Saturday, June 6, 2020

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मनोज रुहेला की हसरतों में, इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी लड़ाई में जितेंद्र चौहान की बड़ी जीत के चलते, आए उछाल ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की अगले लायन वर्ष की चुनावी लड़ाई को खासा मजेदार बना दिया है

लखनऊ । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए जितेंद्र चौहान के भारी मतों से मल्टीपल एंडॉर्सी चुने जाने के 'साइड इफेक्ट्स' दिखने शुरू हो गए हैं, और पहला केस लायंस क्लब शाहजहाँपुर विशाल के वरिष्ठ सदस्य तेजेंद्रपाल सिंह पर हक जताने को लेकर वरिष्ठ पूर्व गवर्नर गुरनाम सिंह और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मनोज रुहेला के बीच खींचतान बढ़ने के रूप में सामने आया है । तेजेंद्रपाल सिंह को अगले लायन वर्ष में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । वह यूँ तो गुरनाम सिंह के नजदीक हैं; लेकिन अगले वर्ष की अपनी उम्मीदवारी की तैयारी करते हुए उन्होंने इस वर्ष मनोज रुहेला के साथ भी अपनी अच्छी नजदीकियत बना ली है, और इसके लिए उन्होंने इस वर्ष अच्छे-खासे पैसे भी खर्च किए । लेकिन यही बात अब तेजेंद्रपाल सिंह के लिए मुसीबत बन गई है । मनोज रुहेला उन्हें 'अपने उम्मीदवार' के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि तेजेंद्रपाल सिंह को भी लगता है कि वह गुरनाम सिंह के उम्मीदवार के रूप में ही कामयाब हो सकते हैं । यह मामला अभी तक दबे-ढके रूप में चल रहा था; लेकिन जितेंद्र चौहान की जीत के चलते मनोज रुहेला का जो राजनीतिक रुतबा बढ़ा है - उसने मामले को बड़ा और गंभीर बना दिया है । असल में, इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए मल्टीपल एंडॉर्सी के चुनाव में मनोज रुहेला तो जितेंद्र चौहान को वोट दिलाने के अभियान में लगे थे, जबकि खुद मनोज रुहेला का ही आरोप था कि गुरनाम सिंह गुपचुप रूप से दीपक तलवार को वोट दिलवाने की व्यवस्था में जुटे थे । उक्त चुनाव में चूँकि जितेंद्र चौहान की भारी मतों से जीत हुई है, इसलिए डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में उसका एक अर्थ यह भी लगाया जा  कि वोट जुटाने के खेल में मनोज रुहेला का पलड़ा भारी हो चला है ।
इसलिए मनोज रुहेला की यह चाहत अब और बढ़ गई है कि डिस्ट्रिक्ट में जिसे चुनाव जीतना हो, उसे उनके उम्मीदवार के रूप में आना/रहना - और 'दिखना' होगा । हालाँकि किसी को विश्वास नहीं है कि डिस्ट्रिक्ट पर अपने नेतृत्व को गुरनाम सिंह आसानी से छोड़ेंगे । जगदीश अग्रवाल वाले मामले में उन्होंने दिखाया ही है कि जो उनके साथ 'टेढ़ा' चलेगा, उसका क्या हाल होगा । ऐसे में, तेजेंद्रपाल सिंह के साथ मुसीबत यह खड़ी हो गई है कि वह किसके उम्मीदवार के रूप में 'दिखें' । उनकी यह मुसीबत इसलिए और बड़ी है, क्योंकि शाहजहाँपुर के दोनों पूर्व गवर्नर्स - प्रमोद सेठ और संजय चोपड़ा उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ हैं । हालाँकि तेजेंद्रपाल सिंह की गुरनाम सिंह के साथ नजदीकियत को जानते/पहचानते हुए वह अभी खिलाफत करते नजर नहीं आ रहे हैं - लेकिन वह इस ताक में जरूर लगते हैं कि तेजेंद्रपाल सिंह का खेल कुछ बिगड़े, तो वह उसे और बिगाड़ने में जुटें । तेजेंद्रपाल सिंह के लिए मुसीबत की बात यह भी है कि गुरनाम सिंह के भरोसे लायंस क्लब काशीपुर सिटी के वरिष्ठ सदस्य सुखविंदर सिंह भी अगले लायन वर्ष में उम्मीदवार होने की इच्छा रखते हैं । लेकिन चूँकि उनके नजदीकियों को ही लगता है कि एक उम्मीदवार के रूप में सक्रियता दिखा पाना उनके लिए मुश्किल होगा, इसलिए उनकी उम्मीदवारी का दावा कमजोर पड़ जाता है ।
गुरनाम सिंह और मनोज रुहेला के बीच तेजेंद्रपाल सिंह की उम्मीदवारी के झंडे पर कब्जे को लेकर जो खींचतान है, उसमें काशीपुर ग्रेटर के वरिष्ठ सदस्य अपूर्व मेहरोत्रा अपने लिए रास्ता बनता देखने लगे हैं, और इस चक्कर में उन्होंने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है । अपूर्व मेहरोत्रा को पूर्व गवर्नर केएस लूथरा के नजदीकी के रूप में देखा/पहचाना जाता है । मनोज रुहेला को भी चूँकि 'बुनियादी रूप से' केएस लूथरा खेमे के सदस्य के रूप में ही जाना/पहचाना जाता है, इसलिए अपूर्व मेहरोत्रा को उम्मीद है कि तेजेंद्रपाल सिंह के साथ मामला गड़बड़ाने पर मनोज रुहेला उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर सकते हैं - और तब उम्मीदवार के रूप में उनका पलड़ा और भारी हो जायेगा । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी लड़ाई में जितेंद्र चौहान की बड़ी जीत, और उनकी इस जीत में मनोज रुहेला की हिस्सेदारी के चलते - मनोज रुहेला डिस्ट्रिक्ट में अब 'बड़ी भूमिका' निभाने के लिए अपने आपको तैयार कर रहे हैं; और इसके लिए डिस्ट्रिक्ट के बड़े नेताओं से भिड़ने के लिए भी तैयार हैं । इसका संकेत उन्होंने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में दीपक तलवार का सहयोग/समर्थन करने के मुद्दे पर गुरनाम सिंह पर दबाव बना कर दे भी दिया है । इंटरनेशनल डायरेक्टर पद पर पहले जितेंद्र चौहान की उम्मीदवारी का समर्थन करने को लेकर - और फिर उनकी बड़ी जीत के बाद मनोज रुहेला की हसरतों में जो उछाल आया है, उसने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की अगले लायन वर्ष की चुनावी लड़ाई को खासा मजेदार बना दिया है ।