Tuesday, June 23, 2020

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में मल्टीपल के नियम-कानूनों का खुल्लमखुल्ला मजाक बनाने वाले डिस्ट्रिक्ट 321 डी के गवर्नर गुरमीत सिंह मक्कड़ के मल्टीपल का वाइस चेयरमैन बनने में संस्था की पहचान व साख के खराब होने का कारण देखा/बताया जा रहा है

गाजियाबाद । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में अगले लायन वर्ष के पदाधिकारियों के चुनाव में डिस्ट्रिक्ट 321 डी के गवर्नर गुरमीत सिंह मक्कड़ यदि सचमुच वाइस चेयरमैन बने, जैसी कि चर्चा है - तो यह मल्टीपल के इतिहास की अनोखी विरोधाभासी घटना होगी, जिसमें कि एक ऐसा गवर्नर मल्टीपल पदाधिकारी बनेगा, जिसने गवर्नर के रूप में मल्टीपल के नियमों का मजाक बनाने का काम किया है । इसे दुर्भाग्यपूर्ण विडंबना के रूप में ही देखा/पहचाना जा रहा है कि जिन गुरमीत सिंह मक्कड़ ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की चुनावी प्रक्रिया में अभी करीब डेढ़/दो महीने पहले ही मल्टीपल के नियम-कानून को ठेंगा दिखाया था, वह मल्टीपल के पदाधिकारी बनेंगे । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट 321 डी में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए ऐन मौके पर अचानक से प्रस्तुत हुई बलराज कुमार की उम्मीदवारी को लेकर शिकायत थी, कि नियमानुसार वह उम्मीदवार होने की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं और इसलिए उनके नामांकन को रद्द किया जाना चाहिए । इस मामले में डिस्ट्रिक्ट में सुनवाई न होती देख शिकायतकर्ताओं ने मल्टीपल के पदाधिकारियों तक भी शिकायत पहुँचाई, जहाँ उनकी शिकायत को सही माना/पाया गया ।
मल्टीपल की कॉन्स्टीट्यूशन एंड बॉयलॉज कमेटी के चेयरमैन एमआर शर्मा ने रिकॉर्ड्स देख कर साफ शब्दों में कहा कि मल्टीपल व इंटरनेशनल के नियमों के अनुसार, बलराज कुमार की उम्मीदवारी नहीं बनती है, और यदि उनकी उम्मीदवारी के लिए नामांकन हुआ है तो उसे तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में गुरमीत सिंह मक्कड़ ने लेकिन इतने साफ शब्दों में दिए गए फैसले को रद्दी की टोकरी के हवाले किया और बलराज कुमार की उम्मीदवारी को बना रहने दिया । गुरमीत सिंह मक्कड़ के इस रवैये को रेखांकित करते हुए ही सवाल उठ रहे हैं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में जिस व्यक्ति ने मल्टीपल के फैसले का सम्मान करने/रखने की कोई जरूरत नहीं समझी, उसे मल्टीपल का पदाधिकारी क्यों बनाया जाना चाहिए ? गुरमीत सिंह मक्कड़ के खिलाफ पैसों के गड़बड़ी तथा लूट-खसोट के भी कई गंभीर आरोप हैं । चुनावी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ऑनलाइन हुई डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में रजिस्ट्रेशन के नाम पर प्रति प्रतिनिधि 1250 रुपए बसूलने की उनकी कार्रवाई को 'अपनी जेब भरने' की कार्रवाई के रूप में देखा/पहचाना गया है । ड्यूज के नाम पर अन्य गड़बड़झाले करने को लेकर भी गुरमीत सिंह मक्कड़ के खिलाफ गंभीर आरोप हैं ।
गुरमीत सिंह मक्कड़ के डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 321 डी के कई पूर्व गवर्नर्स के साथ-साथ मल्टीपल के अन्य डिस्ट्रिक्ट्स के भी कई लोगों का मानना और कहना है कि मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट के पदाधिकारियों का चयन/चुनाव करने वाले वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों को कम से कम इतना ध्यान तो रखना ही चाहिए कि लायनिज्म के नाम पर पैसे बनाने तथा नियम-कानूनों की खुली अवहेलना करने वाले लोगों को न चुने - क्योंकि इससे अंततः संस्था की पहचान और साख ही खराब होती है । मजे की बात यह है कि गुरमीत सिंह मक्कड़ का मल्टीपल काउंसिल में वाइस चेयरमैन बनना अभी हाल ही में तब तय हुआ, जब इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के एंडोर्समेंट के लिए गुरमीत सिंह मक्कड़ ने जितेंद्र चौहान को वोट दिलाने की जिम्मेदारी ली । उससे पहले मल्टीपल के वाइस चेयरमैन पद के लिए डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मनोज रुहेला का नाम चल रहा था । लेकिन इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के एंडोर्समेंट के चुनाव में जितेंद्र चौहान के लिए ज्यादा फायदेमंद होकर गुरमीत सिंह मक्कड़ ने मल्टीपल काउंसिल के वाइस चेयरमैन का पद मनोज रुहेला से छीन लिया । गुरमीत सिंह मक्कड़ शायद पहले गवर्नर होंगे, जो मल्टीपल के नियम-कानूनों की सीधे-सीधे ऐसीतैसी करने के बावजूद, मल्टीपल के पदाधिकारी बनेंगे !