Wednesday, January 30, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के जरिये विनोद बंसल इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की अपनी संभावित उम्मीदवारी के समर्थन के लिए डिस्ट्रिक्ट में अनुकूल माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं क्या ?

नई दिल्ली । एक से दो फरवरी के बीच हो रही डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की तैयारी में पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद बंसल की संलग्नता को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की उनकी संभावित उम्मीदवारी की तैयारी के रूप में देखे जाने के कारण पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का रवैया अचानक से आलोचनात्मक हो गया है । उनकी तरफ से शिकायतें अचानक से तेज हो गयीं हैं, जिनमें तरह तरह से सिर्फ एक ही बात सुनी जा रही है और वह यह कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की तैयारी में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया पूर्व गवर्नर्स को तो पूछ ही नहीं रहे हैं, और एक अकेले विनोद बंसल ही उनके सलाहकार बने हुए हैं । पूर्व गवर्नर्स को लग रहा है कि विनोद बंसल ने जैसे डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस को हाईजैक कर लिया है, और डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की तैयारी में अन्य पूर्व गवर्नर्स के लिए कोई जगह, कोई मौका नहीं छोड़ा है । मजे की बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की तैयारी में तथा उसके 'प्रचार' में विनोद बंसल ज्यादा 'दिख' नहीं रहे हैं, और उन्होंने अपने आप को पीछे व छिपाकर ही रखा हुआ है - क्योंकि वह जानते/समझते हैं कि वह यदि ज्यादा दिखेंगे तो अन्य पूर्व गवर्नर्स भड़केंगे और उनके लिए परेशानी पैदा करेंगे; इसके बावजूद विनोद बंसल 'पकड़' लिए गए हैं । विनोद बंसल के लिए समस्या और चुनौती की बात यह है कि उनके अपने डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स उन्हें आगे बढ़ता देख नहीं पाते हैं । उल्लेखनीय है कि पीटी प्रभाकर के इंटरनेशनल डायरेक्टर रहते हुए दिल्ली में रोटरी जोन इंस्टीट्यूट आयोजित होने की योजना बनी थी, जिसका लेकिन दिल्ली के पूर्व गवर्नर्स ने सिर्फ इसलिए भारी विरोध किया था - क्योंकि विनोद बंसल को उस इंस्टीट्यूट का चेयरमैन बनाया जा रहा था; उस विरोध के चलते पीटी प्रभाकर के डायरेक्टर-वर्ष में रोटरी जोन इंस्टीट्यूट दिल्ली में नहीं हो पाया था, और विनोद बंसल से इंस्टीट्यूट का चेयरमैन बनने का मौका छिन गया था ।
लगता है कि उसी अनुभव से सबक लेकर विनोद बंसल ने इस वर्ष डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस को हाईजैक कर लेने के बावजूद उसकी तैयारी में अपने आपको 'दिखाने' से बचने का प्रयास किया है । लेकिन चूँकि तैयारी पर उनकी छाप देख/पहचान ली गई है, इसलिए उनका प्रयास सफल नहीं रहा है - और पूर्व गवर्नर्स को शिकायतें करने का बहाना/मौका मिल गया है । पूर्व गवर्नर्स का ही कहना है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की तैयारी के बहाने से विनोद बंसल दरअसल डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया की 'स्थिति' को सुधारने और मजबूत बनाने/करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चयन करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए वह विनय भाटिया को उम्मीदवार बना/बनवा सकें । पूर्व गवर्नर्स का कहना है कि विनोद बंसल को भी पता है कि डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स में ऐसा कोई नहीं है, जो नोमीनेटिंग कमेटी की मीटिंग में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए उनकी उम्मीदवारी की वकालत करे; और उन्हें जब नोमीनेटिंग कमेटी की मीटिंग में अपने ही डिस्ट्रिक्ट के प्रतिनिधि का समर्थन नहीं मिलेगा, तब फिर दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के प्रतिनिधियों के समर्थन की वह कैसे क्या उम्मीद कर सकते हैं ? अगले से अगले रोटरी वर्ष में जब उक्त नोमीनेटिंग कमेटी के लिए सदस्यों का चुनाव होगा, तब तक विनय भाटिया पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स वाली कैटेगरी में आ चुके होंगे और अकेले वही होंगे जो यदि नोमीनेटिंग कमेटी के लिए चुने जा सके, तो विनोद बंसल की उम्मीदवारी के पक्ष में आवाज उठा सकेंगे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में विनय भाटिया का कार्यकाल ऐसा नहीं जा रहा है कि पूर्व हो जाने के बाद डिस्ट्रिक्ट में उनकी कोई अहमियत रहे/बचे; इसलिए विनोद बंसल की कोशिश है कि वह डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस को ऐसी यादगार कांफ्रेंस बना/बनवा दें कि उसके सहारे विनय भाटिया की कुछ साख/पहचान बन जाये और उनके काम आए । विनय भाटिया की हरकतों से नाराज होने वाले खास तौर से फरीदाबाद तथा आमतौर से डिस्ट्रिक्ट के 'अपने' लोगों को पुनः विनय भाटिया के साथ ला कर विनोद बंसल ने अपने कुनबे को फिर से जोड़ने का काम किया है - उन्हें उम्मीद होगी कि यह काम और इसके नतीजे व्यर्थ नहीं जायेंगे और इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव के संदर्भ में डिस्ट्रिक्ट में उन्हें अलग-थलग पड़ने से बचायेंगे । 
इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव के संदर्भ में विनोद बंसल को अपने डिस्ट्रिक्ट में सिर्फ पूर्व गवर्नर्स से ही चुनौती मिलने का खतरा नहीं है, बल्कि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी सुशील गुप्ता का बदलता दिख रहा रवैया भी उनके लिए मुसीबत पैदा कर रहा है । सेन डिएगो में अभी हाल ही में संपन्न हुई इंटरनेशनल असेम्बली में सुशील गुप्ता के साथ रंजन ढींगरा के जाने को विनोद बंसल के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । सुशील गुप्ता के साथ रंजन ढींगरा की नजदीकियत हालाँकि काफी पुरानी है, लेकिन हाल-फिलहाल की चर्चा में यह बात रही है कि पिछले कुछ समय से नजदीकियत की वह जगह रंजन ढींगरा से विनोद बंसल ने ले ली है । कई मौकों पर ऐसे दृश्य देखने को मिले, जिनसे उक्त बात की पुष्टि भी हुई । लेकिन सेन डिएगो जाने में सुशील गुप्ता ने विनोद बंसल की बजाये रंजन ढींगरा को जो तवज्जो दी, उससे लोगों के बीच संदेश गया कि रंजन ढींगरा की जगह अभी भी रंजन ढींगरा के पास ही है । इस संदेश का इसलिए खास अर्थ है और यह विनोद बंसल के लिए इसलिए मुसीबत की बात है - क्योंकि रंजन ढींगरा को भी इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । ऐसे में, इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में विनोद बंसल के अपने ही डिस्ट्रिक्ट में विपरीत हालातों का और गंभीर चुनौतियों का सामना करने की स्थितियाँ बनी हैं । इन स्थितियों से निपटने के लिए विनोद बंसल को सहयोगियों की जरूरत तो होगी ही, जिनकी लेकिन उनके लिए बहुत कमी है । ले दे के एक विनय भाटिया पर वह कुछ भरोसा कर सकते हैं; विनय भाटिया की लेकिन डिस्ट्रिक्ट में कोई साख/पहचान नहीं बन पाई है । विनय भाटिया की मदद से विनोद बंसल ने इस वर्ष अशोक कंतूर को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुनवाने का बीड़ा उठाया था, जिसमें उन्हें लेकिन करारी मात मिली । ऐसे में, डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस को अच्छे से आयोजित कर/करवा कर विनोद बंसल उस हार से मिली फजीहत को धुँधला करना तथा विनय भाटिया की 'कुछ न कर सकने' वाली इमेज को सुधारना चाहते हैं - ताकि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में विनय भाटिया उनके कुछ काम आ सकें । डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स ने इस बात को पहचान/समझ कर डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस को लेकर जिस तरह की शिकायतें करना शुरू कर दिया है, उससे लग रहा है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए विनोद बंसल की अपने ही डिस्ट्रिक्ट में राह आसान नहीं है ।