Wednesday, January 9, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में अचानक से रवि गुगनानी को 'नीचे' से 'ऊपर' बैठा कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया व डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल उन्हें सिर्फ झाँसा दे रहे हैं, या उनकी उम्मीदवारी को लेकर वास्तव में गंभीर हैं

नई दिल्ली । रविंदर उर्फ रवि गुगनानी को डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस का कन्वेनर बना कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया और डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल ने अपना उल्लू तो सीधा कर लिया है, लेकिन रवि गुगनानी को मुसीबत में फँसा दिया है । रवि गुगनानी के लिए मुसीबत की बात यह हुई है कि जो लोग उन्हें अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार बनाना चाहते हैं और इसके लिए तैयारी भी करने लगे थे, उन्हें उनको कॉन्फ्रेंस कन्वेनर बनता देख डर हुआ है कि रवि गुगनानी ने कहीं पाला तो नहीं बदल लिया है । रवि गुगनानी के कुछेक शुभचिंतकों को यह चिंता भी है कि विनय भाटिया और विनोद बंसल की जोड़ी कहीं रवि गुगनानी को झाँसा तो नहीं दे रही है, जिसके चलते रवि गुगनानी फिर न 'इधर' के रहें और न 'उधर' के । उल्लेखनीय है कि इस वर्ष हुए चुनाव में विनय भाटिया और उनकी टीम के प्रमुख सदस्य खुल कर, तो विनोद बंसल पर्दे के पीछे से अशोक कंतूर की उम्मीदवारी के समर्थन में थे, और अगले वर्ष अजीत जालान को उम्मीदवार बनाने की बात कर रहे थे । अशोक कंतूर के चुनाव हार जाने और अगली बार फिर से उम्मीदवार बनने की तैयारी करने से उनके सामने अशोक कंतूर या अजीत जालान में से किसी एक को चुनने की समस्या पैदा हुई । उनकी समस्या रवि गुगनानी द्वारा उम्मीदवारी प्रस्तुत करने से और बढ़ गई । अलग अलग कारणों से विनय भाटिया और विनोद बंसल के रवि गुगनानी से अच्छे संबंध हैं; संबंधों के अलावा इस वर्ष विनय भाटिया और विनोद बंसल को रवि गुगनानी से अभी बहुत से 'काम' भी लेने हैं - लिहाजा उनके लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए रवि गुगनानी की उम्मीदवारी को अनदेखा करना संभव नहीं हुआ ।
ऐसे में, विनय भाटिया और विनोद बंसल ने अलग अलग तरीके से रवि गुगनानी को घेरा : एक तरफ, विनय भाटिया ने उन्हें भरोसा दिया कि वह चिंता न करें, अगले वर्ष अन्य किसी को उनके सामने उम्मीदवार नहीं बनने दिया जायेगा और उन्हें निर्विरोध डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुनवाया जायेगा; दूसरी तरफ विनोद बंसल ने उन्हें समझाया कि अपनी उम्मीदवारी को लेकर वह अभी ज्यादा तेजी न दिखाएँ, क्योंकि इससे उनके विरोधी सक्रिय हो जायेंगे - अभी वह डिस्ट्रिक्ट में काम करें और उचित समय आने पर अपनी उम्मीदवारी की चर्चा चलाएँ । इस तरह की लच्छेदार बातों से भला कौन प्रभावित नहीं होगा - सो, रवि गुगनानी भी हो गए । यह प्रभाव तब और गहरा हो गया जब रवि गुगनानी डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के कन्वेनर बना दिए गए । रवि गुगनानी के शुभचिंतकों को लेकिन इस सारे घटनाक्रम में चालबाजी नजर आ रही है । उनका कहना है कि यह कोई सामान्य बात नहीं है कि विनय भाटिया और विनोद बंसल की जोड़ी ने डिस्ट्रिक्ट टीम का गठन करते समय जिन रवि गुगनानी को जोनल पदाधिकारी से ऊपर की हैसियत का नहीं माना/समझा था और जिन्हें अपनी टीम के पप्पूजीत सिंह सरना, अमित जोनेजा, अजीत जालान जैसे 'रत्नों' के नीचे रखा था - अब अचानक से उन्हीं रवि गुगनानी को कन्वेनर बना कर इन तीनों के सिर पर बैठा दिया है । मजे की बात यह नजर आ रही है कि रवि गुगनानी को मिल रही इस अहमियत से अशोक कंतूर और अजीत जालान को कोई समस्या होती हुई नहीं दिख रही है । अशोक कंतूर तो पूरी सक्रियता के साथ अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने हेतु डिस्ट्रिक्ट के लोगों तथा प्रेसीडेंट्स इलेक्ट से बातचीत करते देखे जा रहे हैं । इससे रवि गुगनानी के शुभचिंतकों को लग रहा है कि विनय भाटिया और विनोद बंसल की जोड़ी रवि गुगनानी के साथ चाल खेल रही है और उन्हें झाँसा देते हुए अपने 'काम' के लिए इस्तेमाल कर रही है ।
रवि गुगनानी के लिए मुसीबत की बात यह हुई है कि विनय भाटिया और विनोद बंसल के यहाँ उन्हें अचानक से मिलती दिख रही तवज्जो के चलते उन लोगों के यहाँ उनकी स्थिति संदेहास्पद हो रही है, जो उन्हें अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर रहे थे । वह अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं; उन्हें लग रहा है कि रवि गुगनानी को उम्मीदवारी के लिए हवा उन्होंने दी - रवि गुगनानी लेकिन हवा में इतना तेज उड़ने लगे कि सीधे विनय भाटिया और विनोद बंसल के नजदीक जा पहुँचे ।उन्हें चिंता यह देख कर हुई है कि रवि गुगनानी ने इतनी राजनीतिक समझदारी भी नहीं दिखाई कि विनय भाटिया और विनोद बंसल की जो जोड़ी इस वर्ष अशोक कंतूर को चुनाव नहीं जितवा सकी, और अभी भी अशोक कंतूर की उम्मीदवारी से जिन्होंने हाथ नहीं खींचा है - उनसे रवि गुगनानी अपनी उम्मीदवारी के लिए क्या फायदा ले सकेंगे ? रवि गुगनानी को जानने वाले वरिष्ठ रोटेरियंस का कहना है कि रवि गुगनानी को पहले भी उम्मीदवारी का वास्ता देकर इस्तेमाल किया जा चुका है; उन्हें लगता है कि रवि गुगनानी एक बार फिर उसी तरह की चालबाजी का शिकार होते हुए नजर आ रहे हैं । देखना दिलचस्प होगा कि कॉन्फ्रेंस कन्वेनर बन कर रवि गुगनानी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए सचमुच ऊँची छलाँग लगाते हैं, या फिर सिर्फ इस्तेमाल होकर रह जाते हैं ?