Thursday, February 21, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में राजा साबू को फजीहत से बचाने के लिए ही हेमंत अरोड़ा को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से हटाने की माँग के रोटरी क्लब चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल के प्रस्ताव को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स से छिपा कर रखते हुए डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में चलते-फिरते अंदाज में लीपापोती कर निपटा देने की तैयारी में हैं

चंडीगढ़ । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में विचार करने के लिए रोटरी क्लब चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल द्वारा दिए गए एक प्रस्ताव की उपेक्षा करके डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल ने एक बार फिर यह साबित किया है कि डिस्ट्रिक्ट में राजा साबू और उनसे जुड़े लोग अपनी बेईमानियों को न सिर्फ जारी रखे हुए हैं, बल्कि उन पर पर्दा डाले रखने का भी 'इंतजाम' करने में लगे हुए हैं । रोटरी क्लब चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल के उक्त प्रस्ताव में पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हेमंत अरोड़ा के बेईमानीपूर्ण कारनामों का हवाला देते हुए उन्हें डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी की सदस्यता से निलंबित करने की माँग की गई है । नियमों केअनुसार, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल को इस प्रस्ताव से डिस्ट्रिक्ट के सभी क्लब्स को अवगत कराना चाहिए था, ताकि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में प्रस्ताव में उठाये मुद्दे पर विचार-विमर्श हो सके और वोटिंग के जरिये प्रस्ताव में की गई माँग पर लोगों की राय ली जा सके । प्रवीन गोयल लेकिन नियमानुसार कार्रवाई करने की बजाये प्रस्ताव पर कुंडली मारे बैठे रहे । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के नजदीक आने पर चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल के पूर्व प्रेसीडेंट तथा डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी के पूर्व सदस्य एमपी गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल को एकबार फिर अपने क्लब के प्रस्ताव की याद दिलाई और उनसे पूछा कि डिस्ट्रिक्ट कार्यालय यदि किसी कारणवश नियमों का पालन नहीं कर सका है, तो क्या वह डिस्ट्रिक्ट के सभी क्लब्स को उक्त प्रस्ताव की प्रति भेज दें - लेकिन प्रवीन गोयल की तरफ से उन्हें उक्त प्रस्ताव की प्रति डिस्ट्रिक्ट के सभी क्लब्स को भेजने से मना किया गया है और बताया गया है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के बिजनेस सेशन में उक्त प्रस्ताव को उपस्थित लोगों के बीच पढ़ा जायेगा । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल के इस रवैये से जाहिर है कि वह हेमंत अरोड़ा को 'बचाने' की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए नियमों की अवहेलना व अनदेखी करने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं ।   
हेमंत अरोड़ा दरअसल वर्ष 2014-15 के डिस्ट्रिक्ट अकाउंट्स को लेकर आरोपों के घेरे में हैं । उल्लेखनीय है कि उस वर्ष के डिस्ट्रिक्ट अकाउंट्स में भारी झोलझाल हुआ था - और उस झोलझाल में ऑडिटर के रूप में हेमंत अरोड़ा की भूमिका को संदिग्ध देखा/समझा गया था । उक्त भूमिका को लेकर हेमंत अरोड़ा की उस समय भी खासी फजीहत हुई थी । डिस्ट्रिक्ट में लोग उस किस्से को भूलने लगे थे, लेकिन हेमंत अरोड़ा के डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी का सदस्य बनने की खबर मिलने के बाद से - हेमंत अरोड़ा की वह भूमिका एक बार फिर चर्चा में आ गई । उल्लेखनीय है कि दिलीप पटनायक के गवर्नर वर्ष 2014-15 के डिस्ट्रिक्ट अकाउंट्स की दो बैलेंसशीट बनी थीं, जिन्हें ऑडिटर के रूप में हेमंत अरोड़ा ने साइन किया था । यह दो बैलेंसशीट का बनना और साइन होना विवाद और आरोपों का विषय इसलिए बना था - क्योंकि 16 सितंबर 2015 को साइन हुई बैलेंसशीट में 20,407 रुपए का जो लाभ आ रहा था, वह 30 अक्टूबर 2015 को साइन हुई दूसरी बैलेंसशीट में 6 लाख 23 हजार 547 रुपए के घाटे में बदल गया । इस 'जादु' को चार्टर्ड एकाउंटेंट व ऑडिटर हेमंत अरोड़ा के 'अनुचित व्यवहार' के रूप में देखा/समझा गया था । हेमंत अरोड़ा को इसलिए भी फजीहत का सामना करना पड़ा था क्योंकि बैलेंसशीट में ऑडिटर के रूप में उन्होंने खुद दर्ज किया था कि बहुत से खर्चे कच्चे बिल्स के आधार पर हिसाब-किताब में लिए गए हैं । उस समय डिस्ट्रिक्ट के लोगों की तरफ से खुल कर आरोप लगे थे कि डिस्ट्रिक्ट के पैसों में हेराफेरी करने के उद्देश्य से फर्जी तरीके से लाभ को घाटे में बदला गया है - और इसमें हेमंत अरोड़ा से लेकर राजा साबू की भी मिलीभगत है ।
डिस्ट्रिक्ट में राजा साबू और उनसे जुड़े लोगों की बेईमानियों के किस्से दरअसल इतने इकट्ठे हो गए हैं, कि लोगों को उनके द्वारा लिया जाने वाला कोई भी संदेहास्पद फैसला लूट-खसोट की मदद करने वाला दिखने/लगने लगता है । डिस्ट्रिक्ट के तमाम प्रोजेक्ट्स व ट्रस्ट के हिसाब-किताब जिस तरह से कुछेक लोगों की ही जानकारी में रहते हैं और उन्हें लोगों से - यहाँ तक कि कॉलिज ऑफ गवर्नर्स तक से - छिपा कर रखा जाता है; जिसे लेकर निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी रोटरी इंटरनेशनल तक में शिकायत कर चुके हैं; उसके चलते राजा साबू और उनसे जुड़े पूर्व गवर्नर्स की भूमिका को संदेह से देखा जाता है । इसी कारण से हेमंत अरोड़ा को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी का सदस्य बनाए जाने से मामला भड़क गया है, और हेमंत अरोड़ा को फाइनेंस कमेटी से हटाने की माँग होने लगी है । डिस्ट्रिक्ट के लोगों का मानना और कहना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में प्रवीन गोयल ने हेमंत अरोड़ा को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी का सदस्य बनाने के लिए राजा साबू से अवश्य ही हरी झंडी ली होगी; ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि हेमंत अरोड़ा 'जैसे' व्यक्ति को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी का सदस्य बनाने का फैसला प्रवीन गोयल ने क्यों तो लिया - और क्यों राजा साबू ने उन्हें इस फैसले के लिए हरी झंडी दी ? लोगों को लगता है कि राजा साबू को फजीहत से बचाने के लिए ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीन गोयल ने रोटरी क्लब चंडीगढ़ सिटी ब्यूटीफुल के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी की हुई है और इसीलिए वह उक्त प्रस्ताव को डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स से छिपा कर रखना चाहते हैं, और डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के बिजनेस सेशन में चलते-फिरते अंदाज में लीपापोती कर मामले को निपटा देने की तैयारी में हैं ।