Monday, June 29, 2020

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में विभिन्न कमेटियों के पद पाने और बचाने की कोशिश में दीपक तलवार तथा तेजपाल खिल्लन के नजदीकियों व समर्थकों ने नए बने मल्टीपल चेयरमैन क्षितिज शर्मा से संपर्क तो साधा है, लेकिन उम्मीद नहीं है कि डायरेक्टर पद के एंडोर्समेंट के चुनाव को 'गंदा' करने/बनाने वाले लोगों के पद बचेंगे या उन्हें मिलेंगे

नई दिल्ली । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में विभिन्न पदों के पदाधिकारियों को बड़े उलटफेर की आशंका लग रही है, और कुछेक पदाधिकारियों को पद छिनने का डर सताने लगा है; इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के एंडोर्समेंट के लिए हुए चुनाव में दीपक तलवार की उम्मीदवारी का समर्थन करने वालों को पद छिनने/खोने और न मिलने का सबसे ज्यादा डर लग रहा है - इस डर को दूर करने के लिए उन्होंने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन क्षितिज शर्मा से तार जोड़ने शुरू तो किए हैं, लेकिन खुद उन्हें ही विश्वास नहीं है कि क्षितिज शर्मा कोई फैसला कर सकेंगे । दीपक तलवार के नजदीकियों और समर्थकों को लग रहा है कि दीपक तलवार की उम्मीदवारी के कारण जितेंद्र चौहान और उनके समर्थकों को जो मुश्किलें उठानी पड़ी हैं, उसका बदला अब दीपक तलवार के नजदीकियों और समर्थकों से लिया जायेगा, और उन्हें मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट में पद नहीं दिए जायेंगे - जिनके पास पद हैं, उनसे ले लिए जायेंगे । हालाँकि, यदि सचमुच ऐसा होता है तो यह कोई हैरानी की और या कोई अनोखी बात नहीं होगी - क्योंकि हर सत्ताधारी यह कोशिश करता ही है कि वह अपने 'अधीन' पदों को अपने नजदीकियों और समर्थकों को सौंपे । मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट के पद देने/बाँटने/सौंपने का अवसर यदि जितेंद्र चौहान को मिला है, तो यह बहुत स्वाभाविक ही है कि वह उनकी उम्मीदवारी को समर्थन दिलवाने वाले लोगों को उक्त पद दें/दिलवाएँ । उनके प्रतिद्वंद्वी रहे दीपक तलवार तथा तेजपाल खिल्लन के नजदीकियों और समर्थकों को यह उम्मीद करना भी भला क्यों चाहिए कि जितेंद्र चौहान उन्हें पद दिलवायेंगे । यह कोई अच्छी और आदर्श स्थिति नहीं है, लेकिन सच्चाई यही है - और विडंबना यह है कि हर किसी ने इस स्थिति को स्वीकार कर लिया है । ऐसे में, दीपक तलवार के नजदीकियों व समर्थकों का पद छिनने और न मिलने को लेकर आशंकित होने का कोई कारण समझ में नहीं आता है ।
हालाँकि मामला इतना सीधा व सरल भी नहीं है । पदों को देने/दिलवाने में खेमेबाजी होने के बावजूद, कुछेक लोगों के लिए खेमेबाजी दीवार नहीं बनती है, लेकिन इस बार खेमेबाजी से ऊपर देखे जाने वाले लोग भी खेमेबाजी का 'शिकार' होते देखे/सुने जा रहे हैं - लेकिन इसके लिए भी 'उन्हें' ही दोषी ठहराया/माना जा रहा है । लोगों का सीधा आरोप है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के एंडोर्समेंट के लिए हुए इस बार के चुनाव में दीपक तलवार की तरफ से खासी 'गंदगी' हुई, और उस गंदगी के लिए कीचड़ तैयार करने में उन लोगों ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया, जो मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट में पदाधिकारी हैं तथा लोगों के बीच जिनकी साफ-सुथरी इमेज रही है । दीपक तलवार का कैम्पेन पूरी तरह नकारात्मकता पर केंद्रित रहा, जिसमें दीपक तलवार की खूबियों की बात कम थी - जितेंद्र चौहान पर व्यक्तिगत छींटाकशी ज्यादा थी । शुरू में जरूर दीपक तलवार की खूबियों की बात हुई - जिसमें उनके पढ़े-लिखे होने और अंग्रेजी बोल सकने की क्षमता पर जोर था, उनकी बढ़ी उम्र का भी जिक्र था, और लायन लीडर्स के साथ काम करने के उनके अनुभव की बात थी; लेकिन जल्दी ही दीपक तलवार और उनके समर्थकों को समझ में आ गया कि इन खूबियों के भरोसे वोट नहीं मिल सकेंगे । इन बातों को लेकर दीपक तलवार का बल्कि मजाक और बना । लोगों ने कहा/पूछा कि डायरेक्टर बनने के लिए दीपक तलवार ने अपनी उम्र बढ़ने का इंतजार क्यों किया, वह पहले उम्मीदवार क्यों नहीं बने ? पीछे जो लोग डायरेक्टर बने, वह क्या दीपक तलवार से ज्यादा पढ़े-लिखे हैं, उनसे अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं - दीपक तलवार इसलिए उनके सामने उम्मीदवार नहीं बने थे क्या ?
लोगों के बीच इस तरह की बातों के होने से दीपक तलवार की तरफ से उनकी खूबियों की बात होना बंद हो गया, और उनकी तरफ का कैम्पेन पूरी तरफ नकारात्मक हो गया । दीपक तलवार और उनके समर्थकों का सारा जोर जितेंद्र चौहान का मजाक बनाने पर, उनकी उम्मीदवारी के नामांकन में कमिया खोजने तथा किसी भी तरह से चुनाव को रद्द करवाने पर आ टिका । मजे की बात यह रही कि चुनाव-अभियान के गंदा होने की आशंका तेजपाल खिल्लन की तरफ से थी, लेकिन तेजपाल खिल्लन ने चुनाव बड़ी गरिमा के साथ लड़ा और चुनावी नतीजे को भी बड़े बड़प्पन के साथ स्वीकार किया । दीपक तलवार के समर्थकों ने लेकिन चुनाव को गटर-छाप बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी - और विडंबना यह रही कि ऐसा करने में उन लोगों की भी खासी सक्रिय भूमिका रही, जिन्हें भले व्यक्ति के रूप में देखा/पहचाना जाता रहा है । दरअसल इसीलिए, मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट के पदों पर होने वाली नियुक्ति के मामले में जितेंद्र चौहान और उनके नजदीकी उन लोगों के प्रति कोई रियायत बरतने को तैयार नहीं हैं, जिन्होंने चुनाव को गंदा करने/बनाने में भूमिका निभाई है । दीपक तलवार और तेजपाल खिल्लन की उम्मीदवारी के कुछेक समर्थकों ने मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन क्षितिज शर्मा पर पदों के लिए दबाव बनाने का काम तो शुरू किया है, लेकिन लगता नहीं है कि जितेंद्र चौहान से विचार-विमर्श किए बिना क्षितिज शर्मा पदों को लेकर कोई फैसला करेंगे ।