Friday, February 22, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक गुप्ता के उदाहरण के साथ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए ललित खन्ना की उम्मीदवारी को मिलते दिख रहे जोर के चलते सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी की तैयारी के लिए संकट और गहरा गया लग रहा है

नई दिल्ली । अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी को लेकर लगातार मुसीबत में घिरे/फँसे रोटरी क्लब दिल्ली विकास के प्रेसीडेंट सुनील मल्होत्रा को ललित खन्ना की उम्मीदवारी की तैयारी की खबर से और बड़ा झटका लगा है । मजे की बात यह है कि ललित खन्ना को उम्मीदवार बनने की तैयारी करते 'देख' सुनील मल्होत्रा के विरोधियों की उनके अपने क्लब में संख्या और बढ़ गई है । उम्मीदवारी को लेकर क्लब में मचे घमासान को अभी तक चुपचाप बैठे तमाशा देख रहे कई एक वरिष्ठ सदस्यों ने भी कहना शुरू कर दिया है कि सुनील मल्होत्रा के लिए समय लगता है कि अनुकूल नहीं है, इसलिए उन्हें अपनी उम्मीदवारी को लेकर जोर नहीं देना चाहिए । रोटरी क्लब दिल्ली विकास के कई वरिष्ठ सदस्यों को यह चिंता भी सताने लगी है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए चुनाव लड़ कर सुनील मल्होत्रा कहीं क्लब की साख  और प्रतिष्ठा को चोट न पहुँचा दें । उनका कहना है कि अभी डिस्ट्रिक्ट का सबसे बड़ा क्लब होने के नाते डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में क्लब की एक अलग ही पहचान, साख और धमक है; लेकिन यदि सुनील मल्होत्रा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव हार गए तो क्लब की बनी चली आ रही पहचान, साख और धमक एक झटके में धूल में मिल जाएगी । क्लब में सुनील मल्होत्रा के विरोधी ही नहीं, बल्कि साथी/समर्थक भी ललित खन्ना के उम्मीदवार बनने की स्थिति में सुनील मल्होत्रा के लिए चुनावी मुकाबले को मुश्किल हुआ मान रहे हैं और इस कारण सुनील मल्होत्रा के समर्थन से पीछे हटते हुए नजर आ रहे हैं ।
इस बीच, क्लब में पर्दे के पीछे रह कर सुनील मल्होत्रा के खिलाफ मुहिम चला रहे पूर्व प्रेसीडेंट जवाहर गुप्ता भी कूद कर पर्दे के सामने आ गए हैं और सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी के खिलाफ आमने-सामने की लड़ाई लड़ने के लिए पोजीशन ले चुके हैं । उनका कहना है कि क्लब की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार यदि प्रस्तुत किया जाना है, तो वरिष्ठ होने के नाते पहला मौका उन्हें मिलना चाहिए । क्लब के तथा क्लब की राजनीति की जानकारी रखने वाले डिस्ट्रिक्ट के लोगों का मानना/कहना है कि जवाहर गुप्ता को सचमुच में उम्मीदवार नहीं बनना है, उन्होंने तो बस सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी का रास्ता रोकने के लिए अपनी उम्मीदवारी की बात उछाल दी है । दिलचस्प नजारा यह बना है कि क्लब में सुनील मल्होत्रा के नजदीकियों व समर्थकों की तरफ से कहा/सुना जा रहा है कि जवाहर गुप्ता वास्तव में ललित खन्ना के लिए रास्ता 'साफ करने' और सुनील मल्होत्रा को ललित खन्ना के 'रास्ते' से हटाने के लिए अपनी उम्मीदवारी का बुलडोजर लेकर आ गए हैं । मजे की बात यह है कि जवाहर गुप्ता जब क्लब के प्रेसीडेंट थे, तब उनके भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार बनने की बात जोरशोर से उठी थी, लेकिन उनके प्रेसीडेंट पद से उतरने के बाद उनके उम्मीदवार बनने की बात भी उतर गई और फिर खुद जवाहर गुप्ता ने खुद भी कभी अपनी उम्मीदवारी को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई । क्लब में ही लोगों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की 'जरूरतों' को पूरा कर पाना जवाहर गुप्ता के बस की बात नहीं है; इसलिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने का ख्बाव देखना उन्होंने छोड़ दिया है - लेकिन उन्हें यह भी मंजूर नहीं है कि क्लब से कोई और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन जाये; इसलिए उन्होंने सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी को रोकने के लिए हर हथकंडा अपनाया हुआ है ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के लिए ललित खन्ना को तैयारी करता और डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख लोगों का समर्थन जुटाता देख जवाहर गुप्ता को अपना 'मकसद' पूरा होता हुआ लग रहा है । रोटरी क्लब दिल्ली विकास में ललित खन्ना की उम्मीदवारी का वास्ता देकर सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी का विरोध करने वालों की संख्या बढ़ी है, उससे जवाहर गुप्ता का काम आसान हो गया है और उन्हें लग रहा है कि सुनील मल्होत्रा के नजदीकियों और समर्थकों ने ललित खन्ना की उम्मीदवारी को जिस गंभीरता से लिया है, उसके चलते सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी के चांस अब बहुत ही कम रह गये हैं । कुछेक लोग हालाँकि सुनील मल्होत्रा और ललित खन्ना की उम्मीदवारी से डरे उनके नजदीकियों व समर्थकों को समझा रहे हैं कि ललित खन्ना दो बार पहले भी उम्मीदवार रह चुके हैं और असफल रहे हैं, इसलिए उनकी उम्मीदवारी को ज्यादा गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है; इस समझाइस से सुनील मल्होत्रा को कुछ बल मिलता नजर आता है, कि तभी कोई न कोई उन्हें ध्यान दिला देता है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने जा रहे दीपक गुप्ता भी तो तीसरी बार में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुने जा सके थे - इसलिए ललित खन्ना की तीसरी बार की उम्मीदवारी को हल्के में लेने की जरूरत नहीं है । अगले रोटरी वर्ष के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी राजनीति जिस तरह से थकी थकी सी लग रही है, उसमें ललित खन्ना की उम्मीदवारी को और जोर मिलता दिख रहा है । ललित खन्ना की उम्मीदवारी को मिल रहे जोर के चलते सुनील मल्होत्रा की उम्मीदवारी के लिए संकट और गहरा गया है ।