ्लॉप होना निश्चित ही है ।
जगदीश अग्रवाल को फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद पर बहाल करने की मांग वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से कई पूर्व गवर्नर्स इसलिए भी बचना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि उनके हस्ताक्षर कर देने के बाद जगदीश अग्रवाल और विशाल सिन्हा डिस्ट्रिक्ट में प्रचारित करेंगे कि उन्होंने पैसे लेकर हस्ताक्षर किए हैं । दरअसल जगदीश अग्रवाल और विशाल सिन्हा ने इसी तरह की हरकत से डिस्ट्रिक्ट में आम और खास लोगों को अपने खिलाफ कर लिया है, जिसके नतीजे में जगदीश अग्रवाल के खिलाफ नेगेटिव वोटिंग हुई और जगदीश अग्रवाल फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं बन सके । लोगों के आरोप तो यहाँ तक हैं कि विशाल सिन्हा ने कई लोगों के नाम पर जगदीश अग्रवाल से पैसे ले लिए, और लोगों को सिर्फ बदनामी मिली । इसलिए ही, जगदीश अग्रवाल के नजदीकियों ने जगदीश अग्रवाल को बार-बार विशाल सिन्हा से सावधान रहने के लिए चेताया है - लेकिन जगदीश अग्रवाल की बदकिस्मती ऐसी है कि वह बेचारे विशाल सिन्हा के साथ ही जा फँसे हैं । विशाल सिन्हा ने जगदीश अग्रवाल को 'दिखाने' के लिए इन दिनों गुरनाम सिंह और मनोज रुहेला के चक्कर लगाने पर जोर दिया हुआ है, जिसके जरिये वह इन दोनों को जगदीश अग्रवाल के पक्ष में राजी कर लेने का भरोसा जगदीश अग्रवाल और उनके नजदीकियों को देने की कोशिश कर रहे हैं । दूसरों को लेकिन लग रहा है कि गुरनाम सिंह और मनोज रुहेला के चक्कर लगाने के जरिये विशाल सिन्हा वास्तव में जगदीश अग्रवाल का नहीं, बल्कि अपना 'काम' बनाने के जुगाड़ में लगे हुए हैं - जिसके चलते जगदीश अग्रवाल का ठगा जाना निश्चित ही है ।