Thursday, February 14, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में मुकेश अरनेजा की चालबाजियों के चक्कर में सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी को मुसीबत में पड़ा देख प्रियतोष गुप्ता ने 'डिनर पॉलीटिक्स' के जरिये अपनी उम्मीदवारी की संभावनाओं को टटोलने की कोशिश शुरू की

नई दिल्ली । अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी को लेकर रोटरी क्लब दिल्ली विकास के प्रेसीडेंट सुनील मल्होत्रा पूर्व गवर्नर मुकेश अरनेजा की चालबाजियों में इस कदर फँसते नजर आ रहे हैं, कि उनकी उम्मीदवारी की संभावना खतरे में पड़ती लग रही है । इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए रोटरी क्लब गाजियाबाद मेट्रो के प्रियतोष गुप्ता ने 'डिनर पॉलीटिक्स' के जरिये अपनी उम्मीदवारी के लिए कमर कस ली है । मजे की बात यह है कि सुनील मल्होत्रा ने जब से अपनी उम्मीदवारी के बारे में सोचना शुरू किया है, तभी से वह मुकेश अरनेजा के समर्थन को लेकर आश्वस्त व निश्चिंत रहे हैं । इसका कारण मुकेश अरनेजा के साथ उनका व्यावसायिक रिश्ता रहा । मुकेश अरनेजा और सुनील मल्होत्रा एक बिजनेस में एक दूसरे पर निर्भर सुने/बताए जाते हैं; जिसका वास्ता देकर सुनील मल्होत्रा दावा करते रहे हैं कि डिस्ट्रिक्ट में राजनीतिक समीकरणों की परिस्थितियाँ चाहें जैसी भी रहें - मुकेश अरनेजा उनकी उम्मीदवारी का समर्थन ही करेंगे । लेकिन अब जब मुकेश अरनेजा उनके साथ चालबाजी करते नजर आ रहे हैं, तो लोग सुनील मल्होत्रा को बता रहे हैं कि मुकेश अरनेजा ने बिजनेस में जब अपने भाई-भतीजों को नहीं छोड़ा और जिसके चलते वह फैमिली बिजनेस से बाहर खदेड़े गए - तब सुनील मल्होत्रा का ही वह कोई लिहाज भला क्यों करेंगे और सुनील मल्होत्रा उन पर विश्वास क्यों कर रहे हैं ?
मुकेश अरनेजा की चालबाजियों के कारण सुनील मल्होत्रा अपनी उम्मीदवारी को लेकर दरअसल अपने ही क्लब में घिर रहे हैं । क्लब के ही कुछेक पूर्व प्रेसीडेंट्स सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी को लेकर क्लब में बबाल कर रहे हैं । उनका कहना है कि सुनील मल्होत्रा ने प्रेसीडेंट के रूप में ऐसा कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया है, जिसकी वजह से डिस्ट्रिक्ट में उनकी कोई पहचान बनी हो - ऐसे में उनकी उम्मीदवारी को पर्याप्त समर्थन मिल पाना और उनका जीत पाना मुश्किल ही होगा; और उनके न जीत पाने की स्थिति में क्लब की बड़ी बदनामी होगी । इन लोगों का कहना है कि सुनील मल्होत्रा को प्रेसीडेंट के रूप में बचे हुए महीनों में कुछ ऐसा बड़ा काम करना चाहिए, जिससे कि डिस्ट्रिक्ट में उनकी खास पहचान बने और उसके बाद दो/तीन वर्ष डिस्ट्रिक्ट में काम करें, तब फिर उम्मीदवार बनें । क्लब में सुनील मल्होत्रा के नजदीकियों और शुभचिंतकों का कहना/बताना है कि सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी की खिलाफत करने वाले पूर्व प्रेसीडेंट्स मुकेश अरनेजा के नजदीकी हैं, और मुकेश अरनेजा ही उन्हें भड़का रहे हैं । क्लब के कुछेक वरिष्ठ सदस्य और पूर्व प्रेसीडेंट्स सुनील मल्होत्रा के समर्थन में भी हैं, लेकिन लगता है कि उनकी चल नहीं रही है और उनके लिए क्लब में सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी के पक्ष में सर्वसम्मति बना पाना मुश्किल हो रहा है । 
मुकेश अरनेजा ने रोटरी क्लब दिल्ली विकास के अपने 'चेलों' के मार्फत सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी के लिए जो संकट खड़ा किया है, उसका कारण सुनील मल्होत्रा की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुभाष जैन के साथ नजदीकियत है । सुनील मल्होत्रा को सुभाष जैन के उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । इस वर्ष हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में मुकेश अरनेजा की सुभाष जैन के हाथों जो दुर्गति/फजीहत हुई है, उसके कारण मुकेश अरनेजा के लिए सुभाष जैन के उम्मीदवार का समर्थन कर पाना मुश्किल ही होगा । मुकेश अरनेजा को यह भी लग रहा है कि सुनील मल्होत्रा यदि सचमुच उम्मीदवार हो गए, तो उनका खुला विरोध कर पाना उनके लिए आसान नहीं होगा; इसलिए वह सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी की जड़ खोदने में ही लग गए - ताकि सुनील मल्होत्रा उम्मीदवार ही न बन सकें । मुकेश अरनेजा को विश्वास है कि रोटरी क्लब दिल्ली विकास के अपने 'चेलों' की मदद से वह सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी को रोक लेंगे । सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी को मुश्किल में पड़ा देख प्रियतोष गुप्ता ने अपनी उम्मीदवारी के लिए मौका ताड़ा है । अभी हाल ही में उन्होंने सुभाष जैन तथा इस वर्ष चुने गए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी अशोक अग्रवाल और उनके कुछेक नजदीकियों को एक साथ अपने घर डिनर के लिए आमंत्रित किया । इस डिनर को सिर्फ खाने-पीने के मौके के रूप में नहीं, बल्कि पॉलीटिक्स के एक 'औजार' के रूप में लोगों के बीच चर्चा मिली है । प्रियतोष गुप्ता के नजदीकियों का कहना है कि प्रियतोष गुप्ता अपनी उम्मीदवारी को लेकर उत्सुक तो पिछले कई दिनों से हैं, और इस 'डिनर पॉलीटिक्स' के जरिये वास्तव में उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की संभावनाओं को टटोलने की कोशिश की है । उम्मीदवारी को लेकर सुनील मल्होत्रा की मुसीबत और प्रियतोष गुप्ता की कोशिश ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति को दिलचस्प रास्ते पर आगे बढ़ाने का काम किया है ।