नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी संजीव राय मेहरा को निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर न बनाने की सलाह देने वाले यूँ तो कई लोग हैं, लेकिन उक्त सलाह देने वालों में अशोक कंतूर का नाम भी जुड़ जाने से मामला खासा दिलचस्प हो गया है । मजे की बात यह है कि अशोक कंतूर खुद तो संजीव राय मेहरा से अनुरोध कर ही रहे हैं, साथ ही संजीव राय मेहरा के क्लब तथा डिस्ट्रिक्ट के कुछेक प्रमुख लोगों से भी रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर न बनाने के लिए दबाव पड़वा रहे हैं ।उनके इस विरोध पर रवि चौधरी भड़के न, इसके लिए अशोक कंतूर की तरफ से दावा भी सुना जा रहा है कि रवि चौधरी को वह अपने गवर्नर-वर्ष में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना लेंगे, लेकिन रवि चौधरी अभी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर न बनें । अशोक कंतूर का कहना है कि अगले वर्ष डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के मामले में उनके लिए बहुत ही अच्छी संभावना है, लेकिन रवि चौधरी यदि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बन गए - तो उनका सब गुड़ गोबर हो सकता है । दिलचस्प नजारा यह है कि रवि चौधरी यूँ तो अशोक कंतूर की उम्मीदवारी के सबसे बड़े समर्थक हैं, लेकिन अशोक कंतूर चाहते हैं कि रवि चौधरी उन पर एक अहसान करें - और वह यह कि वह उन पर कोई अहसान न करें । दरअसल, दूसरे लोगों के साथ-साथ अशोक कंतूर के शुभचिंतकों की तरफ से भी बार बार कहा/बताया जा रहा है कि रवि चौधरी यदि अशोक कंतूर की उम्मीदवारी से दूर नहीं रहे, तो अशोक कंतूर के लिए अगले वर्ष भी जीत हासिल कर पाना मुश्किल हो जायेगा ।
उल्लेखनीय है कि खुद अशोक कंतूर को भी लगता है कि अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए जो अजीत जालान और रवि गुगनानी उम्मीदवार बनने के लिए जोरशोर से प्रयास करते देखे जा रहे हैं, वह अपनी अपनी मुसीबतों में इस तरह से घिरे हुए हैं कि मुकाबले में उतरने से पहले ही विवादों में पड़ गए हैं - और इस कारण उनके लिए उन दोनों से मुकाबला करना तथा चुनावी वैतरणी पार करना आसान ही होगा । अजीत जालान को हालाँकि विनय भाटिया और विनोद बंसल के उम्मीदवार के रूप में देखे जाने के चलते अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद थी, लेकिन रवि गुगनानी ने विनय भाटिया और विनोद बंसल से मिले धोखे पर बखेड़ा खड़ा करके अजीत जालान की इस उम्मीद को तगड़ा झटका दिया हुआ है । दरअसल विनय भाटिया और विनोद बंसल ने अपना 'काम' निकालने के लिए रवि गुगनानी को भी समर्थन की 'गोली' दी हुई है । रवि गुगनानी को लेकिन जब विनय भाटिया और विनोद बंसल की धोखाधड़ी का आभास हुआ तो वह इन दोनों की खासी फजीहत कर इन्हें 'रास्ते' पर ले आए । रवि गुगनानी खासतौर से विनोद बंसल से ज्यादा खफा हैं । उन्हें लगता है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में उनके साथ जो धोखा व बेईमानी हुई, उसके लिए विनोद बंसल ही मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के पहले कार्यक्रम का बहिष्कार करने के जरिये अपनी नाराजगी दिखा कर रवि गुगनानी ने डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के कार्यक्रमों से उन्हें बाहर रखने की विनोद बंसल की योजना को फेल करने में जो सफलता पाई, उससे उत्साहित होकर उन्होंने अपने नजदीकियों के बीच कह दिया है कि विनोद बंसल ने उनके साथ यदि दोबारा चालबाजी करने की कोशिश की, तो वह विनोद बंसल के लिए मुसीबत खड़ी कर देंगे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए विनोद बंसल के समर्थन को लेकर अजीत जालान और रवि गुगनानी के बीच जो घमासान छिड़ा है, उसमें अशोक कंतूर को अपनी राह आसान बनती नजर आ रही है ।
अशोक कंतूर के लिए बस एक ही मुसीबत की बात है, और वह यह कि वह रवि चौधरी की हरकतों से होने वाले नुकसान से कैसे बचें ? अशोक कंतूर और उनके शुभचिंतकों को लगता है कि रवि चौधरी के पास डिस्ट्रिक्ट में यदि कोई पोजीशन नहीं होगी, तो उन्हें हरकतें करने का मौका ही नहीं मिलेगा । इसीलिए अशोक कंतूर को डर है कि संजीव राय मेहरा ने यदि रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना दिया, तो रवि चौधरी को अपनी हरकतें दिखाने का मौका मिल जायेगा; कोई उन्हें कितना भी समझायेगा - रवि चौधरी लेकिन अपना असली रूप दिखाने से बाज नहीं आयेंगे; और इससे अशोक कंतूर का जमा-जमाया काम बिगड़ जायेगा । अशोक कंतूर को लगता है कि उनके चुनाव को रवि चौधरी की हरकतों का दोबारा शिकार होने से बचाने का एक ही तरीका है और वह यह कि 'न रहेगा बाँस, तो न बजेगी बाँसुरी' वाली तर्ज पर - रवि चौधरी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर न बनें । इसके लिए अशोक कंतूर यह वायदा तक करने के लिए तैयार हैं कि गवर्नर बनने पर वह रवि चौधरी को ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनायेंगे; पर अभी रवि चौधरी उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तो बनने दें । मजे की बात यह है कि संजीव राय मेहरा के कई नजदीकी व शुभचिंतक उन्हें सलाह दे रहे हैं कि अपना गवर्नर-वर्ष यदि अच्छे से और बिना विवाद व फजीहत के चलाना चाहते हो - तो रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर न बनाना । लोगों के बीच यह भी चर्चा है कि रवि चौधरी ने संजीव राय मेहरा के क्लब - रोटरी क्लब नई दिल्ली में ट्रांसफर लेने की कोशिश की थी, लेकिन क्लब के सदस्यों/पदाधिकारियों ने साफ कह दिया कि रवि चौधरी जैसे बदनाम व्यक्ति को वह क्लब में नहीं ले सकते हैं । उस मामले में संजीव राय मेहरा ने रवि चौधरी की मदद करने से इंकार कर दिया था । रवि चौधरी के लिए मुसीबत की बात यह बनी/सुनी जा रही है कि उनकी हरकतों तथा उनकी बदनामी को देखते हुए उनके अपने क्लब में उन्हें क्लब छोड़ने की चेतावनी मिली हुई है, लेकिन वह जिस किसी क्लब में ट्रांसफर लेने की कोशिश करते हैं - उसी क्लब के लोग उनके हाथ जोड़ लेते हैं कि 'भाई, हमसे दूर ही रहो ।' ऐसे में, संजीव राय मेहरा को रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाना मुसीबतों को निमंत्रण देने जैसा लग रहा है । रवि चौधरी के सबसे खास लोगों में गिने/पहचाने जाने वाले अशोक कंतूर भी जिस तरह से रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने की खिलाफत करने लगे हैं, उससे मामला और भी दिलचस्प हो गया है ।