Thursday, January 3, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट सुरेश भसीन की अमेरिकी वीजा के लिए हो रही ज़द्दोजहद ने विनोद बंसल को यह स्पष्टीकरण देने के लिए मजबूर किया कि वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बने हैं, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के ट्रेनर नहीं बने हैं

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट सुरेश भसीन को अमेरिकी वीजा अभी तक न मिल पाने के लिए डिस्ट्रिक्ट के कुछेक लोग जिस तरह से पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद बंसल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, उसके कारण विनोद बंसल को लोगों को समझाना पड़ रहा है कि वह डिस्ट्रिक्ट के ट्रेनर बने हैं, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के ट्रेनर नहीं बने हैं । उल्लेखनीय है कि अमेरिका के कैलिफोर्निया के सेन डिएगो में 13 से 19 जनवरी के बीच रोटरी इंटरनेशनल असेम्बली का आयोजन होना है, जिसमें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स इलेक्ट की ट्रेनिंग होनी है - जो रोटरी इंटरनेशनल का एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम है; लेकिन जिसमें सुरेश भसीन के शामिल हो पाने को लेकर अभी तक संशय बना हुआ है । यह संशय इसलिए बना हुआ है क्योंकि वीजा के लिए होने वाले इंटरव्यू में सुरेश भसीन फेल हो चुके हैं और वीजा के लिए दिया गया उनका आवेदन रिजेक्ट हो चुका है । मजे की और बिडंवना की बात यह है कि अमेरिका जाने को लेकर सुरेश भसीन का बॉन वॉयज हो चुका है, जिसमें सुरेश भसीन अमेरिकी यात्रा को लेकर लोगों की शुभकामनाएँ ले चुके हैं - लेकिन उनका अमेरिका जा पाना अभी निश्चित नहीं है । इस बिडंवना के लिए कुछेक लोग विनोद बंसल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर होने का वास्ता देते हुए विनोद बंसल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जिस पर विनोद बंसल का कहना है कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के ट्रेनर नहीं बनाए गए हैं, डिस्ट्रिक्ट के ट्रेनर बनाए गए हैं - और अभी कुछ ही दिन पहले बनाए गए हैं ।
सुरेश भसीन और उनके नजदीकियों की तरफ से हालाँकि दावा किया जा रहा है कि सुरेश भसीन के मामले में वीजा की समस्या को अंततः हल कर लिया जायेगा और सुरेश भसीन इंटरनेशनल कन्वेंशन में शामिल हो सकेंगे । यह दावा करते हुए बताया जा रहा है कि रोटरी के बड़े पदाधिकारियों ने अमेरिकी दूतावास के पदाधिकारियों से संपर्क साधा हुआ है और वीजा क्लियर करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं । बताया जा रहा है कि यह समस्या सिर्फ सुरेश भसीन के साथ ही नहीं हुई है, बल्कि और कुछेक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स इलेक्ट के वीजा आवेदनों को भी रिजेक्ट किया गया है - और उनके वीजा भी क्लियर करवाने के लिए प्रयत्न किए जा रहे हैं । जानकारों के अनुसार, शुरू में कुल करीब 15 डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स इलेक्ट के वीजा आवेदन रिजेक्ट हुए थे; जिनमें से कई के मामले सुलटा लिए गए हैं - लेकिन छह-सात डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स इलेक्ट के मामले अभी भी फँसे हुए हैं, जिनमें सुरेश भसीन भी एक हैं । सुरेश भसीन के मामले के फँसे होने पर सभी को हैरानी है । सुरेश भसीन खासे अनुभवी रोटेरियन हैं, कुछेक दिनों के लिए वह पहले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रह चुके हैं - इस नाते उम्मीद की जाती थी कि वह अपने कामकाज और अपनी जिम्मेदारियाँ अच्छे से निभायेंगे; लेकिन वीजा मामले में उनके साथ जो हुआ है - उससे उनकी और उनके डिस्ट्रिक्ट की भारी फजीहत हुई है । रोटरी में लोगों का कहना है कि दूर-दराज के छोटे शहरों के लोगों के साथ वीजा की समस्या हो जाये, यह तो समझ में आता है; लेकिन दिल्ली में रहने वाले और रोटरी का खासा अनुभव रखने वाले सुरेश भसीन का वीजा मामले में मुसीबत में पड़ना हैरान करता है - और सुरेश भसीन के गवर्नर-काल के प्रति सशंकित करता है ।
डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लग रहा है कि जो सुरेश भसीन अपने लिए वीजा की व्यवस्था नहीं कर सकते हैं, वह गवर्नर पद की जिम्मेदारी भला कैसे संभाल और निभा पायेंगे ? इसी तर्ज पर उनके डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल को निशाने पर लिया जा रहा है । यह मामला डिस्ट्रिक्ट के लिए भी इसलिए फजीहत भरा है क्योंकि यह इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी सुशील गुप्ता का डिस्ट्रिक्ट है; डिस्ट्रिक्ट के तीन तीन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इंटरनेशनल डायरेक्टर बनने की जुगाड़ में हैं; और रोटरी इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित साऊथ एशिया ऑफिस के मुखिया राजीव रंजन इसी डिस्ट्रिक्ट के सदस्य हैं - इतने सब के बावजूद इस डिस्ट्रिक्ट के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट का वीजा आवेदन रिजेक्ट हो गया और उसका इंटरनेशनल असेम्बली में होने वाली जरूरी ट्रेनिंग में जा पाना मुश्किल में पड़ गया है । गौरतलब बात यह भी है कि कई डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स इलेक्ट के वीजा आवेदन रिजेक्ट हो जाने के बाद मामले से इंटरनेशनल डायरेक्टर भरत पांड्या को अवगत करवाया गया था, लेकिन उन्होंने मामले से निपटने की जिम्मेदारी दिल्ली स्थित साऊथ एशिया ऑफिस के मुखिया राजीव रंजन के मत्थे मढ़ दी । मजे की बात यह है कि वीजा संबंधी मुश्किलें प्रत्येक वर्ष आती हैं, लेकिन फिर भी रोटरी के बड़े पदाधिकारी और नेता इस मामले को गंभीरता से लेते नहीं नजर आते हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने वाले लोग भी कमाल लोग होते हैं; सुरेश भसीन का ही उदाहरण लें - डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने के लिए तो उन्होंने जी-जान लगा दिया और कई कई वर्ष चुनावी दौड़ में बने रहे; लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद तक पहुँचने की पहली सीढ़ी - अधिकृत ट्रेनिंग में शामिल होने के लिए अमेरिकी वीजा लेने - के काम के प्रति लापरवाह बने रहे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बनते ही वह यदि वीजा लेने का प्रयास करते, तो अब ऐन मौके पर, जबकि ट्रेनिंग शुरू होने में करीब दस दिन का समय बचा है, उन्हें वीजा के लिए ज़द्दोजहत में नहीं फँसना पड़ता ।