Wednesday, January 2, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में अपने डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर मुकेश अरनेजा की हरकतों पर ओढ़ी गई चुप्पी, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक गुप्ता के लिए सेन डिएगो में होने जा रही रोटरी इंटरनेशनल असेम्बली के दौरान अपने कलीग गवर्नर्स के बीच मुसीबतभरी साबित होगी क्या ?

गाजियाबाद । अमेरिका के कैलिफोर्निया के सेन डिएगो में 13 से 19 जनवरी के बीच होने जा रही रोटरी इंटरनेशनल असेम्बली में शामिल होने जा रहे दीपक गुप्ता अपने साथ मुकेश अरनेजा की कारस्तानियों से पैदा हुई समस्या को भी ले जा रहे हैं, जो उनके लिए भारी फजीहत भरी हो सकती है । अंग्रेजी में एक जुमला होता है - 'एलिफैंट इन द रूम' । इसका प्रयोग एक ऐसी समस्या के लिए किया जाता है जो दरअसल दिखाई नहीं देती है लेकिन होती बहुत बड़ी है और ठीक बगल में होती है । इस वर्ष हो रहे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में दिखाई गईं मुकेश अरनेजा की हरकतें दीपक गुप्ता के लिए वही समस्या है, जो दिख तो नहीं रही है - लेकिन दीपक गुप्ता के लिए बन जी का जंजाल रही है । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मुकेश अरनेजा पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से 'नंगा नाच' करने और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुभाष जैन के खिलाफ कुत्सित प्रचार करने से लेकर कुछेक प्रेसीडेंट्स को घेरघार कर उनके लिए 'सुरा और सुंदरी' का इंतजाम करने के जो आरोप लग रहे हैं, वह आरोप दीपक गुप्ता के लिए फजीहत का कारण बन रहे हैं । ऐसा इसलिए क्योंकि दीपक गुप्ता ने मुकेश अरनेजा को अपने गवर्नर वर्ष के लिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया हुआ है । इसके चलते कई लोगों को कहने का मौका मिल रहा है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में मुकेश अरनेजा ने जो गंद फैलाया, वह उन्होंने अपने डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर होने का फायदा उठाते हुए फैलाया - और इसलिए उसमें दीपक गुप्ता की भी मिलीभगत होने का अंदेशा होता है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में दीपक गुप्ता की सीधी मिलीभगत के आरोप तो हालाँकि किसी ने नहीं लगाए हैं - लेकिन उनके डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर मुकेश अरनेजा द्वारा की गई गंदगी की कीचड़ दीपक गुप्ता पर भी चिपकती तो है ही, और यही बात दीपक गुप्ता के लिए मुसीबतभरी है ।
दीपक गुप्ता के लिए यह बात मुसीबतभरी इसलिए भी है, क्योंकि दीपक गुप्ता अक्सर ही दिखाते/जताते रहते हैं जैसे कि उन्हें रोटरी का बड़ा ज्ञान है, वह रोटरी के आदर्शों व लक्ष्यों को अच्छे से समझते हैं और उन्हें निभाना व हासिल करना चाहते हैं । लोगों का कहना/पूछना है कि यदि सचमुच ऐसा ही है, जैसा कि वह दिखाने/जताने का प्रयास करते हैं - तो अपने डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर मुकेश अरनेजा की हरकतों पर आँखें मूँदे और चुप्पी साधे हुए क्यों हैं ? दरअसल इसीलिए लोगों को लगता है कि हो न हो मुकेश अरनेजा की हरकतों को पर्दे के पीछे से दीपक गुप्ता का संरक्षण प्राप्त था । दीपक गुप्ता रोटरी के प्रति जिस तरह का आदर्शपूर्ण व पवित्र किस्म का लगाव दिखाते/जताते हैं, उसे देखते हुए लोगों को आश्चर्य इस बात का भी है, कि उन्होंने मुकेश अरनेजा जैसे बदनाम व्यक्ति को अपना डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया ही क्यों ? उल्लेखनीय है कि मुकेश अरनेजा अपनी हरकतों के चलते डिस्ट्रिक्ट और रोटरी में खासे बदनाम रहे हैं, जिस कारण न सिर्फ यह कि उनके लिए 'अपने' क्लब में बने रहना मुश्किल हुआ और उन्हें वहाँ से निकलना पड़ा - बल्कि यह भी कि पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अमित जैन को उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने के बाद उनकी हरकतों से तंग आकर दो महीने के अंदर अंदर उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद से हटाने के लिए मजबूर भी होना पड़ा था । लोगों को हैरानी है कि रोटरी के उच्च आदर्शों व लक्ष्यों के प्रति सम्मान का भाव रखने और दिखाने वाले दीपक गुप्ता ने - मुकेश अरनेजा की हरकतों तथा उनकी कुख्याति से परिचित होने के बावजूद उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर क्यों और क्या सोच कर बनाया ?
दीपक गुप्ता के लिए यह सवाल सेन डिएगो में 13 से 19 जनवरी के बीच होने जा रही रोटरी इंटरनेशनल असेम्बली के दौरान ज्यादा मुसीबतभरा इसलिए होने जा रहा है, क्योंकि वहाँ उन्हें अपने कलीग गवर्नर्स तथा रोटरी के बड़े नेताओं की तरफ से इस सवाल का सामना करना पड़ सकता है । दरअसल दीपक गुप्ता ने रोटरी को लेकर बड़ी बड़ी  बातें करके देश के विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट - जो अगले रोटरी वर्ष में उनके साथ ही अपने अपने डिस्ट्रिक्ट में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होंगे - के बीच अपनी पैठ और खास छवि बनाने की कोशिश की, जिसमें उन्हें शुरू में तो सफलता मिली; लेकिन फिर उनकी पोल खुलना शुरू हो गई । कुछेक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स इलेक्ट ने इन पंक्तियों के लेखक से बात करते हुए बताया कि शुरू में तो दीपक गुप्ता की बड़ी बड़ी बातें सुन कर वह और दूसरे लोग उनसे प्रभावित हुए थे, लेकिन जैसे जैसे उन्होंने दीपक गुप्ता को नजदीक से देखा/जाना तो मालुम चला कि उनके पास सिर्फ बातें ही बातें हैं - अपनी ही बातों को वह खुद भी गंभीरता से नहीं लेते हैं; और इसीलिए उनकी बातों और उनके व्यवहार में जमीन-आसमान का अंतर नजर आता है । कलीग डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स इलेक्ट के बीच जाहिर होती जा रही उनकी असलियत से पैदा हुआ उनका संकट मुकेश अरनेजा की हरकतों पर उनके चुप बने रहने से और बढ़ेगा ही । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में मुकेश अरनेजा द्वारा की गईं हरकतों पर दीपक गुप्ता की चुप्पी - उन हरकतों में उनकी मिलीभगत के संदेहों को बल देने के साथ-साथ रोटरी के आदर्शों के प्रति जताए/दिखाए जा रहे लगावों को नकली, दिखावटी और फर्जी भी साबित कर रही है । यानि मानचेस्टर ग्रेंड हयात सेन डिएगो में दीपक गुप्ता के 'एलिफैंट इन द रूम' जुमले का शिकार होने की पूरी पूरी स्थितियाँ हैं ।