Tuesday, January 22, 2019

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि मेहरा को फर्जी साइन करने के मामले में फँसाने की फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गुरचरण सिंह भोला की राजनीतिक चाल कहीं डिस्ट्रिक्ट को ही तो मुसीबत में नहीं फँसा देगी ?

नई दिल्ली । फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गुरचरण सिंह भोला के फर्जी साइन करके नए क्लब बनाने/बनवाने के आरोप पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि मेहरा ने मामले को राजनीतिक रंग देने की जो कोशिश की है, उसने डिस्ट्रिक्ट में राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है । एकतरफ जेपी सिंह के नजदीकियों की तरफ से जोरशोर से दावे किए/सुने जा रहे हैं कि रवि मेहरा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद पर अब कुछ ही दिनों के मेहमान हैं और लायंस इंटरनेशनल द्वारा जल्दी ही उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद से बर्खास्त कर दिया जायेगा । उनका कहना/बताना है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर के रूप में जेपी सिंह ने लायन इंटरनेशनल के वरिष्ठ पदाधिकारियों से बात कर ली है, जिन्होंने जेपी सिंह को आश्वस्त किया है कि लायंस इंटरनेशनल के साथ धोखाधड़ी करने की कार्रवाई को किसी भी रूप में स्वीकार व बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और रवि मेहरा के खिलाफ निश्चित ही कड़ी कार्रवाई की जायेगी - जिसमें उन्हें उनके पद से हटाना भी शामिल है । दूसरी तरफ, इस तरह की बातों के जबाव में रवि मेहरा के नजदीकियों की तरफ से भी जेपी सिंह को निशाने पर लिया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि जेपी सिंह की हरकतों ने  जिस तरह से लायनिज्म को विवादग्रस्त और सड़क के झगड़ों में तब्दील कर दिया है, उसे लायंस इंटरनेशनल के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने समझ/पहचान लिया है और उन्होंने जेपी सिंह को सबक सिखाने का निश्चय कर लिया है, जिसके कारण जेपी सिंह का इंटरनेशनल डायरेक्टर पद ही खतरे में है । डिस्ट्रिक्ट और मल्टीपल के कुछेक वरिष्ठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को लगता है कि डिस्ट्रिक्ट ए टू में जिस तरह से झगड़े लगातार बने हुए हैं, और बढ़ रहे हैं - उसके कारण डिस्ट्रिक्ट ए थ्री की तरह कहीं डिस्ट्रिक्ट ए टू को भी सस्पेंड न कर दिया जाए और डिस्ट्रिक्ट का अधिकृत स्टेटस कुछ समय के लिए खत्म न कर दिया जाए ? यदि सचमुच ऐसा हो गया तो रवि मेहरा का डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पद तो छिनेगा ही, अगले वर्ष गुरचरण सिंह भोला भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं बन पायेंगे और डिस्ट्रिक्ट ए टू का सदस्य होने के कारण जेपी सिंह को भी इंटरनेशनल डायरेक्टर पद से हाथ धोना पड़ेगा ।
लायंस इंटरनेशनल में डिस्ट्रिक्ट ए टू का जो नया झगड़ा पहुँचा है, उसमें फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गुरचरण सिंह भोला ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि मेहरा पर उनके फर्जी साइन करके क्लब बनाने का आरोप लगाया है । उल्लेखनीय है कि लायंस इंटरनेशनल के नियमानुसार, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नए 9 क्लब तो अपने आप बना/बनवा सकता है, लेकिन इसके बाद नए क्लब बनाने/बनवाने के लिए उसे फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की सहमति भी 'दिखानी' होगी । लायंस इंटरनेशनल को लिखी शिकायत में गुरचरण सिंह भोला ने आरोप लगाया है कि 9 के बाद डिस्ट्रिक्ट में पाँच और जो नए क्लब बने हैं, उनमें उनकी सहमति दिखाने के लिए उनके फर्जी साइन बनाए गए हैं - और यह धोखाधड़ी का मामला है तथा इसके लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि मेहरा के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए । गुरचरण सिंह भोला के शिकायती पत्र को लायंस इंटरनेशनल कार्यालय ने जबाव देने के लिए रवि मेहरा के पास भेज दिया । रवि मेहरा की तरफ से आरोप से इंकार किया गया और दावा किया गया कि साइन गुरचरण सिंह भोला ने ही किए हैं, लेकिन वह राजनीतिक कारणों से अब इससे मुकर रहे हैं और राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से वह उन पर झूठा आरोप लगा रहे हैं । रवि मेहरा ने मामले को जो राजनीतिक ट्विस्ट दिया है, उसके चलते यह किस्सा दिलचस्प और ज्यादा गंभीर हो गया है । मामले में रवि मेहरा और गुरचरण सिंह भोला में से कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ - यह बात तो सिर्फ रवि मेहरा और गुरचरण सिंह भोला ही जानते होंगे; दूसरे लोग तो सिर्फ परिस्थितियों व कॉमनसेंस के आधार पर ही मामले को समझने की कोशिश कर सकते हैं । 
परिस्थितियों व कॉमनसेंस के आधार पर मामले को देखने/समझने की कोशिश में रवि मेहरा का पलड़ा भारी नजर आता है; क्योंकि उनकी तरफ से तर्क दिया जा रहा है कि रवि मेहरा को फर्जीवाड़ा करने की जरूरत क्या थी - गुरचरण सिंह भोला यदि नए क्लब के आवेदनों पर साइन करने के लिए राजी नहीं होते तो लायंस इंटरनेशनल उन्हें सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन गुप्ता के साइन करवा कर आवेदन भेजने का अधिकार देता है, और रवि मेहरा आसानी से ऐसा कर लेते । रवि मेहरा के नजदीकियों का कहना है कि जो काम करने के लिए वह गुरचरण सिंह भोला पर निर्भर नहीं थे, जिस काम को वह रमन गुप्ता की मदद से संभव कर सकते थे - उस काम को करने के लिए वह फर्जी साइन क्यों करेंगे भला ? मजे की बात यह भी है कि खुद गुरचरण सिंह भोला भी कह रहे हैं कि उन्हें नए बने क्लब्स को लेकर कोई शिकायत नहीं है और रवि मेहरा यदि उन्हें साइन करने को कहते, तो वह साइन कर देते । दोनों पक्षों की तरफ से होने वाली इन बातों से लोगों को लगा है कि मामला कोई ज्यादा गंभीर नहीं है और गुरचरण सिंह भोला नाहक ही मामले को तूल दे रहे हैं । क्लब्स और डिस्ट्रिक्ट्स में होने वाले कामकाज से परिचित लोगों का कहना है कि कई बार किसी के साइन किसी और के द्वारा करने की स्थितियाँ बनती रहती हैं, और गलत होने के बावजूद उन स्थितियों को 'स्वीकार' कर लिया जाता है - इसलिए लगता है कि इस मामले को तूल देकर गुरचरण सिंह भोला कोई राजनीतिक उद्देश्य ही साधना चाहते हैं । कुछेक लोगों का यह भी कहना है कि फर्जी साइन करने की बात यदि सच है, और इसे लेकर गुरचरण सिंह भोला वास्तव में सेंसेटिव हैं तो उन्हें लायंस इंटरनेशनल की बजाये पुलिस में शिकायत करना चाहिए ।
दरअसल पैसों की लूट-खसोट और मनमाने व घमंडी तरीके से काम करने को लेकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि मेहरा की डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच भारी बदनामी तो है ही; उनके खेमे के कुछेक प्रमुख लोगों ने पाला भी बदल लिया है । समझा जाता है कि रवि मेहरा की इस बदनामी को और गहरा बनाने के लिए ही गुरचरण सिंह भोला ने उन पर फर्जी साइन करने का आरोप मढ़ दिया है । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की चुनावी खेमेबाजी में यह दोनों चूँकि अलग अलग उम्मीदवारों की कमान सँभाले हुए हैं, इसलिए माना/समझा जा रहा है कि रवि मेहरा को राजनीतिक रूप से दबाव में लेने तथा कमजोर करने के लिए ही गुरचरण सिंह भोला ने फर्जी साइन करने का मुद्दा उछाल दिया है, जिस पर रवि मेहरा की तरफ से हुई जबावी कार्रवाई ने लेकिन मामले को और गंभीर बना दिया है - तथा डिस्ट्रिक्ट के अस्तित्व को ही खतरे में पहुँचा देने वाले हालात बना दिए हैं ।