नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया और डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल के रवैये से आहत और अपमानित महसूस करते हुए डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के कन्वेनर रविंदर उर्फ रवि गुगनानी ने डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस शुरू होने से ठीक पहले आज रात होने वाले 'बेनेवॉलेंस नाइट' कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा की है, जिसके कारण डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस बदनामी और फजीहत का शिकार होती हुई नजर आ रही है । बहिष्कार की जानकारी देते हुए रवि गुगनानी ने आज विनय भाटिया और विनोद बंसल को खूब खरीखोटी भी सुनाई है, और उन पर धोखा देने का आरोप भी लगाया है । रवि गुगनानी के साथ और उनके समर्थन में रोहतक के अन्य लोगों ने भी आज रात के कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला किया है । विनय भाटिया और विनोद बंसल की तरफ से हालाँकि उन्हें मनाने की कोशिशें की जा रही हैं, किंतु रवि गुगनानी के नजदीकियों का कहना है कि रवि गुगनानी अपमान की आग में अभी इतना जल रहे हैं कि आज रात के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तो नहीं ही राजी होंगे । रवि गुगनानी के नजदीकियों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में होने वाले कार्यक्रम का पूर्ण विवरण आज जब रवि गुगनानी को देखने को मिला, तब वह यह देख कर तमतमा उठे कि पूरे दो दिन के कार्यक्रम में उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है । रवि गुगनानी ने डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की तैयारी में यह सोच कर अपनी संलग्नता दिखाई थी कि इसके जरिये वह अगले रोटरी वर्ष की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी संभावित उम्मीदवारी के लिए अपनी पहचान बना सकेंगे । लेकिन आज जब उन्होंने डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के दो दिनों के कार्यक्रम का विवरण देखा, तो उन्हें यही लगा है कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं ।
उल्लेखनीय है कि 'रचनात्मक संकल्प' ने तो 9 जनवरी की रिपोर्ट में ही आशंका व्यक्त की थी कि रवि गुगनानी को अचानक से डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस का कन्वेनर बना कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया और डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल की जोड़ी कहीं उन्हें झाँसा तो नहीं दे रही है । रवि गुगनानी को यह बात समझने में लेकिन 22 दिन लग गए । दरअसल विनय भाटिया और विनोद बंसल ने अलग अलग तरीके से रवि गुगनानी को घेरना शुरू किया था : एक तरफ, विनय भाटिया ने उन्हें भरोसा दिया कि वह चिंता न करें, अगले वर्ष अन्य किसी को उनके सामने उम्मीदवार नहीं बनने दिया जायेगा और उन्हें निर्विरोध डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुनवाया जायेगा; दूसरी तरफ विनोद बंसल ने उन्हें समझाया कि अपनी उम्मीदवारी को लेकर वह अभी ज्यादा तेजी न दिखाएँ, क्योंकि इससे उनके विरोधी सक्रिय हो जायेंगे - अभी वह डिस्ट्रिक्ट में काम करें और उचित समय आने पर अपनी उम्मीदवारी की चर्चा चलाएँ । इस तरह की लच्छेदार बातों से भला कौन प्रभावित नहीं होगा - सो, रवि गुगनानी भी हो गए । यह प्रभाव तब और गहरा हो गया जब रवि गुगनानी डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के कन्वेनर बना दिए गए । दूसरों को इस सारे घटनाक्रम में विनय भाटिया और विनोद बंसल की चालबाजी नजर आ रही थी - लेकिन रवि गुगनानी समझ रहे थे कि विनय भाटिया और विनोद बंसल ने उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बनवाने का बीड़ा उठा लिया है । लेकिन आज जब रवि गुगनानी ने डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के दो दिवसीय कार्यक्रम का विवरण देखा, और उसमें उन्हें अपनी कोई भूमिका नजर नहीं आई तो उनका माथा ठनका और उन्हें समझ में आया कि विनय भाटिया और विनोद बंसल की जोड़ी उन्हें उल्लू बना कर सिर्फ अपना मतलब साध रही है ।
विनय भाटिया और विनोद बंसल के खिलाफ रवि गुगनानी का आज जिस तरह से जो गुस्सा फूटा है, वह बना रहता है या जल्दी से शांत हो जाता है - यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा; लेकिन एक बात यह जरूर है कि आज रवि गुगनानी ने उन दोनों को जो खरीखोटी सुनाई है और डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की पूर्व संध्या पर आज रात होने वाले कार्यक्रम का बहिष्कार करने की जो घोषणा की है, वह डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के समीकरणों पर असर जरूर डालेगी ।