Sunday, January 20, 2019

चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इंस्टीट्यूट की वेस्टर्न इंडिया रीजनल काउंसिल पर 'कब्जा' करने की उत्तम अग्रवाल की 'धमकी-राजनीति' को फेल करने के उद्देश्य से वेस्टर्न रीजन के सेंट्रल काउंसिल सदस्यों ने वेस्टर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के नए पदाधिकारियों के चुनाव में वोट देने का फैसला करके हालात को उत्तम अग्रवाल के लिए और मुश्किल बनाया

मुंबई । संदीप जैन को 'आगे करके' उत्तम अग्रवाल ने वेस्टर्न इंडिया रीजनल काउंसिल पर कब्जे की लड़ाई की जो तैयारी की है, उसका मुकाबला करने के लिए वेस्टर्न रीजन के कई एक सेंट्रल काउंसिल सदस्यों ने भी कमर कस ली है - और इस तरह वेस्टर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के नए पदाधिकारियों के चुनाव का नजारा खासा दिलचस्प हो उठा है । उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी की 'रचनात्मक संकल्प' की रिपोर्ट में बताया गया था कि 22 सदस्यीय अगली रीजनल काउंसिल में उत्तम अग्रवाल खेमे के पास 9 सदस्यों का समर्थन है; बहुमत पूरा करने के लिए उन्हें तीन और सदस्यों के समर्थन की जरूरत है - जिसे पूरा करने के लिए वह तीन-चार सदस्यों को तरह तरह की धमकियाँ देकर अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं; और जब तक उनके पास बहुमत नहीं जुट जाता है, तब तक वेस्टर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन संदीप जैन अगली काउंसिल के सदस्यों की मीटिंग नहीं बुलायेंगे । वेस्टर्न रीजन में हर किसी के लिए यह समझना मुश्किल हुआ है कि उत्तम अग्रवाल के साथ संदीप जैन के आखिर ऐसे कौन से स्वार्थ जुड़े हुए हैं कि वह पूरी तरह से उत्तम अग्रवाल की कठपुतली बन गए हैं - और अपनी, इंस्टीट्यूट की तथा प्रोफेशन की पहचान व साख को दाँव पर लगा देने को तैयार हैं । संदीप जैन को इस्तेमाल करके उत्तम अग्रवाल ने रीजनल काउंसिल पर कब्जे के लिए जो हथकंडा अपनाया है, उसकी वेस्टर्न रीजन के सेंट्रल काउंसिल सदस्यों के बीच तीखी प्रतिक्रिया देखने/सुनने को मिली है; और संकेत मिले हैं कि उत्तम अग्रवाल ने डरा-धमका कर यदि सदस्यों का समर्थन जुटाया और बहुमत प्राप्त किया, तो वह रीजनल काउंसिल के पदाधिकरियों के चुनाव में वोट करेंगे और उत्तम अग्रवाल के मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे । सेंट्रल काउंसिल सदस्यों की इस प्रतिक्रिया ने उत्तम अग्रवाल खेमे को तगड़ा झटका दिया है ।
दरअसल नई सेंट्रल काउंसिल के लिए वेस्टर्न रीजन में चुने गए 11 सदस्यों में से 7 - निहार जम्बूसारिया, प्रफुल्ल छाजेड़, श्रीनिवास जोशी, दुर्गेश काबरा, अनिल भंडारी, एनसी हेगड़े और वसंत चितले को उत्तम अग्रवाल के विरोधियों के रूप में देखा/पहचाना जाता है । इनमें से पाँच सदस्य तो रीजनल काउंसिल के 13 सदस्यों की उस मीटिंग में भी उपस्थित हुए थे, जो आगे की रणनीति पर विचार करने के लिए आयोजित हुई थी । जय छेरा को हालाँकि अभी तक उत्तम अग्रवाल खेमे में ही माना/समझा जाता रहा है, लेकिन रीजनल काउंसिल की अनौपचारिक मीटिंग बुलवाने को लेकर उन्होंने जो दिलचस्पी दिखाई है, उसके चलते उनके तेवर बदले बदले से नजर आ रहे हैं और संदर्भित मामले में उत्तम अग्रवाल खेमे को उनका समर्थन मिल पाने को लेकर शक जताया जा रहा है । अनिकेत तलति मौजूदा रीजनल काउंसिल के सदस्य के रूप में तो उत्तम अग्रवाल खेमे में हैं, लेकिन सेंट्रल काउंसिल सदस्य के रूप में वह उत्तम अग्रवाल के गेम प्लान का हिस्सा बनेंगे - इसे लेकर खुद उत्तम अग्रवाल खेमे में संदेह है । असल में, इंस्टीट्यूट के वाइस प्रेसिडेंट पद की चुनावी राजनीति में अनिकेत के पिता सुनील तलति और उत्तम अग्रवाल का हमेशा ही छत्तीस का रिश्ता रहा है, और कोई भी अभी यह बात भूला नहीं है कि उत्तम अग्रवाल के विरोध के बावजूद सुनील तलति वाइस प्रेसीडेंट पद का चुनाव कमलेश विकमसे की मदद से जीते थे । इस पृष्ठभूमि में अनिकेत तलति यदि उत्तम अग्रवाल के गेमप्लान का समर्थन करते हैं, तो उनके लिए कई तरह की समस्याओं और चुनौतियों को दावत देना होगा । बाकी बचे दो सदस्यों - धीरज खंडेलवाल और तरुण घिआ का उत्तम अग्रवाल को पक्का समर्थन रहेगा । इस तरह, रीजनल काउंसिल के नए पदाधिकारियों के चुनाव में वोट देने के अधिकारी कुल 33 सदस्यों में उत्तम अग्रवाल के गेमप्लान को अभी कुल 11 का पक्का समर्थन है; ऐसे में उत्तम अग्रवाल खेमे के लोग रीजनल काउंसिल के दो-तीन सदस्यों को यदि धमका-धमकु कर अपनी तरफ कर भी लेते हैं - तब भी बहुमत से बहुत दूर ही रह जाते हैं; और ऐसे में वेस्टर्न इंडिया रीजनल काउंसिल पर कब्जे की उनकी कोशिश को फेल ही होना है ।
सेंट्रल काउंसिल सदस्यों की इस तैयारी के चलते संदीप जैन के सहारे बहुमत जुटाने के लिए समय लेने की उत्तम अग्रवाल की कोशिश निरर्थक ही हो जाती है; क्योंकि इसके बाद संदीप जैन कभी भी मीटिंग करें - उत्तम अग्रवाल खेमा बहुमत से दूर ही होगा । रीजनल काउंसिल के पदाधिकारियों के चुनाव में हिस्सा लेने के फैसले को 'मजबूरी' बताते हुए सेंट्रल काउंसिल सदस्यों का कहना है कि उन्हें यह अच्छा तो नहीं लगेगा कि जो चुनाव रीजनल काउंसिल के सदस्यों को आपस में मिल-बैठ कर करना चाहिए - उसमें वह भी पड़ें; लेकिन कुछेक लोगों ने जिस तरह से इस चुनाव को अपनी गंदी व स्वार्थी राजनीति का अड्डा बना लिया है, तो उन्हें रोकना और सबक सिखाना जरूरी हो गया है; उन्हें यह बताना/दिखाना जरूरी है कि उनकी मनमानियाँ चलने नहीं दी जायेंगी । सेंट्रल काउंसिल सदस्यों का कहना है कि रीजनल काउंसिल के सदस्यों के बीच सहमतियाँ बन गई हैं और उनके गठजोड़ तय हो गए हैं - सभी को उसका सम्मान करना चाहिए; कुछेक लोग अपनी चौधराहट जमाने/दिखाने के लिए यदि रीजनल काउंसिल के बहुमत सदस्यों के फैसले को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, और धौंस-डपट से बहुमत जुटाने का प्रयास कर रहे हैं - तो सेंट्रल काउंसिल सदस्य के रूप में वह चुपचाप बैठे नहीं रह सकते हैं । वेस्टर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के नए पदाधिकारियों के चुनाव में सेंट्रल काउंसिल सदस्यों की सक्रियता ने उत्तम अग्रवाल खेमे की तैयारियों को जो झटका दिया है, उसने वेस्टर्न इंडिया रीजनल काउंसिल की चुनावी राजनीति के परिदृश्य को दिलचस्प बना दिया है ।