गाजियाबाद । अमित गुप्ता को सुभाष जैन की टीम में डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी होने तथा उनके
क्लब के सक्रिय सदस्य होने के चलते डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी
उम्मीदवारी के लिए जिस तरह का लाभ मिलता दिख रहा है, उसने डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर नॉमिनी पद के चुनावी परिदृश्य को खासा दिलचस्प बना दिया है । दरअसल
हाल-फिलहाल में सुभाष जैन की विभिन्न उपलब्धियों के मौकों पर जिस तरह से
अमित गुप्ता को आगे-आगे तथा सक्रियता निभाते देखा गया, और इसके चलते वह
लोगों की निगाह में आते/चढ़ते दिखे - उसे चुनावी राजनीति में दिलचस्पी रखने
वाले नेताओं ने उल्लेखनीय माना/पाया है; और उन्हें लगा है कि अमित गुप्ता
इस स्थिति का यदि राजनीतिकरण कर सके तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के
चुनाव में फायदा उठा सकेंगे । मजे की बात यह रही है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
नॉमिनी पद के दूसरे उम्मीदवार अशोक अग्रवाल को लोगों तक अपनी पहुँच
बनाने/दिखाने के लिए अपने 'स्तर' पर आयोजन करने पड़े हैं, जबकि अमित गुप्ता
क्लब और डिस्ट्रिक्ट के कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता के चलते ही लोगों के
बीच 'पहुँच' रहे हैं । सुभाष जैन के क्लब का सदस्य होना भी अमित जैन
को चुनावी फायदा पहुँचा रहा है । दरअसल सुभाष जैन का क्लब यूँ भी
डिस्ट्रिक्ट का एक अच्छा सक्रिय क्लब है, और सुभाष जैन का क्लब होने के
नाते उसकी गतिविधियों को डिस्ट्रिक्ट स्तर की पहचान भी मिल जा रही है । इस
पृष्ठभूमि में, क्लब के आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभा कर अमित गुप्ता सहज
रूप में डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच अपनी पहचान को बढ़ा लेने के साथ-साथ और पुख्ता कर लेने का काम भी कर ले
रहे हैं । यही बात डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में उन्हें फायदा पहुँचाती नजर आ रही है ।
अभी पिछले दिनों सुभाष जैन के क्लब ने अपने एक आयोजन में रोटरी न्यूज ट्रस्ट के सेक्रेटरी चुने जाने पर सुभाष जैन का स्वागत किया । गौर करने की बात यह है कि रोटरी न्यूज ट्रस्ट में प्रत्येक वर्ष पदाधिकारी चुने जाते हैं, लेकिन उनका कोई नोटिस तक नहीं लेता; 'ऊपर' के कुछेक लोगों को छोड़कर किसी को इस बात में दिलचस्पी नहीं होती कि रोटरी न्यूज ट्रस्ट में कौन किस पद पर है । सुभाष जैन का क्लब चूँकि उत्सवप्रिय है और हर मौके को उत्सव में बदल देने का हुनर रखता है, इसलिए उनके क्लब ने उनके रोटरी न्यूज ट्रस्ट के सेक्रेटरी बनने को एक जश्न के रूप में सेलीब्रेट किया; इस सेलीब्रेशन के दृश्य तस्वीरों के रूप में डिस्ट्रिक्ट के लोगों तक पहुँचे तो लोगों ने सुभाष जैन के ठीक बगल में खड़े अमित गुप्ता का खास नोटिस लिया - और इस तरह सुभाष जैन की एक उपलब्धि और उनके क्लब के द्वारा उस उपलब्धि को सेलीब्रेट करने की कार्रवाई अमित गुप्ता के लिए लोगों के बीच पहचान बनाने और उस पहचान को 'प्रतिष्ठित' करने का अवसर बन गया । सुभाष जैन को रोटरी फाउंडेशन के लिए जो जोरदार समर्थन मिल रहा है, उसके चलते भी अमित गुप्ता को लोगों के बीच अपनी 'इमेज' बनाने का मौका मिल रहा है । दरअसल रोटरी फाउंडेशन के लिए कोई जब सुभाष जैन को चेक देता है तो उस मौके की तस्वीर खिंचती है, और उस तस्वीर में डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी होने के नाते अमित गुप्ता कभी दाएँ तो कभी बाएँ खड़े नजर आते हैं, और फिर वह तस्वीर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में अमित गुप्ता को महत्त्वपूर्ण बना देती है ।
स्थितियों को बयाँ करते तथ्यों की लोगों के बीच होने वाली आवाजाही स्थितियों से जुड़े - और जुड़े 'दिखने' वाले लोगों की पहचान बनाने तथा उस पहचान को प्रतिष्ठा दिलाने का काम करती है; जिसे तस्वीरें और हवा देती हैं । अमित गुप्ता के मामले में यह 'काम' सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि वह डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी के पद पर हैं और सुभाष जैन के क्लब के सदस्य हैं । कुछेक लोगों का हालाँकि यह भी कहना है कि अमित गुप्ता को हो रहे फायदे को 'संयोगवश' होने वाले फायदे के रूप में देखना अमित गुप्ता के साथ अन्याय करना होगा, क्योंकि इस तरह के संयोग तो हर किसी के साथ बनते ही हैं । उनका कहना है कि अमित गुप्ता चूँकि अपने पद की जिम्मेदारी को अच्छे से निभाते हैं और पद के अनुरूप जरूरत के हिसाब से काम में जुटते हैं, जिसके कारण दूसरों की तुलना में वह सहज रूप से आगे नजर आते हैं । दूसरे लोग ऐसा नहीं कर पाते है, इसलिए उन्हें संयोगों का भी कोई फायदा नहीं मिल पाता है । अमित गुप्ता से हमदर्दी रखने वाले तथा उनकी उम्मीदवारी समर्थन करने वाले लोगों को हालाँकि यह भी लगता है कि स्थितियों के चलते अमित गुप्ता को जो लाभ मिल रहा है, उसका वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए फायदा उठाने का कोई प्रयास करते हुए नहीं दिख रहे हैं । इसलिए माना/समझा जा रहा है कि स्थितियों के चलते अमित गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट में जो लाभ मिल रहा है, उसे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए राजनीतिक समर्थन में ट्रांसफर कर पाना उनके लिए बड़ी चुनौती भी है ।
अभी पिछले दिनों सुभाष जैन के क्लब ने अपने एक आयोजन में रोटरी न्यूज ट्रस्ट के सेक्रेटरी चुने जाने पर सुभाष जैन का स्वागत किया । गौर करने की बात यह है कि रोटरी न्यूज ट्रस्ट में प्रत्येक वर्ष पदाधिकारी चुने जाते हैं, लेकिन उनका कोई नोटिस तक नहीं लेता; 'ऊपर' के कुछेक लोगों को छोड़कर किसी को इस बात में दिलचस्पी नहीं होती कि रोटरी न्यूज ट्रस्ट में कौन किस पद पर है । सुभाष जैन का क्लब चूँकि उत्सवप्रिय है और हर मौके को उत्सव में बदल देने का हुनर रखता है, इसलिए उनके क्लब ने उनके रोटरी न्यूज ट्रस्ट के सेक्रेटरी बनने को एक जश्न के रूप में सेलीब्रेट किया; इस सेलीब्रेशन के दृश्य तस्वीरों के रूप में डिस्ट्रिक्ट के लोगों तक पहुँचे तो लोगों ने सुभाष जैन के ठीक बगल में खड़े अमित गुप्ता का खास नोटिस लिया - और इस तरह सुभाष जैन की एक उपलब्धि और उनके क्लब के द्वारा उस उपलब्धि को सेलीब्रेट करने की कार्रवाई अमित गुप्ता के लिए लोगों के बीच पहचान बनाने और उस पहचान को 'प्रतिष्ठित' करने का अवसर बन गया । सुभाष जैन को रोटरी फाउंडेशन के लिए जो जोरदार समर्थन मिल रहा है, उसके चलते भी अमित गुप्ता को लोगों के बीच अपनी 'इमेज' बनाने का मौका मिल रहा है । दरअसल रोटरी फाउंडेशन के लिए कोई जब सुभाष जैन को चेक देता है तो उस मौके की तस्वीर खिंचती है, और उस तस्वीर में डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी होने के नाते अमित गुप्ता कभी दाएँ तो कभी बाएँ खड़े नजर आते हैं, और फिर वह तस्वीर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में अमित गुप्ता को महत्त्वपूर्ण बना देती है ।
स्थितियों को बयाँ करते तथ्यों की लोगों के बीच होने वाली आवाजाही स्थितियों से जुड़े - और जुड़े 'दिखने' वाले लोगों की पहचान बनाने तथा उस पहचान को प्रतिष्ठा दिलाने का काम करती है; जिसे तस्वीरें और हवा देती हैं । अमित गुप्ता के मामले में यह 'काम' सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि वह डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी के पद पर हैं और सुभाष जैन के क्लब के सदस्य हैं । कुछेक लोगों का हालाँकि यह भी कहना है कि अमित गुप्ता को हो रहे फायदे को 'संयोगवश' होने वाले फायदे के रूप में देखना अमित गुप्ता के साथ अन्याय करना होगा, क्योंकि इस तरह के संयोग तो हर किसी के साथ बनते ही हैं । उनका कहना है कि अमित गुप्ता चूँकि अपने पद की जिम्मेदारी को अच्छे से निभाते हैं और पद के अनुरूप जरूरत के हिसाब से काम में जुटते हैं, जिसके कारण दूसरों की तुलना में वह सहज रूप से आगे नजर आते हैं । दूसरे लोग ऐसा नहीं कर पाते है, इसलिए उन्हें संयोगों का भी कोई फायदा नहीं मिल पाता है । अमित गुप्ता से हमदर्दी रखने वाले तथा उनकी उम्मीदवारी समर्थन करने वाले लोगों को हालाँकि यह भी लगता है कि स्थितियों के चलते अमित गुप्ता को जो लाभ मिल रहा है, उसका वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए फायदा उठाने का कोई प्रयास करते हुए नहीं दिख रहे हैं । इसलिए माना/समझा जा रहा है कि स्थितियों के चलते अमित गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट में जो लाभ मिल रहा है, उसे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए राजनीतिक समर्थन में ट्रांसफर कर पाना उनके लिए बड़ी चुनौती भी है ।
















