Thursday, February 7, 2019

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू में कैथल में होने वाले लायंस विचार मंच के 10 फरवरी के कार्यक्रम के स्थगित होने पर बबाल मचा और इस बबाल में विनय गर्ग और रमन गुप्ता के दिनेश जोशी को मिल रहे समर्थन को संदिग्ध बनाने की कोशिश भी की जा रही है

नई दिल्ली । कैथल में होने वाले लायंस विचार मंच के कार्यक्रम के रद्द हो जाने से दिनेश बत्रा के नजदीकियों और समर्थकों को दिनेश जोशी और उनके समर्थकों पर हमला बोलने का अच्छा मौका मिल गया है, और इस हमले में उन्होंने पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर व मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन विनय गर्ग तथा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन गुप्ता को भी चपेटे में ले लिया है । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनावी मुकाबले में विनय गर्ग और रमन गुप्ता को दिनेश जोशी की उम्मीदवारी के बड़े और प्रमुख समर्थकों के रूप में देखा/पहचाना जाता है । माना/समझा जाता है कि इन दोनों के प्रभाव तथा इनकी सक्रियता के चलते हरियाणा में दिनेश जोशी को एक तरफा समर्थन मिल सकता है । इसी संदर्भ में, कैथल में घोषित किए गए 10 फरवरी के लायंस विचार मंच के कार्यक्रम के रद्द हो जाने पर दिनेश बत्रा के समर्थकों ने कहना/बताना शुरू किया है कि विनय गर्ग और रमन गुप्ता के दिलचस्पी न लेने से ही यह कार्यक्रम रद्द हुआ है, और इससे दिनेश जोशी की उम्मीदवारी को इन दोनों का समर्थन जारी रहने को लेकर संदेह पैदा हो गया है । दिनेश जोशी की उम्मीदवारी का समर्थन करने से निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इंद्रजीत सिंह और वरिष्ठ लायन अनिल गोयल ने पहले ही हाथ खींचा हुआ है । इंद्रजीत सिंह ने तो पाला बदल कर दिनेश बत्रा की उम्मीदवारी का झंडा उठाया हुआ है । ऐसे में, कैथल में लायंस विचार मंच के 10 फरवरी के आयोजन के घोषित होने के बाद रद्द होने की आड़ में - विनय गर्ग और रमन गुप्ता के ढीले पड़ने की चर्चा चला कर दिनेश बत्रा के समर्थकों ने दिनेश जोशी की उम्मीदवारी की हवा को कमजोर करने का प्रयास किया है ।
दिनेश बत्रा के समर्थकों की चाल को समझते हुए दिनेश जोशी की उम्मीदवारी के समर्थक भी सक्रिय हुए और उनकी तरफ से सफाई दी गई कि कैथल का कार्यक्रम रद्द नहीं हुआ है, बल्कि स्थगित हुआ है और जल्दी ही कार्यक्रम की नई तारीख की घोषणा की जाएगी । कार्यक्रम के आयोजकों की तरफ से बताया गया है कि कैथल के कुछेक साथियों की अन्य व्यस्तताओं तथा किसी और दिन कार्यक्रम कर लेने के उनके अनुरोध को देखते हुए 10 फरवरी का कार्यक्रम स्थगित किया गया है । आयोजकों का कहना है कि कार्यक्रम लायंस सदस्यों के लिए ही आयोजित किया जाना है, इसलिए उनकी सुविधा और उनके अनुरोध का सम्मान तो होना ही चाहिए - और इसी सम्मान को प्रकट करते हुए 10 फरवरी का कार्यक्रम स्थगित किया गया है । दिनेश जोशी की उम्मीदवारी के समर्थकों का कहना है कि कैथल के कार्यक्रम के स्थगित होने पर विरोधी पक्ष के लोगों की तरफ से जो खुशी व्यक्त की जा रही है, वह इस बात का सुबूत है कि लायंस विचार मंच की कामयाबी से वह कितना डरे हुए हैं । दावा किया जा रहा है कि कैथल के कार्यक्रम के स्थगित होने पर व्यक्त की जा रही विरोधी खेमे की खुशी लेकिन ज्यादा समय टिकी/बनी नहीं रह पायेगी, क्योंकि जल्दी ही कैथल में कार्यक्रम होगा - और उसे दिल्ली के कार्यक्रम जैसी ही सफलता मिलेगी । दिनेश जोशी के समर्थकों की तरफ से यह दावा भी किया/सुना गया है कि विनय गर्ग और रमन गुप्ता का दिनेश जोशी की सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी को पहले जैसा ही समर्थन प्राप्त है और इस समर्थन को बनाए रख कर यह दोनों विरोधी खेमे के लोगों को खुश होने का मौका नहीं देंगे ।
आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच सच्चाई का और वास्तविक स्थिति का पता तो अगले कुछ ही दिनों में मिल ही जायेगा; लेकिन चुनावी राजनीति के नाजुक समीकरणों को देखते हुए कई लोगों को लगता है कि दिनेश जोशी के समर्थकों को कैथल में जैसी चूक हुई है, वैसी चूक नहीं करना चाहिए - अन्यथा उनके लिए आसान  दिख रहा चुनावी मुकाबला मुश्किल में पड़ जा सकता है । लायंस विचार मंच का अगला कार्यक्रम कैथल में करने को लेकर काफी दिनों से तैयारी की जा रही थी, ऐसे में तारीख तय करने के मामले में इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे हो गई कि कार्यक्रम स्थगित करने की नौबत आ पड़ी ? दिनेश जोशी के शुभचिंतकों का मानना और कहना है कि कैथल के कार्यक्रम के स्थगित होने का विरोधी खेमे के लोगों ने फायदा उठाने का जो प्रयास किया है, उससे तो निपट लिया जा सकता है - लेकिन अपनी ही तैयारियों की खामियों के कारण कार्यक्रम स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़े और उस विवाद में विनय गर्ग और रमन गुप्ता जैसे बड़े व प्रमुख नेताओं की भूमिका संदिग्ध हो उठे, तो सावधान होने की जरूरत है । कैथल में 10 फरवरी के घोषित कार्यक्रम के स्थगित होने से हुआ बबाल तो संभव है कि कुछेक दिनों में थम जाए, लेकिन इस बबाल ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के परिदृश्य को थोड़ा गर्म तो कर ही दिया है ।