Tuesday, October 27, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में 26 अक्टूबर के आलोक गुप्ता के शो के मुकेश अरनेजा के प्रति बढ़ते/फैलते विरोध का शिकार होने से दीपक गुप्ता के चुनाव अभियान में मुसीबत बढ़ी

नई दिल्ली/गाजियाबाद । मुकेश अरनेजा की चुनावी भूमिका की शिकायत इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई के यहाँ तक पहुँच जाने के कारण डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए सुभाष जैन और दीपक गुप्ता के बीच हो रहा मुकाबला खास हो उठा है । इसके चलते हालाँकि दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के कुछेक समर्थकों व शुभचिंतकों के बीच आशंकाभरा सवाल भी पैदा हो गया है कि मुकेश अरनेजा का चुनावी हथकंडा कहीं आत्मघाती तो साबित नहीं हो जायेगा ? दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के कुछेक समर्थकों को लगता है, और वह यह कहते भी हैं कि मुकेश अरनेजा का लोगों के बीच जैसा विरोध है और इस विरोध के बावजूद जैसी वह हरकतें करते हैं - उसके कारण दीपक गुप्ता का चुनाव अभियान जितना आगे नहीं बढ़ता, उससे ज्यादा पीछे खिसक जाता है । दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के पक्ष में समर्थन जुटाने के मकसद से 25 अक्टूबर को हुए अमित अग्रवाल के 'शो' के मुकाबले 26 अक्टूबर को हुए आलोक गुप्ता के 'शो' के फीका रहने के एक बड़े कारण के रूप में मुकेश अरनेजा की उपस्थिति/अनुपस्थिति को ही देखा/पहचाना गया । अमित अग्रवाल अपने शो से मुकेश अरनेजा को दूर रखने के कारण ज्यादा होशियार साबित हुए; उनके शो से दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के अभियान को बढ़त मिलती दिखी थी, जिसे लेकिन अगले ही दिन हुए आलोक गुप्ता के शो से खासा तगड़ा झटका लगा । आलोक गुप्ता के शो में मुकेश अरनेजा को मुख्य अतिथि के रूप में देख कर आमंत्रित लोगों ने शो से दूर रहना ही उचित समझा - और इस बात ने एक दिन पहले ही बनी 'हवा' की हवा निकालने का काम किया । 
इस झटके पर लीपापोती करने की कोशिश में हालाँकि तर्क दिया गया है कि आलोक गुप्ता के शो का दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के अभियान से कोई लेना-देना नहीं था; और वह क्लब का कार्यक्रम था, जिसमें ज्यादा लोगों को बुलाया ही नहीं गया था । इस तर्क के चलते लेकिन बात और बिगड़ गई । कहा/पूछा जाने लगा कि आलोक गुप्ता जब दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के समर्थक बने हुए हैं और अपने कार्यक्रम में वह दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के प्रवर्तक मुकेश अरनेजा को मुख्य अतिथि बना रहे हैं, तो चुनावी घमासान के मौके पर आयोजित हो रहे अपने क्लब के एक कार्यक्रम को दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के अभियान से जोड़ने का काम उन्होंने क्यों नहीं किया ? फिर वह दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के कैसे समर्थक हैं ? यह तर्क यदि वास्तव में सच है, तो इस बात को साबित करता है कि दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के समर्थक पूरे मन/कर्म से उनके समर्थक नहीं हैं । और यदि यह तर्क सिर्फ बहाने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, तो इससे जाहिर हो रहा है कि दीपक गुप्ता और उनके समर्थक अपनी मेहनत से जितना समर्थन बना/जुटा पाते हैं, मुकेश अरनेजा एक झटके में उस पर पानी फेर देते हैं । दीपक गुप्ता के कुछेक समर्थकों का कहना है कि उन्हें मुकेश अरनेजा के समर्थन से फायदा तो उठाना चाहिए, लेकिन मुकेश अरनेजा को 'आगे' रखने तथा सब कुछ उनके ऊपर छोड़ देने से सिर्फ नुकसान ही होगा ।
मुकेश अरनेजा की चुनावी भूमिका की शिकायत इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई तक पहुँच जाने से मामला और गंभीर हो गया है । चर्चा है कि मुकेश अरनेजा की हरकतों की जो शिकायतें मनोज देसाई तक पहुँची हैं, मनोज देसाई ने अपने स्तर पर उनकी पुष्टि की है और मामले को गंभीर माना है । इस मामले में मनोज देसाई को दरअसल इसलिए दिलचस्पी लेना पड़ रहा है, क्योंकि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन ने रोटरी की चुनावी राजनीति में गवर्नर्स द्वारा भूमिका निभाने को लेकर कड़ी चेतावनी दी हुई है । पिछले दिनों दिल्ली में डिस्ट्रिक्ट 3012 व डिस्ट्रिक्ट 3011 द्वारा संयुक्त रूप से की गई इंटरसिटी में भाषण देते हुए केआर रवींद्रन ने अपनी चेतावनी को दोहराते हुए साफ कहा था कि कोई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटरी की चुनावी राजनीति में संलग्न दिखा, तो उसका 'डिस्ट्रिक्ट गवर्नर' छीन कर उसे सिर्फ 'पूर्व' बना दिया जायेगा । केआर रवींद्रन के इस रवैये के चलते मनोज देसाई को डर है कि उन्होंने यदि इस तरह के मामलों को गंभीरता से नहीं लिया, तो केआर रवींद्रन की ब्लैक लिस्ट में शामिल होंगे । मुकेश अरनेजा का दावा लेकिन यह है कि उनके बारे में मनोज देसाई को चाहें जितनी शिकायतें मिल जाएँ, मनोज देसाई उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे । अपने इस दावे के पक्ष में उनका तर्क है कि मनोज देसाई इस बात को अच्छे से जानते हैं कि वह आज यदि इंटरनेशनल डायरेक्टर हैं, तो उनकी वजह से हैं - ऐसे में वह उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई भला कैसे कर सकेंगे ? मुकेश अरनेजा इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन के बारे में भी इसी तरह की बातें कर रहे हैं । उनका कहना है कि केआर रवींद्रन सिर्फ बातें बना रहे हैं, कुछ करना-धरना उनके बस में नहीं है । मुकेश अरनेजा का कहना है कि खुद केआर रवींद्रन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की राजनीति के सहारे ही इंटरनेशनल प्रेसीडेंट के पद तक पहुँचे हैं, और अभी भी राजनीति करते हैं । 
मनोज देसाई और केआर रवींद्रन को लेकर मुकेश अरनेजा का जो कहना है, हो सकता है कि वह सच हो; और मुकेश अरनेजा की चुनावी भूमिका की शिकायत पर कार्रवाई करने की हिम्मत हो सकता है कि मनोज देसाई सचमुच न कर पाएँ - लेकिन दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के कुछेक समर्थकों का कहना है कि उनकी हरकतों से एक नकारात्मक प्रभाव तो बन ही रहा है, जो कुल मिलाकर नुकसान पहुँचाने का ही काम करेगा । मुकेश अरनेजा ने क्लब्स तथा लोगों के बीच दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन बनाने की बजाए क्लब्स में तोड़फोड़ कराने तथा क्लब्स के सदस्यों के बीच झगड़ा पैदा करने/करवाने वाले जो काम किए हैं, उन्हें लेकर उनके प्रति विरोध और फैला है । नोमीनेटिंग कमेटी के लिए नाम तय कराने से लेकर तय हुए नामों वाले लोगों पर दबाव डालने का जो काम मुकेश अरनेजा ने किया है, उसका उल्टा ही असर पड़ता नजर आ रहा है । कई लोगों का मानना और कहना है कि मुकेश अरनेजा की सक्रियता के नाम पर लोगों के साथ की जा रही बेहूदगियाँ लोगों को उनके साथ-साथ उनके नजदीकियों व समर्थकों तक से दूर करने का काम कर रही हैं, जिसका सुबूत 26 अक्टूबर के आलोक गुप्ता के शो में देखने को मिला - और यही बात दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने में मुसीबत बनी हुई है ।