नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट 321 ए वन के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तेजपाल खिल्लन ने डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस से संबंधित ऑफिशियल कॉल को लेकर जिस तरह से लायंस इंटरनेशनल व मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 के नियम-कानूनों का उल्लंघन करते हुए मजाक बनाया है, उससे लोगों को कहने का मौका मिला है कि दूसरी बार डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने के बावजूद तेजपाल खिल्लन नियमों को अभी तक भी जान/समझ नहीं पाए हैं । किसी ने चुटकी लेते हुआ कहा भी कि तेजपाल खिल्लन लायनिज्म के नाम पर सिर्फ धंधा करना जानते हैं, नियम-कानूनों का पालन करने तथा लायनिज्म की भावना का सम्मान रखना/करना उन्होंने सीखा ही नहीं है - और वह दो बार नहीं, चाहें दस बार गवर्नर बन जाएँ, यह कभी सीख भी नहीं पायेंगे । डिस्ट्रिक्ट में उनके नजदीकियों का ही कहना है कि ऑफिशियल कॉल के नाम पर जो तमाशा हुआ है, वह सिर्फ इस बात का सुबूत है कि तेजपाल खिल्लन धंधे के अलावा लायनिज्म के बाकी सभी काम मनमाने तरीके से करते हैं और नियम-कानूनों का पालन करने की कोई जरूरत नहीं समझते हैं । मनमानियों और बेवकूफियों के कारण तेजपाल खिल्लन को चूँकि कोई राजनीतिक नुकसान नहीं होता है, इसलिए वह अपनी हरकतों में सुधार की कोई जरूरत भी नहीं समझते हैं - और डिस्ट्रिक्ट में उनका 'राजपाट' 'अंधेर नगरी चौपट राजा' वाली स्टाइल में चलता चला जा रहा है । हालाँकि इसके कारण, तेजपाल खिल्लन की लायनिज्म और उसके लोगों में एक नकारात्मक छवि बनी है, और कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता है ।
मनमानी के ताजा किस्से में, तेजपाल खिल्लन ने ऑफिशियल कॉल के मामले में दो दो बार नियम-कानूनों को ठेंगा दिखा दिया है । उल्लेखनीय है कि तेजपाल खिल्लन की तरफ से पहले 5 जनवरी को ऑफिशियल कॉल निकाली गई, जिसमें 8 मार्च को डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस करने की बात कही गई ।सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए नामांकन भरने की अंतिम तारीख 22 जनवरी तय की गई । उक्त कॉल आते ही कई लोगों ने उसमें रही/बनी खामियों को रेखांकित करना शुरू कर दिया । यह देख कर तेजपाल खिल्लन ने उक्त कॉल को छिपाना/दबाना शुरू कर दिया और बहुत से लोगों को उक्त कॉल की कॉपी दी ही नहीं - ताकि ज्यादा पोल न खुले और मामला दबा रह जाए । तेजपाल खिल्लन के नजदीकियों का कहना/बताना है कि तेजपाल खिल्लन ने सोचा था कि कॉल की कमियों/खामियों की बातें करने वाले लोग कुछ ही दिनों में चुप हो जायेंगे और इस तरह से बात आई/गई हो जायेगी । लेकिन कॉल की कमियों/खामियों की शिकायत लायंस इंटरनेशनल कार्यालय तक जा पहुँची । इंटरनेशनल कार्यालय ने तेजपाल खिल्लन से मामले में जबाव माँग लिया । लायंस इंटरनेशनल कार्यालय की इस कार्रवाई से तेजपाल खिल्लन चिंतित हुए - और तब आनन/फानन में उन्होंने दूसरी कॉल निकाल दी, जिसके अनुसार डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के लिए 30 मार्च की नई तारीख और फरीदाबाद के रूप में नई जगह का ऐलान किया गया । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए नामांकन भरने के लिए भी 12 फरवरी की नई तारीख घोषित की गई । तेजपाल खिल्लन ने सोचा तो यह था कि दूसरी कॉल निकालने के बाद विवाद समाप्त हो जायेगा, किंतु इस दूसरी कॉल निकालने की कार्रवाई ने उनकी मुश्किलों को कम करने की बजाये बढ़ा और दिया है ।
तेजपाल खिल्लन द्वारा निकाली गई दूसरी कॉल को लेकर आरोप यह लगा है कि इसके लिए तेजपाल खिल्लन ने डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट की मंजूरी नहीं ली है, और मनमाने तरीके से इसे जारी कर दिया है । लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानूनों के अनुसार, ऑफिशियल कॉल के लिए डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होती है; और ऑफिशियल कॉल में बाद में यदि कोई संशोधन/परिवर्तन करने की जरूरत होती है तो उसके लिए भी कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत होती है । तेजपाल खिल्लन ने ऑफिशियल कॉल में संशोधन/परिवर्तन ही नहीं किया है, बल्कि पूरी कॉल ही बदल दी है - और एक तरीके से दूसरी नई कॉल जारी की है, और इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी ही नहीं ली है । इस तरह, इस दूसरी ऑफिशियल कॉल को भी अवैधानिक माना/बताया जा रहा है । डिस्ट्रिक्ट में तेजपाल खिल्लन के नजदीकियों का कहना/बताना है कि कैबिनेट की मंजूरी न लेने की बात यदि बढ़ी तो तेजपाल खिल्लन कैबिनेट की मंजूरी का फर्जी रिकॉर्ड 'दिखा' कर साबित कर देंगे कि उन्होंने कैबिनेट की मंजूरी तो ली है; कैबिनेट चूँकि तेजपाल खिल्लन की 'जेब' में ही रहती है - इसलिए उनके फर्जी दावे पर कोई कैबिनेट सदस्य आपत्ति भी नहीं करेगा । आगे क्या होगा, यह तो आगे पता चलेगा - लेकिन दूसरी ऑफिशियल कॉल निकालते समय भी नियम-कानूनों की परवाह न करके तेजपाल खिल्लन ने एक बार फिर दिखा दिया है कि लायनिज्म के नाम पर वह सिर्फ धंधा ही ठीक से कर सकते हैं, बाकी काम वह चलताऊ और मनमाने तरीके से ही कर सकेंगे ।